पटनाः सरकार ने शिक्षकों की नई सेवा शर्त की अधिसूचना जारी कर दी है. नियोजन नियमावली भी जारी हुई है, जिसके तहत अब शिक्षक नियोजित नहीं होंगे बल्कि नियुक्त होंगे. ईटीवी भारत पहले ही यह बता चुका है कि सरकार ने नियोजित शब्द को हटा दिया है. लेकिन तमाम बातों की बावजूद शिक्षक काफी नाराज हैं. वह नई सेवा शर्त नियमावली से खासे नाखुश हैं.
शिक्षकों की नई सेवा नियमावली 2020
शिक्षा विभाग की अधिसूचना के साथ ही बिहार में शिक्षकों की नई सेवा शर्त नियमावली लागू हो गई है. 20 अगस्त को शिक्षा विभाग ने बिहार नगर निकाय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय की सेवा नियमावली 2020 और बिहार जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली 2020 को अधिसूचित कर दिया है.
वहीं, शिक्षकों ने वेतन वृद्धि और पुरुषों के ट्रांसफर के मामले के साथ अर्जित अवकाश के प्रावधान और छुट्टी के लिए जिला नियोजन इकाई या नगर नियोजन इकाई को अधिकार दिए जाने जैसे मामलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
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उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 50% पदों पर सीधी नियुक्ति
अधिसूचना के मुताबिक अब राज्य के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एग्रीकल्चर टीचर भी रखे जाएंगे. कुछ चुनिंदा ऐसे स्कूलों में एग्रीकल्चर टीचर के पद चिन्हित किए गए हैं. इसके साथ-साथ उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 50% पदों पर सीधी नियुक्ति होगी. जबकि 50 फीसद पद माध्यमिक शिक्षकों के प्रमोशन से भरे जाएंगे.
दिव्यांग और महिला शिक्षकों का होगा एक बार स्थानांतरण
सेवा शर्त नियमावली में दिव्यांग और महिला शिक्षकों को सेवा अवधि में एक बार अंतर नियोजन इकाई (अंतर जिला सहित) स्थानांतरण का लाभ दिया गया है. जबकि पुरुष शिक्षकों को परस्पर स्थानांतरण की सुविधा मिलेगी. सेवा शर्त नियमावली में कुल 24 पृष्ठ हैं. जिनमें नियुक्ति सेवा निरंतरता ट्रांसफर प्रमोशन समेत शिक्षकों से जुड़े तमाम मामलों को समाहित किया गया है.
'अंधकार में शिक्षकों का भविष्य'
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा की सरकार में सेवा शर्त में ऐसे कई बदलाव कर दिए हैं जिससे शिक्षकों का भविष्य अंधकार में हो गया है. अभिषेक कुमार ने कहा कि बहुत जल्द शिक्षकों का संगठन सरकार को लिखित आवेदन देगा और यह मांग करेगा कि शिक्षकों की मांगों पर विचार करते हुए सेवा शर्त को लागू किया जाए. अगर सरकार शिक्षक संघ की मांग नहीं मानती है तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे.
7 सूत्री मांगों को पूरा करें
इधर बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ और बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने भी कहा है कि सरकार शिक्षकों से अविलंब वार्ता करें और तभी सेवा शर्त को लागू किया जाए. मनोज कुमार ने कहा कि बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति सरकार से यह मांग करता है कि राज्य सरकार अभिलंब शिक्षक संगठनों से वार्ता करें और शिक्षकों की सभी 7 सूत्री मांगों को पूरा करें ताकि शिक्षक पूर्ण मनोयोग से शिक्षण का कार्य कर सकें और राज्य में शिक्षा का विकास हो सके.