पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कर्पूरी जन्म शताब्दी के अवसर पर जेडीयू की ओर से राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित किया जाना अतिपिछड़ों का 'राजकीय अपमान' है. उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के बाद ठंड कम होने लगती है. यदि भीड़ कम आने का आंकलन था तो राज्य स्तरीय समारोह को बापू सभागार में भी किया जा सकता था, लेकिन तैयारी के बाद सीधे स्थगित कर देना कर्पूरी ठाकुर जैसे कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके अतिपिछड़ा समाज का भी अपमान है.
'जेडीयू का जनाधार खत्म': सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की नीति और नीयत में खोट के कारण अतिपिछड़ा जनाधार जेडीयू से खिसक चुका है. इसलिए भीड़ न जुटने के डर से ठंड के बहाने समारोह स्थगित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि हाल में विकास मित्रों और टोला सेवकों को लगाकर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग से भले ही 'भीम संसद' का आयोजन करा लिया गया, लेकिन कर्पूरी जयंती समारोह में अतिपिछड़ा समाज जुटने वाला नहीं था.
सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला: बीजेपी सांसद ने कहा कि जेडीयू इस बात से भी डरा हुआ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कब क्या बोल देंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं. ऐसे ही कारणों से सीएम की बनारस रैली रद्द की गई थी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ-हानि की चिंता किए बिना जेडीयू 24 जनवरी को कर्पूरी जयंती पर राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित करने से बच सकता था. सवाल ये भी है कि क्या जेडीयू 15-20 हजार लोगों को भी एकत्र नहीं कर सकता था?
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