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STET अभ्यर्थियों को कब मिलेगा सर्टिफिकेट.. शिक्षा विभाग और बिहार बोर्ड के जवाब का अभ्यर्थी कर रहे हैं इंतजार

वर्ष 2019 में एसटीईटी परीक्षा पास करने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानी दूर नहीं हो रही है. वे पिछले एक साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. आए दिन पार्टी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. कभी शिक्षा विभाग तो कभी बिहार बोर्ड के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थी परीक्षा पास होने के बाद भी अपने सर्टिफिकेट के लिए तरस रहे हैं.

एसटीईटी अभ्यर्थी कर रहे हैं सर्टिफिकेट की मांग
एसटीईटी अभ्यर्थी कर रहे हैं सर्टिफिकेट की मांग
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Published : Jan 8, 2022, 9:38 PM IST

पटना: वर्ष 2019 में करीब 8 साल के बाद बिहार में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन मांगे गए. वर्ष 2020 में एसटीईटी का आयोजन हुआ. लेकिन विवाद बढ़ने पर परीक्षा रद्द कर दी गई. एक बार फिर ऑनलाइन एसटीईटी का आयोजन (Teacher Candidates Demand Reinstatement) सितंबर महीने में किया गया. वर्ष 2021 के मार्च महीने में शिक्षा विभाग ने 12 विषयों का रिजल्ट जारी किया, जिसमें करीब 25000 अभ्यर्थी सफल थे.

यह भी पढ़ें- बहाली को लेकर एसटीईटी उतीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने खदेड़ा

लेकिन एक बार फिर जब जून महीने में तीन अन्य विषयों का रिजल्ट जारी किया गया, तो रिजल्ट में सफल अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 80 हजार हो गई. यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ. जिस पर कार्रवाई अब तक नहीं हो पायी है. बाद में शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सातवें चरण की बहाली होगी, तो उसमें सभी को मौका मिलेगा. लेकिन उसके बाद बिहार शिक्षा विभाग सब कुछ भूल गया. अभ्यर्थी सर्टिफिकेट के लिए परेशान हैं, लेकिन सर्टिफिकेट भी उन्हें अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. शिक्षा विभाग की तरफ से या बिहार बोर्ड की तरफ से इस पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

एसटीईटी अभ्यर्थी कर रहे हैं सर्टिफिकेट की मांग

शिक्षक अभ्यर्थी आए दिन कभी विभिन्न राजनीतिक दलों के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते हैं, तो कभी गर्दनीबाग में सर्टिफिकेट की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब हमने परीक्षा पास कर ली, तो सर्टिफिकेट देने में शिक्षा विभाग और बिहार बोर्ड को क्या परेशानी है. यह तो हमारा हक है. अगर हमने एसटीईटी परीक्षा में सफलता पाई है और सरकार की तरफ से यह कहा भी गया है कि हम सफल अभ्यर्थी हैं, तो सर्टिफिकेट देने में क्या परेशानी है.

दरअसल, बिहार बोर्ड ने पहले मेरिट में आए अभ्यर्थियों को सफल बताते हुए रिजल्ट की घोषणा की थी. बाद में मेरिट और मेरिट से बाहर के नाम से दो तरह के लिस्ट जारी किए गए. जिसे लेकर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई और यहीं से परेशानी शुरू हुई, जो अब तक दूर नहीं हो पाई है. शिक्षा विभाग ने पहले करीब 37 हजार खाली पदों के लिए एसटीईटी के आयोजन की बात कही थी. लेकिन जब अभ्यर्थी 80 हजार से ज्यादा हो गए. इसमें वर्ष 2011 में सफल अभ्यर्थियों को भी मौका देने की बात शिक्षा विभाग की ओर से कही गई. उसके बाद से 2019 में एसटीईटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी परेशान हैं. उन्हें इस बात को लेकर संदेह है कि शिक्षा विभाग सातवें चरण की बहाली करेगा भी या नहीं और अगर सातवें चरण की बहाली होगी तो कब तक होगी.

ये भी पढ़ें- पटना में वार्ड सचिवों का उग्र हुआ प्रदर्शन, पुलिस का लाठीचार्ज.. विरोध में जमकर चले पत्थर

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पटना: वर्ष 2019 में करीब 8 साल के बाद बिहार में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन मांगे गए. वर्ष 2020 में एसटीईटी का आयोजन हुआ. लेकिन विवाद बढ़ने पर परीक्षा रद्द कर दी गई. एक बार फिर ऑनलाइन एसटीईटी का आयोजन (Teacher Candidates Demand Reinstatement) सितंबर महीने में किया गया. वर्ष 2021 के मार्च महीने में शिक्षा विभाग ने 12 विषयों का रिजल्ट जारी किया, जिसमें करीब 25000 अभ्यर्थी सफल थे.

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लेकिन एक बार फिर जब जून महीने में तीन अन्य विषयों का रिजल्ट जारी किया गया, तो रिजल्ट में सफल अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 80 हजार हो गई. यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ. जिस पर कार्रवाई अब तक नहीं हो पायी है. बाद में शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सातवें चरण की बहाली होगी, तो उसमें सभी को मौका मिलेगा. लेकिन उसके बाद बिहार शिक्षा विभाग सब कुछ भूल गया. अभ्यर्थी सर्टिफिकेट के लिए परेशान हैं, लेकिन सर्टिफिकेट भी उन्हें अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. शिक्षा विभाग की तरफ से या बिहार बोर्ड की तरफ से इस पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

एसटीईटी अभ्यर्थी कर रहे हैं सर्टिफिकेट की मांग

शिक्षक अभ्यर्थी आए दिन कभी विभिन्न राजनीतिक दलों के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते हैं, तो कभी गर्दनीबाग में सर्टिफिकेट की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब हमने परीक्षा पास कर ली, तो सर्टिफिकेट देने में शिक्षा विभाग और बिहार बोर्ड को क्या परेशानी है. यह तो हमारा हक है. अगर हमने एसटीईटी परीक्षा में सफलता पाई है और सरकार की तरफ से यह कहा भी गया है कि हम सफल अभ्यर्थी हैं, तो सर्टिफिकेट देने में क्या परेशानी है.

दरअसल, बिहार बोर्ड ने पहले मेरिट में आए अभ्यर्थियों को सफल बताते हुए रिजल्ट की घोषणा की थी. बाद में मेरिट और मेरिट से बाहर के नाम से दो तरह के लिस्ट जारी किए गए. जिसे लेकर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई और यहीं से परेशानी शुरू हुई, जो अब तक दूर नहीं हो पाई है. शिक्षा विभाग ने पहले करीब 37 हजार खाली पदों के लिए एसटीईटी के आयोजन की बात कही थी. लेकिन जब अभ्यर्थी 80 हजार से ज्यादा हो गए. इसमें वर्ष 2011 में सफल अभ्यर्थियों को भी मौका देने की बात शिक्षा विभाग की ओर से कही गई. उसके बाद से 2019 में एसटीईटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी परेशान हैं. उन्हें इस बात को लेकर संदेह है कि शिक्षा विभाग सातवें चरण की बहाली करेगा भी या नहीं और अगर सातवें चरण की बहाली होगी तो कब तक होगी.

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