पटना: बिहार में नियोजित शिक्षकों ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया है. दरअसल, शिक्षक संघ की बैठक के बाद 1 फरवरी से हड़ताल पर जाने की बात कही गई है. हालांकि, हड़ताल को लेकर अंतिम फैसला शुक्रवार को होगा.
'शुक्रवार को होगा अंतिम फैसला'
इस बाबत बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने कहा कि उनके संघ ने सर्वसम्मति से 1 फरवरी से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. शुक्रवार को बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की बैठक होगी, जिसमें तमाम संघों के अध्यक्ष हड़ताल पर जाने की तिथि पर आखिरी फैसला लेंगे. उन्होंने बताया कि ये हड़ताल 27 या 28 जनवरी से भी शुरू हो सकती है. आनंद कौशल सिंह ने कहा कि शिक्षक पूरी तरह से मैट्रिक और इंटर परीक्षा का बहिष्कार करेंगे.
'सेवा शर्त का इंतजार कर रहे हैं शिक्षक'
शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षक कई सालों से सेवा शर्त का इंतजार कर रहे हैं. इसके पहले बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने सरकार को 15 जनवरी तक सेवा शर्त लागू करने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन जब सरकार ने 15 फरवरी की डेडलाइन नहीं मानी तो नियोजित शिक्षकों ने 19 जनवरी को हुई मानव श्रृंखला का भी बहिष्कार किया था.
बोर्ड की परीक्षा पर संकट के बादल
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त के लिए एक तीन सदस्यीय हाई लेवल कमिटी 2015 में बनाई थी. इस कमिटी को 3 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन 5 साल बाद भी इस समिति की रिपोर्ट नहीं आई है. जिस वजह से लाखों नियोजित शिक्षक सेवा शर्त का इंतजार कर रहे हैं. सरकार और शिक्षक संघ के बीच जारी इस उठा-पटक में बिहार बोर्ड की परीक्षा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.