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वित्तीय वर्ष 2021-22 में जीडीपी का संकुचन -7.7% रहने का अनुमान- सुशील कुमार मोदी

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृति पर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस दौरान राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जीडीपी माइनस में रहने का अनुमान बताया.

स्मृति व्याख्यान
स्मृति व्याख्यान
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Published : Feb 21, 2021, 11:56 AM IST

पटना: राजधानी के बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया. स्मृति व्याख्यान पर कृषि और विकास विषय चर्चा हुई. इस दौरान राज्यसभा सांसद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के चिंतन का ही परिणाम था कि आजादी के पूर्व देश का पहला गौशाला एक्ट बिहार में बना. इसके बाद पटना के सदाकत आश्रम और बिहार में मॉडल गौशाला की स्थापना की गई.

जीडीपी की दर नकारात्मक रही
व्याख्यान के दौरान सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी का काफी असर पड़ा. वर्ष 2020-21 में जीडीपी -7.7% रहना अनुमानित है. इसके पहले चार ऐसे वित्तीय वर्ष रहे हैं, जिसमें जीडीपी की दर नकारात्मक रही. जिसमें वर्ष 1957-58, 1965-66, 1972-73, 1979-80 में नकारात्मक अर्थव्यवस्था का मुख्य कारण कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन रहा. कोविड के कारण 2020 में देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट हुई और नकारात्मक स्तर पर पहुंची.

ये भी पढ़ें- बिहार आर्थिक सर्वेक्षण में दिखी बेहतर वित्तीय प्रबंधन की झलक, 2018-19 में विकास दर 10.53 फीसदी


अर्थव्यवस्था को बचाने में कृषि का योगदान
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी कृषि क्षेत्र में विकास दर 3.4% दर्ज किया गया. जबकि अर्थव्यवस्था के दूसरे प्रक्षेत्र और सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन अत्यंत खराब रहा. अर्थव्यवस्था को बचाने में कृषि क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान रहा है. कृषि क्षेत्र में लाए गए कानूनों का विरोध हो रहा है. लेकिन यह विरोध मात्र देश के कुछ राज्यों में है. यह कानून किसानों के हित में है. कृषि उत्पाद के मामले में हम आत्मनिर्भर हैं. आज हमारे समक्ष चुनौती है कि हम अपने लोगों को कुपोषण से कैसे बचाएं. जिस गति से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है. उससे यह अनुमानित है कि वर्ष 2027 तक हम जनसंख्या के मामले में विश्व में प्रथम स्थान पर होंगे.

पटना: राजधानी के बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया. स्मृति व्याख्यान पर कृषि और विकास विषय चर्चा हुई. इस दौरान राज्यसभा सांसद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के चिंतन का ही परिणाम था कि आजादी के पूर्व देश का पहला गौशाला एक्ट बिहार में बना. इसके बाद पटना के सदाकत आश्रम और बिहार में मॉडल गौशाला की स्थापना की गई.

जीडीपी की दर नकारात्मक रही
व्याख्यान के दौरान सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी का काफी असर पड़ा. वर्ष 2020-21 में जीडीपी -7.7% रहना अनुमानित है. इसके पहले चार ऐसे वित्तीय वर्ष रहे हैं, जिसमें जीडीपी की दर नकारात्मक रही. जिसमें वर्ष 1957-58, 1965-66, 1972-73, 1979-80 में नकारात्मक अर्थव्यवस्था का मुख्य कारण कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन रहा. कोविड के कारण 2020 में देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट हुई और नकारात्मक स्तर पर पहुंची.

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अर्थव्यवस्था को बचाने में कृषि का योगदान
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी कृषि क्षेत्र में विकास दर 3.4% दर्ज किया गया. जबकि अर्थव्यवस्था के दूसरे प्रक्षेत्र और सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन अत्यंत खराब रहा. अर्थव्यवस्था को बचाने में कृषि क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान रहा है. कृषि क्षेत्र में लाए गए कानूनों का विरोध हो रहा है. लेकिन यह विरोध मात्र देश के कुछ राज्यों में है. यह कानून किसानों के हित में है. कृषि उत्पाद के मामले में हम आत्मनिर्भर हैं. आज हमारे समक्ष चुनौती है कि हम अपने लोगों को कुपोषण से कैसे बचाएं. जिस गति से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है. उससे यह अनुमानित है कि वर्ष 2027 तक हम जनसंख्या के मामले में विश्व में प्रथम स्थान पर होंगे.

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