पटनाः बिहार के पटना उद्योग विभाग की ओर से संवाद पत्रिका का लोकार्पण किया गया. इस समारोह में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ (Industries Minister Sameer Kumar Mahaseth), उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक, खादी ग्रामउद्योग बोर्ड के सीओ दिलीप कुमार रहें. कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि 2022-23 में उद्योग विभाग का मूल बजट 1545 करोड़ का था जिसे बढ़ा कर 3253 करोड़ कर दिया गया है.
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2022 की उपलब्धियों पर चर्चाः कार्यक्रम में उद्योग विभाग की 2022 की उपलब्धियों और वर्ष 2023 की कार्य योजना पर चर्चा की गई. इस दौरान उद्योग मंत्री ने कहा कि 2022 में उद्योग विभाग ने कई काम किया है. जिससे विभाग लगातार उपलब्धी मिल रही है. उद्योग मंत्री ने कहा कि साल 2023 में राज्य में कोचिंग सहित चाय को भी उद्योग का दर्जा दिया जाएगा जिसपर काम शुरू हो गया है. कई इन्वेस्टर मीट का भी आयोजन किया जाएगा.
हस्तकरघा को बढ़ावा मिलेगाः बिहार में हस्तशिल्प और हस्तकरघा को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयत्नशील रहेगा. मंत्री ने बताया कि 30 अप्रैल को पूर्णिया में देश का पहला ग्रीन फील्ड इथेनॉल प्लांट प्रारंभ हुआ है और बिहार में 17 एथनॉल इकाई निर्माणाधीन है. बताया कि 2022 -23 में 28 दिसंबर 2022 तक 50 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन प्रारंभ किया गया है. इन इकाइयों में 925 करोड़ रुपए का निवेश हुआ और 2734 लोगों को रोजगार भी दिया गया है.
"2022-23 में उद्योग विभाग का मूल बजट 1545 करोड़ का था जिसे बढ़ा कर 3253 करोड़ कर दिया गया है. इससे साफ है कि नीतीश कुमार की सरकार में बेहतर काम हो रहा है. नया साल में चाय और कोचिंग को उद्योग में शामिल किया जाएगा."- समीर महासेठ, उद्योग मंत्री
15101 को प्रशिक्षण दिया गयाः कार्यक्रम में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने बताया कि साल 2022 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत चयनित किए गए 15986 लाभुकों में से 15101 को प्रशिक्षण दिया गया. उन्हें प्रथम किस्त की राशि प्रदान की गई है. 6447 लाभुकों को द्वितीय और 995 लोगों को तृतीय किस्त प्रदान किया गया है.
उद्यमी योजना से जीविका को जोड़ा गयाः मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से जीविका के दीदियों को जोड़ा गया है. क्लस्टर की शुरुआत के लिए उन 39 जीविका दीदियों को मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 10 हजार 10 हजार की सहायता दी गई है. बियाडा के 9 औद्योगिक क्षेत्रों में 24 लाख वर्ग फीट को प्लग एंड प्ले औद्योगिक के रूप में विकसित किया गया है जो उद्योग इकाइयों को 4-8 रुपए प्रति वर्ग फिट के रूप में दिया जा रहा है.