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स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र का शुभारंभ, तमिलनाडु के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि ने किया उद्घाटन - स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम

तमिलनाडु के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि (Tamil Nadu Governor Ravindra Narayan Ravi) ने बिहटा में सीताराम आश्रम में स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बनने की राह पर है. वहीं, इस दौरान बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Bihar Assembly Speaker Vijay Sinha) भी मौजूद रहे.

स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र का शुभारंभ
स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र का शुभारंभ
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Published : Jun 15, 2022, 9:32 AM IST

पटना: तमिलनाडु के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि (Tamil Nadu Governor Ravindra Narayan Ravi) ने राजधानी पटना के बिहटा स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम में बने सामाजिक शोध संग्रहालय और खेल-प्रशिक्षण शिक्षण संस्थान का उद्घाटन (Swami Sahajanand Saraswati Sports and Learning Center) किया. बिहार में किसान आंदोलन के जनक और जमींदारी प्रथा के प्रखर विरोधी स्वामी सहजानंद सरस्वती के जीर्ण-शीर्ण आश्रम को पुनर्जीवित कर नए रूप में तैयार किया गया है. वहीं उनके आश्रम में बने एक सामाजिक शोध संस्थान और खेल शिक्षण केंद्र विद्यालय का भी शुभारंभ हुआ है. इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने सबसे पहले स्वामी सहजानंद के समाधि स्थल पर जाकर उनको पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी.

ये भी पढ़ें: पटना: स्वामी सहजानंद सरस्वती के आश्रम का किया जा रहा जीर्णोद्धार

खेल एवं शिक्षण केंद्र का किया उद्घाटन: जानकारी के मुताबिक स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र में दाखिला लेने वाले बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, सामान्य विज्ञान, कंप्यूटर और कला की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी. अगले साल से संगीत, वादन आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होगी. जिसके लिए मामूली शुल्क लिया जाएगा. यहां बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया जाएगा. 10 से 14 साल तक के बच्चों के लिए एसेंबली की व्यवस्था होगी, जिसमें वे प्रखर वक्ता के रूप में विकसित होंगे.

'भारत में सिर्फ राष्ट्रवाद': उद्घाटन के बाद राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि ने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बन रहा है और इस विश्व गुरु में स्वामी सहजानंद सरस्वती जैसे लोगों का भी अहम रोल है. उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने शुरू से ही किसानों और दबे कुचले वंचित लोगों के लिए हमेशा से आवाज उठाने का काम किया. जमींदारी जैसी प्रथा को खत्म करने की मुहिम जिस तरह से शुरू हुई थी, वह आज कामयाब होती दिख रही है. डॉक्टर सत्यजीत सिंह ने अपने देखरेख में स्वामी जी के आश्रम को फिर से जीवित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भारत में न कोई कोई क्षेत्रवाद है, न कोई जातिवाद है और न ही धर्मवाद है. हमारे यहां सिर्फ राष्ट्रवाद है.

स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र का शुभारंभ
स्वामी सहजानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते रविन्द्र नारायण रवि

"जिस विजन के साथ और जिस आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. एक नई सोच के साथ, एक नई दृष्टि के साथ. जहां न तो कोई क्षेत्रवाद है, न कोई जातिवाद है न कोई धर्मवाद है. हमारे यहां सिर्फ राष्ट्रवाद है. राष्ट्रवाद से पूरे देश को एक परिवार की तरह देखकर आगे बढ़ रहा है और आगे बढ़ेंगे. ये एक मौलिक परिवर्तन है और पूरे देश के नौजवान इसको समझ रहे हैं"- रविन्द्र नारायण रवि, राज्यपाल, तमिलनाडु

वहीं बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि इस आश्रम के सभी ट्रस्टी के सदस्यों को मैं धन्यवाद देता हूं कि एक बार फिर स्वामी जी की जीवनी को जीवित करने का काम किया है. स्पीकर ने देश के मौजूदा हालात को लेकर कहा कि यह देश अब 21वीं सदी में चल रहा है और 21वीं सदी में नकारात्मक सोच नहीं चलेगी. देश की दो तिहाई युवा वर्ग डिजिटल फोन पर है और युवा वर्ग पूरी तरह से जागरूक है. जो लोग समाज में खाई पैदा कर रहे हैं, वह कभी कामयाब नहीं होंगे.

"इस आश्रम के सभी ट्रस्टी के सदस्यों को मैं धन्यवाद देता हूं कि एक बार फिर स्वामी जी की जीवनी को जीवित करने का काम किया है. जिस तरह से गुलामी वाले शासन में स्वामी जी ने जमींदारी जैसे प्रथा को कुचलने का काम किया और दबे कुचले किसानों की आवाज उठाने का कार्य किया था. आने वाले युवा पीढ़ियों को अपने देश के इतिहास के बारे में जानने का मौका मिलेगा"- विजय सिन्हा, अध्यक्ष, बिहार विधानसभा


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पटना: तमिलनाडु के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि (Tamil Nadu Governor Ravindra Narayan Ravi) ने राजधानी पटना के बिहटा स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम में बने सामाजिक शोध संग्रहालय और खेल-प्रशिक्षण शिक्षण संस्थान का उद्घाटन (Swami Sahajanand Saraswati Sports and Learning Center) किया. बिहार में किसान आंदोलन के जनक और जमींदारी प्रथा के प्रखर विरोधी स्वामी सहजानंद सरस्वती के जीर्ण-शीर्ण आश्रम को पुनर्जीवित कर नए रूप में तैयार किया गया है. वहीं उनके आश्रम में बने एक सामाजिक शोध संस्थान और खेल शिक्षण केंद्र विद्यालय का भी शुभारंभ हुआ है. इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने सबसे पहले स्वामी सहजानंद के समाधि स्थल पर जाकर उनको पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी.

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खेल एवं शिक्षण केंद्र का किया उद्घाटन: जानकारी के मुताबिक स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र में दाखिला लेने वाले बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, सामान्य विज्ञान, कंप्यूटर और कला की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी. अगले साल से संगीत, वादन आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होगी. जिसके लिए मामूली शुल्क लिया जाएगा. यहां बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया जाएगा. 10 से 14 साल तक के बच्चों के लिए एसेंबली की व्यवस्था होगी, जिसमें वे प्रखर वक्ता के रूप में विकसित होंगे.

'भारत में सिर्फ राष्ट्रवाद': उद्घाटन के बाद राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि ने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बन रहा है और इस विश्व गुरु में स्वामी सहजानंद सरस्वती जैसे लोगों का भी अहम रोल है. उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने शुरू से ही किसानों और दबे कुचले वंचित लोगों के लिए हमेशा से आवाज उठाने का काम किया. जमींदारी जैसी प्रथा को खत्म करने की मुहिम जिस तरह से शुरू हुई थी, वह आज कामयाब होती दिख रही है. डॉक्टर सत्यजीत सिंह ने अपने देखरेख में स्वामी जी के आश्रम को फिर से जीवित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भारत में न कोई कोई क्षेत्रवाद है, न कोई जातिवाद है और न ही धर्मवाद है. हमारे यहां सिर्फ राष्ट्रवाद है.

स्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र का शुभारंभ
स्वामी सहजानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते रविन्द्र नारायण रवि

"जिस विजन के साथ और जिस आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. एक नई सोच के साथ, एक नई दृष्टि के साथ. जहां न तो कोई क्षेत्रवाद है, न कोई जातिवाद है न कोई धर्मवाद है. हमारे यहां सिर्फ राष्ट्रवाद है. राष्ट्रवाद से पूरे देश को एक परिवार की तरह देखकर आगे बढ़ रहा है और आगे बढ़ेंगे. ये एक मौलिक परिवर्तन है और पूरे देश के नौजवान इसको समझ रहे हैं"- रविन्द्र नारायण रवि, राज्यपाल, तमिलनाडु

वहीं बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि इस आश्रम के सभी ट्रस्टी के सदस्यों को मैं धन्यवाद देता हूं कि एक बार फिर स्वामी जी की जीवनी को जीवित करने का काम किया है. स्पीकर ने देश के मौजूदा हालात को लेकर कहा कि यह देश अब 21वीं सदी में चल रहा है और 21वीं सदी में नकारात्मक सोच नहीं चलेगी. देश की दो तिहाई युवा वर्ग डिजिटल फोन पर है और युवा वर्ग पूरी तरह से जागरूक है. जो लोग समाज में खाई पैदा कर रहे हैं, वह कभी कामयाब नहीं होंगे.

"इस आश्रम के सभी ट्रस्टी के सदस्यों को मैं धन्यवाद देता हूं कि एक बार फिर स्वामी जी की जीवनी को जीवित करने का काम किया है. जिस तरह से गुलामी वाले शासन में स्वामी जी ने जमींदारी जैसे प्रथा को कुचलने का काम किया और दबे कुचले किसानों की आवाज उठाने का कार्य किया था. आने वाले युवा पीढ़ियों को अपने देश के इतिहास के बारे में जानने का मौका मिलेगा"- विजय सिन्हा, अध्यक्ष, बिहार विधानसभा


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