पटनाः प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक महत्वपूर्ण होती है और बैठक में सभी राज्य के मुख्यमंत्री अपने राज्य के विकास योजनाओं से संबंधित मांग प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं. इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार के हिस्सा लेने पर सस्पेंस बरकार है. वहीं वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि हम लोग विशेष राज्य के दर्जे और विशेष मदद की अपनी मांग रखेंगे. वहीं विशेषज्ञ कहते हैं कि इस तरह की बैठकों में मुख्यमंत्री को जाना चाहिए. इससे राज्य के विकास की योजनाओं को मजबूती से रखा जा सके.
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27 मई को होगी बैठक: इस बार 27 मई को नीति आयोग बैठक होने जा रही है. बैठक के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रण दिया गया है. पिछले साल नीतीश कुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को छोड़कर सभी मुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुए थे. नीतीश कुमार को लेकर इस बार भी सस्पेंस बना हुआ है. क्योंकि नीतीश कुमार पिछले 1 साल के दौरान प्रधानमंत्री की बैठकों से लगातार दूरी बनाते रहे हैं. अब जब बिहार में महागठबंधन की सरकार है, हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री के जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
सीएम को लेने चाहिए बैठक में भागः विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का कहना है कि इस तरह की बैठकों में मुख्यमंत्री का जाना एक्सपेक्टेड रहता है. जिससे अपनी राज्य की विकास योजनाओं को मजबूती से रख सकें. विशेष राज्य के दर्जे की मांग की बात है तो वह क्यों चाहिए. बैठक में वहां रखा जा सकता है. हालांकि इस पर सफलता मिलेगी. इसकी संभावना कम है. इसके साथ केंद्रीय योजनाओं को लेकर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट इस बैठक के माध्यम से कराना संभव है. इसलिए इस तरह की बैठक में मुख्यमंत्री को जाना चाहिए, इससे लाभ होगा.
"इस तरह की बैठकों में मुख्यमंत्री का जाना एक्सपेक्टेड रहता है. जिससे अपनी राज्य की विकास योजनाओं को मजबूती से रख सकें. विशेष राज्य के दर्जे की मांग की बात है तो वह क्यों चाहिए. बैठक में वहां रखा जा सकता है. हालांकि इस पर सफलता मिलेगी. इसकी संभावना कम है. इसके साथ केंद्रीय योजनाओं को लेकर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट इस बैठक के माध्यम से कराना संभव है" - अजय झा, विशेषज्ञ प्रोफेसर
विशेष राज्य के दर्जे की करेंगे मांगः वहीं वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि बैठक में जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तय करेंगे, लेकिन हम लोग नीति आयोग की बैठक में अपनी बात जरूर रखेंगे. विशेष राज्य के दर्जे के साथ विशेष मदद की मांग हम लोगों के तरफ से लगातार की जाती रही है. विजय कुमार चौधरी का तो यह भी कहना है कि हम लोगों को अभी तक नीति आयोग से निराशा ही हाथ लगी है. क्योंकि नीति आयोग के तरफ से बिहार को एक तरफ पिछड़ा बताया जाता है और दूसरी तरफ उसके हिसाब से मदद भी नहीं दी जाती है. नीति आयोग को बिहार के बारे में थोड़ी भी हमदर्दी है तो बिहार की बात जरूर सुननी चाहिए.
"बैठक में जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तय करेंगे, लेकिन हम लोग नीति आयोग की बैठक में अपनी बात जरूर रखेंगे. विशेष राज्य के दर्जे के साथ विशेष मदद की मांग हम लोगों के तरफ से लगातार की जाती रही है" - विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री
केंद्र की राशि नहीं हो पा रही खर्चः इधर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि नीतीश कुमार को नीति आयोग की बैठक में जाना चाहिए. बैठक में जाकर बिहार के विकास की योजनाओं को मजबूती से रखना चाहिए. विशेष राज्य की मांग की जाती है, इस बार भी की जाएगी लेकिन उसका लाभ मिलने वाला नहीं है. केंद्र सरकार की तरफ से बिहार में जो योजनाएं चल रही है. उसके लिए जो राशि दी जा रही है. बिहार सरकार खर्च नहीं कर पा रही है और कई योजनाओं की राशि तो लौट जाती है. इस पर भी बिहार सरकार को मंथन करना चाहिए. ऐसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के विकास को लेकर हमेशा सोचते हैं. पहले भी उन्होंने पैकेज दिया है.
"नीतीश कुमार को नीति आयोग की बैठक में जाना चाहिए. बैठक में जाकर बिहार के विकास की योजनाओं को मजबूती से रखना चाहिए. विशेष राज्य की मांग की जाती है, इस बार भी की जाएगी लेकिन उसका लाभ मिलने वाला नहीं है. केंद्र सरकार की तरफ से बिहार में जो योजनाएं चल रही है. उसके लिए जो राशि दी जा रही है. बिहार सरकार खर्च नहीं कर पा रही है"- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बीजेपी
विशेष पैकेज की होगी मांगः नीति आयोग की बैठक में बिहार के तरफ से केंद्र से जो मांग की जान जाने वाली है. उसमें प्रमुख रूप से विशेष राज्य के दर्जे की मांग, बिहार को विशेष पैकेज की मदद की मांग. बिहार में लंबित योजनाओं को शीघ्र पूरा करने की मांग, केंद्रीय योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी कम करने की मांग आदि शामलि है. नीति आयोग की बैठक में बिहार के विशेष राज्य के दर्जे विशेष पैकेज के साथ बिहार में केंद्र सरकार की लटकी कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर भी बात रखी जाएगी. यह तय है लेकिन यह देखना है की बैठक में इस बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाते हैं या नहीं और नहीं जाते हैं तब क्या तब पत्र के माध्यम से ही बिहार की मांग रखेंगे.