पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad Submitted CAG Report In Bihar Assembly) ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन (4th Day OF Winter Session) 2019-20 का सीएजी रिपोर्ट सदन में पेश (CAG Report 2019-20) किया. सीएजी रिपोर्ट में कई तरह के खुलासे हुए हैं. वहीं, सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा किया है.
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21 मार्च, 2020 तक 79690.92 करोड़ के कुल 2590 उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित थे. वहीं, इस दौरान राजस्व घाटा भी बढ़कर 14,724 करोड़ हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.64% अधिक है. इसके साथ 2019-20 में राजस्व प्राप्ति में बजट आंकलन में 29% से अधिक कमी आई है.
वर्ष 2019-20 में 21448.74 करोड़ के 327 उपयोगिता प्रमाण पत्र जो बिहार सरकार के विभागों द्वारा दिए गए सहायता अनुदान के विरुद्ध राज्य के निकायों और प्राधिकारों द्वारा समर्पित नहीं किए गए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 21448.74 करोड़ की राशि खर्च हुई या नहीं हुई, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
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इसके अलावा 58,248.18 करोड़ के कुल 2263 उपयोगिता प्रमाण पत्र जो 2018-19 में प्रस्तुतीकरण के लंबित थे, वह भी 21 मार्च 2019 तक बकाया था. इस प्रकार कुल 79,690.92 करोड़ के 2590 उपयोगिता प्रमाण पत्र 31 मार्च 2020 तक लंबित हैं. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के जोखिमों से भरा है. इसमें सबसे अधिक लंबित शिक्षा विभाग से हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2019 के दौरान बिहार को 2008-09 के बाद पहली बार 1784 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है. वहीं, 2019-20 में राजस्व प्राप्ति में भी कमी आई है. कुल 7561 करोड़ यानी 5.74 प्रतिशत की कमी हुई है, जो बजट आंकलन से 29.71% कम है. जबकि राजस्व व्यय में 2019-20 में 1120 करोड़ वृद्धि हुई है, जो बजट आंकलन से 18.82% कम है.