पटना: आरजेडी (RJD) से अलग-थलग चल रहे विधायक तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) अपनी सियासत को नई धार देने में लगे हुए हैं. छात्र जनशक्ति परिषद के जरिए जहां वो छात्रों और युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं, वहीं अब सड़क पर उतरकर अपनी जमीन भी मजबूत करने में जुट गए हैं.
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दरअसल पिछले कुछ समय से तेजप्रताप यादव की आरजेडी में बिल्कुल नहीं सुनी जा रही है. जिस वजह से उन्होंने खुद को पार्टी से अलग कर नया विकल्प स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. अब उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट से एक वीडियो जारी कर इसके संकेत दिए हैं कि वो जल्द ही कुछ बड़ा करने जा रहे हैं.
अपने वीडियो पर कैप्शन देते हुए तेजप्रताप यादव ने लिखा है, 'जलती तपती धरती पर सांसें रही मचलती और सूरज भी जलता रहा, दिन भी तो ढलता रहा, सतत नंगे पांव में और मेरे साथ पूरा छात्र जन शक्ति परिषद् और पूरा बिहार चलता रहा!'
इस वीडियो में तेजप्रताप के तेवर और तरीके से साफ पता चलता है कि वे आरजेडी के बैनर से अलग होना चाह रहे हैं. खुद की पहचान स्थापित करने के लिए वो हर मुश्किल डगर पर चलने को तैयार हैं. सोमवार को पटना में छात्र जनशक्ति मार्च के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपनी आकांक्षा और मंशा जाहिर कर दी है.
जैसा कि हम सब जानते हैं कि अभी उन्होंने तारापुर उपचुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी संजय यादव को अपना समर्थन भी दिया था और प्रचार करने की बात भी कही जा रही थी. हालांकि वो एक दिन बाद ही तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से मिलकर आरजेडी में शामिल हो गए और अपना नाम भी वापस ले लिया, लेकिन इसके बावजूद तेजप्रताप का हौसला नहीं डगमगाया. इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि वे कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट अतिरेक कुमार के पक्ष में प्रचार भी कर सकते हैं.
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तेजस्वी के साथ अघोषित तौर पर तेजप्रताप का मतभेद लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि दोनों में से कोई भी खुलकर एक-दूसरे की मुखालफत नहीं करते हैं, लेकिन बयान और फैसले बताते हैं कि किस कदर दोनों भाइयों के बीच विवाद गहराता जा रहा है. पिछले दिनों तो तेजप्रताप ने बिना नाम लिए यहां तक आरोप लगा दिया था कि कुछ लोग आरजेडी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं. इसलिए उनके पिता लालू यादव (Lalu Yadav) को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है.
दोनों भाइयों के बीच बढ़ती दूरियों को कम करने के लिए मां राबड़ी देवी रविवार देर शाम अचानक दिल्ली से पटना पहुंच गईं और सीधे तेजप्रताप के आवास पहुंच गईं, लेकिन जबतक राबड़ी वहां रुकीं, तेजप्रताप नहीं आए. मां के जाने के कुछ ही देर बाद वो अपने आवास पहुंच गए. इसका साफ मतलब निकाला जा रहा है कि तेजप्रताप अब 'समझौता' करने के मूड में नहीं हैं. वो जो करना चाहते हैं, वह कर के रहेंगे. फिर चाहे इसके लिए जो भी फैसला लेना हो.