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Bihar Shikshak Niyojan: नई शिक्षक नियमावली का विरोध, शिक्षक संघ ने पटना DM ऑफिस में किया प्रदर्शन, देखें VIDEO

नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली का शिक्षक संघ लगातार विरोध कर रहा है. सरकार शिक्षकों के मांगों को जब नहीं सुनी तो शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया और अब इसी के तहत सोमवार को नई शिक्षा नीति नियमावली वापस लेने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा. पढ़ें पूरी खबर

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Published : May 1, 2023, 3:48 PM IST

पटना में नए शिक्षक नियमावली के विरोध में प्रदर्शन

पटना: नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली का शिक्षक संघ अब सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. सोमवार को शिक्षक सड़क पर उतरकर जमकर प्रदर्शन (protest of teachers in Patna) किया. शिक्षक संघ भवन से निकलकर बिस्कोमान गोलंबर होते हुए छज्जू बाग के रास्ते मार्चपास्ट करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की. नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को अविलंब वापस करने के साथ-साथ जल्द शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की.

ये भी पढ़ें: Bihar Shikshak Niyojan : नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ नियोजित शिक्षकों का फूटा गुस्सा, वादा खिलाफी का आरोप

जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन: अब आरपार की होगी लड़ाई: नई नियमावली जब से आई है तभी से शिक्षक नियमावली का विरोध कर रहे हैं. जल्दी से हटाकर शिक्षकों को सीधे राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. सरकार शिक्षकों के मांगों को जब नहीं सुनी तो शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया. अब इसी के तहत सोमवार को नई शिक्षा नीति नियमावली वापस लेने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा.


"नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली शिक्षकों के ऊपर एक काला कानून लाया गया है. इसी के प्रतिरोध में वह लोग प्रतिरोध मार्च निकालते हुए सभी शिक्षक अपने जिला मुख्यालय में जाकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप रहे हैं. शिक्षक नियुक्ति नियमावली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. अगर यह नियमावली अविलंब वापस नहीं ली जाती है तो शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे और सरकार की जड़ों को हिला देंगे और सत्ता से बाहर कर देंगे." - ज्ञान प्रकाश, शिक्षक


नई शिक्षा नियुक्ति नियमावली को सरकार अविलंब वापस लें. सरकार अगर अविलंब इसे वापस नहीं करती है तो पूरे प्रदेश में शिक्षक आंदोलन खड़ा करेंगे. सरकार अभी शिक्षकों के आंदोलन से परिचित नहीं हैं. इसलिए शिक्षकों को खंड-खंड में बांट रही है. ऐसा नहीं चलेगा. सरकार को बिना शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा देना होगा. -शेखर कुमार, शिक्षक

"वह विगत 15 वर्षों से सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक कार्य कर रहे हैं. इतना ही नहीं पशु गणना भी करते हैं. जाति-गणना भी कर रहे हैं और शैक्षणिक कार्य के अलावा कई सारे सरकारी कार्य को भी करते हैं. उन्होंने पहले पात्रता परीक्षा पास किया, फिर उनके गुणवत्ता पर शक हुआ तो दक्षता परीक्षा पास किया. अब सरकार कह रही है कि बीपीएससी से परीक्षा ली जाएगी. जो योग्य होंगे उन्हीं को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा." -संजीत कुमार, शिक्षक

"सरकार की नीतियों के खिलाफ में शिक्षक समाज को सड़क पर उतरना पड़ रहा है. नहीं नियमावली जब से आई है तभी से शिक्षक विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार कान बंद कर बैठी हुई है ऐसे में मजबूरन शिक्षकों को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. वह लोग लंबे समय से प्रमोशन और ट्रांसफर की प्रतीक्षा कर रहे थे लेकिन सरकार ने यह नई नियमावली ला दी जो शिक्षकों के सम्मान के खिलाफ है जिससे शिक्षक समाज काफी आहत है." -सरिता शर्मा, शिक्षिका, उच्च माध्यमिक

पटना में नए शिक्षक नियमावली के विरोध में प्रदर्शन

पटना: नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली का शिक्षक संघ अब सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. सोमवार को शिक्षक सड़क पर उतरकर जमकर प्रदर्शन (protest of teachers in Patna) किया. शिक्षक संघ भवन से निकलकर बिस्कोमान गोलंबर होते हुए छज्जू बाग के रास्ते मार्चपास्ट करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की. नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को अविलंब वापस करने के साथ-साथ जल्द शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की.

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जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन: अब आरपार की होगी लड़ाई: नई नियमावली जब से आई है तभी से शिक्षक नियमावली का विरोध कर रहे हैं. जल्दी से हटाकर शिक्षकों को सीधे राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. सरकार शिक्षकों के मांगों को जब नहीं सुनी तो शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया. अब इसी के तहत सोमवार को नई शिक्षा नीति नियमावली वापस लेने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा.


"नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली शिक्षकों के ऊपर एक काला कानून लाया गया है. इसी के प्रतिरोध में वह लोग प्रतिरोध मार्च निकालते हुए सभी शिक्षक अपने जिला मुख्यालय में जाकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप रहे हैं. शिक्षक नियुक्ति नियमावली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. अगर यह नियमावली अविलंब वापस नहीं ली जाती है तो शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे और सरकार की जड़ों को हिला देंगे और सत्ता से बाहर कर देंगे." - ज्ञान प्रकाश, शिक्षक


नई शिक्षा नियुक्ति नियमावली को सरकार अविलंब वापस लें. सरकार अगर अविलंब इसे वापस नहीं करती है तो पूरे प्रदेश में शिक्षक आंदोलन खड़ा करेंगे. सरकार अभी शिक्षकों के आंदोलन से परिचित नहीं हैं. इसलिए शिक्षकों को खंड-खंड में बांट रही है. ऐसा नहीं चलेगा. सरकार को बिना शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा देना होगा. -शेखर कुमार, शिक्षक

"वह विगत 15 वर्षों से सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक कार्य कर रहे हैं. इतना ही नहीं पशु गणना भी करते हैं. जाति-गणना भी कर रहे हैं और शैक्षणिक कार्य के अलावा कई सारे सरकारी कार्य को भी करते हैं. उन्होंने पहले पात्रता परीक्षा पास किया, फिर उनके गुणवत्ता पर शक हुआ तो दक्षता परीक्षा पास किया. अब सरकार कह रही है कि बीपीएससी से परीक्षा ली जाएगी. जो योग्य होंगे उन्हीं को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा." -संजीत कुमार, शिक्षक

"सरकार की नीतियों के खिलाफ में शिक्षक समाज को सड़क पर उतरना पड़ रहा है. नहीं नियमावली जब से आई है तभी से शिक्षक विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार कान बंद कर बैठी हुई है ऐसे में मजबूरन शिक्षकों को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. वह लोग लंबे समय से प्रमोशन और ट्रांसफर की प्रतीक्षा कर रहे थे लेकिन सरकार ने यह नई नियमावली ला दी जो शिक्षकों के सम्मान के खिलाफ है जिससे शिक्षक समाज काफी आहत है." -सरिता शर्मा, शिक्षिका, उच्च माध्यमिक

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