पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 5 दिनों से सीएम आवास में ही थे और सारे कामकाज को ठप कर रखा था. बावजूद बीजेपी नेताओं के साथ उनकी बैठक नहीं हुई और अब फिर से नीतीश कुमार ने बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है. ऐसे में कई तरह की अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं.
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नीतीश कुमार ने पहले ही कह रखा है कि बीजेपी से सूची नहीं मिली है. खरमास के नाम पर एक महीना टाला गया. ऐसे में बीजेपी नेताओं के साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह लगातार कहते रहे हैं कि बिहार कैबिनेट का विस्तार जल्द हो जाएगा.
![जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-03-mantrimandal-suspence-7201750_28012021134630_2801f_01243_497.jpg)
''मंत्रिमंडल विस्तार में किसी तरह की परेशानी नहीं है और विस्तार जल्द हो जाएगा. पहले खरमास के कारण देरी हुई थी लेकिन अब बहुत जल्द विस्तार हो जाएगा''- आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू
''मंत्रिमंडल विस्तार बहुत जल्द होना हैं .विसतार में विलंब तो हो रहा है लेकिन जल्द ही सब कुछ हो जाएगा''- मुकेश सहनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, वीआईपी
![वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-03-mantrimandal-suspence-7201750_28012021134630_2801f_01243_173.jpg)
नीतीश मंत्रिमंडल का गठन 17 नवंबर को हुआ था. उसके बाद से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जाते रहे हैं. मंत्रिमंडल में शामिल मुकेश सहनी और अशोक चौधरी किसी सदन के सदस्य नहीं थे. हालांकि बाद में मुकेश सहनी को बीजेपी ने खाली हुए सीट से विधान परिषद भेज दिया. लेकिन अशोक चौधरी का मामला अभी भी फंसा हुआ है.
बीजेपी-जदयू में नहीं बनी सहमति
सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी और जेडीयू के बीच अभी भी कई पेंच हैं. कुछ मंत्रालय और संख्या को लेकर भी दोनों के बीच पेंच फंसा हुआ है. क्योंकि बिहार में अभी नीतीश कुमार के साथ 14 मंत्री हैं और कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. 22 मंत्री अभी और बनना संभव हैं. जदयू और बीजेपी के बीच ही बंटवारा होना है.
अधर में एमएलसी का भी मामला
राज्यपाल कोटे से एमएलसी के 12 सीटों का मामला भी पिछले साल से ही लटका हुआ है. पहले लोजपा के कारण सहमति नहीं बन पाई. अब बीजेपी और जदयू के बीच संख्या को लेकर भी पेंच फंसा है. नीतीश कुमार चाहते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार के साथ एमएलसी के मामले में भी फैसला हो जाए. लेकिन बीजेपी इसे टालना चाहती है और इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार का मामला भी लटका हुआ है. लगातार कयासों का दौर जारी है.