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सुशील मोदी बोले- 'शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें नीतीश, युवा दिखायें काले झंडे'

Bihar Politics बिहार में धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान से सियासी घमासान मचा है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने साबित कर दिया कि वह शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं. उन्हें इस पद पर बैठाने वाले नीतीश कुमार को सही व्यक्तियों की परख नहीं है. ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
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Published : Jan 12, 2023, 8:54 PM IST

पटना: राजधानी पटना में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ऐसे बयान देकर समाज में घृणा पैदा कर रहे हैं. उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा किया जाना चाहिए. उन्होने कहा कि समाज के बहुसंखयक वर्ग की आस्था पर चोट करने वाले बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुप्पी तोड़नी चाहिए और शिक्षा मंत्री के पद से तुरंत बर्खास्त करना चाहिए.

ये भी पढ़ें : Ramcharitmanas spreads hatred: पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा- 'शिक्षा मंत्री की मानसिक स्थिति ठीक नहीं'

शिक्षा मंत्री रामचरित मानस के निंदक हैं: सुशील कुमार मोदी ने कहा कि श्रीराम मंदिर के विरुद्ध जगदानंद की दुराग्रही टिप्पणी के दो दिन बाद उनकी पार्टी के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के श्रीरामचरित मानस की निंदा करने से साफ कि लालू प्रसाद के नेतृत्व वाला राजद एक हिंदू-विरोधी राजनीतिक संगठन है. यदि ऐसा ही बयान किसी दूसरे धर्मग्रंथ के लिए दिया गया होता तो नीतीश कुमार क्या करते? उन्होंने युवाओं से अपील की कि राजद के ये मंदिर-विरोधी और रामचरित मानस के निंदक नेता जहां भी जाएं, उनके विरुद्ध काले झंडे दिखायें.

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी

लोहिया ने कभी चित्रकूट में रामायण मेला आयोजित किया था: मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने पहले लोहिया को पार्टी के बैनर-पोस्टर से बाहर किया. समाजवाद को परिवादवाद में बदला और अब वे उस रामायण-रामकथा और रामचरित मानस को भी लंछित करने वालों को पाल रहे हैं. जो आख्यान सदियों से हिंदू समाज की प्रेरणा का स्रोत रहा है. भारत में समाजवाद के पुरोधा डा. लोहिया ने कभी चित्रकूट में रामायण मेला आयोजित किया था और आधुनिक समय में श्रीराम के आदर्शों की प्रासंगिकता सिद्ध की थी. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश राजद के नेता वोट-बैंक की राजनीति में अंधे होकर श्री राम और तुलसीकृत श्रीराम चरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताते हैं.

शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं: मोदी ने कहा कि जिस ग्रंथ की सराहना फादर कामिल बुल्के जैसे कैथोलिक क्रिश्चियन ने की. उसकी निंदा कर प्रो.चंद्रशेखर ने साबित कर दिया कि वह शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं. उन्हें इस पद पर बैठाने वाले नीतीश कुमार को सही व्यक्तियों की परख नहीं है. ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए.जो मंत्री रामचरित मानस को जातिगत भेदभाव वाला ग्रंथ बताते हों,उसकी पीएचडी की उपाधि भी संदेहास्पद लगती है.

माता सबरी की चर्चा पूरे आदर के साथ की गई है: मोदी ने कहा कि जहां तक जातिगत भेदभाव की बात है, तो रामायण से जुड़े सभी ग्रंथों में निषाद राज और माता सबरी की चर्चा पूरे आदर के साथ की गई है. श्रीराम ने न केवल सबरी के जूठे बेर खाए, बल्कि नवधा-भक्ति का उपदेश भी सबरी के माध्यम से ही संसार को दिया. आज मुसहर समाज सबरी की पूजा करते हैं.

पटना: राजधानी पटना में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ऐसे बयान देकर समाज में घृणा पैदा कर रहे हैं. उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा किया जाना चाहिए. उन्होने कहा कि समाज के बहुसंखयक वर्ग की आस्था पर चोट करने वाले बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुप्पी तोड़नी चाहिए और शिक्षा मंत्री के पद से तुरंत बर्खास्त करना चाहिए.

ये भी पढ़ें : Ramcharitmanas spreads hatred: पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा- 'शिक्षा मंत्री की मानसिक स्थिति ठीक नहीं'

शिक्षा मंत्री रामचरित मानस के निंदक हैं: सुशील कुमार मोदी ने कहा कि श्रीराम मंदिर के विरुद्ध जगदानंद की दुराग्रही टिप्पणी के दो दिन बाद उनकी पार्टी के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के श्रीरामचरित मानस की निंदा करने से साफ कि लालू प्रसाद के नेतृत्व वाला राजद एक हिंदू-विरोधी राजनीतिक संगठन है. यदि ऐसा ही बयान किसी दूसरे धर्मग्रंथ के लिए दिया गया होता तो नीतीश कुमार क्या करते? उन्होंने युवाओं से अपील की कि राजद के ये मंदिर-विरोधी और रामचरित मानस के निंदक नेता जहां भी जाएं, उनके विरुद्ध काले झंडे दिखायें.

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी

लोहिया ने कभी चित्रकूट में रामायण मेला आयोजित किया था: मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने पहले लोहिया को पार्टी के बैनर-पोस्टर से बाहर किया. समाजवाद को परिवादवाद में बदला और अब वे उस रामायण-रामकथा और रामचरित मानस को भी लंछित करने वालों को पाल रहे हैं. जो आख्यान सदियों से हिंदू समाज की प्रेरणा का स्रोत रहा है. भारत में समाजवाद के पुरोधा डा. लोहिया ने कभी चित्रकूट में रामायण मेला आयोजित किया था और आधुनिक समय में श्रीराम के आदर्शों की प्रासंगिकता सिद्ध की थी. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश राजद के नेता वोट-बैंक की राजनीति में अंधे होकर श्री राम और तुलसीकृत श्रीराम चरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताते हैं.

शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं: मोदी ने कहा कि जिस ग्रंथ की सराहना फादर कामिल बुल्के जैसे कैथोलिक क्रिश्चियन ने की. उसकी निंदा कर प्रो.चंद्रशेखर ने साबित कर दिया कि वह शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं. उन्हें इस पद पर बैठाने वाले नीतीश कुमार को सही व्यक्तियों की परख नहीं है. ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए.जो मंत्री रामचरित मानस को जातिगत भेदभाव वाला ग्रंथ बताते हों,उसकी पीएचडी की उपाधि भी संदेहास्पद लगती है.

माता सबरी की चर्चा पूरे आदर के साथ की गई है: मोदी ने कहा कि जहां तक जातिगत भेदभाव की बात है, तो रामायण से जुड़े सभी ग्रंथों में निषाद राज और माता सबरी की चर्चा पूरे आदर के साथ की गई है. श्रीराम ने न केवल सबरी के जूठे बेर खाए, बल्कि नवधा-भक्ति का उपदेश भी सबरी के माध्यम से ही संसार को दिया. आज मुसहर समाज सबरी की पूजा करते हैं.

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