पटनाः केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने कृषक कल्याण की योजनाओं (Farmers Welfare Schemes) का लाभ किसानों को दिलाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. बिहार सहित पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में 10,000 नए फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (Farmers Producer Organization) बनाए जा रहे हैं. एफपीओ की मजबूती के लिए 1500 करोड़ रुपए का क्रेडिट गारंटी निधि बनाया गया है. किसानों के कल्याण एवं उनकी आय दुगनी करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. ये बातें बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कही.
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उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन संगठन के प्रबंधन के लिए भारत सरकार 15 लाख रुपए तक दे रही है. किसानों को उनकी उत्पादन का बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से धान, गेहूं, मक्का, दलहन आदि अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को निर्धारित करते हुए विगत वर्ष की तुलना में वृद्धि की गई है. न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से धान की खरीद जारी है. इसके अंतर्गत 10 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं. बिहार सरकार ने धान, गेहूं, दलहन की अधिप्राप्ति हेतु संस्थागत व्यवस्था सुनिश्चित की है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने हेतु केंद्र सरकार ने एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है, जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री होंगे. साथ ही 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
जैविक खेती प्रोत्साहन योजना एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का काम भी किया जा रहा है. मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड से कृषि उत्पादकता एवं आय बढ़ाने में भरपूर मदद मिल रही है. इस कार्ड के अनुसार उर्वरकों के इस्तेमाल से खेती का अनावश्यक खर्च घटा है. वहीं, बाढ़, अतिवृष्टि और अन्य कारणों से किसानों की फसल नुकसान का आकलन कर उनकी क्षतिपूर्ति की जा रही है.
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बिहार सरकार ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन तीन नए कृषि महाविद्यालयों के खोलने का निर्णय लिया है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार के किसानों को बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृषि बाजार समितियों के जीर्णोद्धार एवं विकास चरणबद्ध तरीके से करने का भी निर्णय लिया गया है.
इसके तहत लगभग 2700 करोड़ रुपए की लागत से अनाज, फल सब्जी एवं मछली के लिए अलग-अलग बाजार एवं स्टोरेज की सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और हर खेत को सिंचाई का पानी योजना के माध्यम से कृषकों को सुविधा प्रदान की गई है.