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Land for Job Scam: सुशील मोदी ने लालू परिवार से पूछे कई सवाल, बोले- 'जमीन के बदले काम था लालू का नारा' - बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लालू एंड फैमिली पर बड़ा हमला किया है. लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाला, आईआरसीटीसी घोटाला और जमीन के बदले नौकरी का मामला चल रहा है. इस पर सुशील मोदी ने कई बड़े खुलासे किए और लालू परिवार पर सवालों की झड़ी लगा दी. उन्होंने नौकरी के बदले जमीन पर कहा कि लालू का नारा था तुम मुझे जमीन दो मैं तुम्हारा काम करूंगा.

sushil modi attack on lalu
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Published : Mar 18, 2023, 5:39 PM IST

बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी

पटना: लालू प्रसाद यादव से जुड़े हुए घोटालों पर सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कई सवाल खड़े किए. साथ ही आरजेडी द्वारा जानबूझकर छापेमारी कराने के आरोपों का भी जवाब दिया. रेलवे में जमीन के बदले नौकरी के मामले में सुशील मोदी ने कहा कि अब ईडी भी इसमें प्रवेश कर चुकी है. जब किसी मामले में अपराध से पैसा निकलकर आता है तो ईडी मामले में एंट्री लेती है. क्राइम किया गया, अपराध हुआ, पैसा आया और उस पैसे का किस तरह से दुरुपयोग हुआ यानी कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी कर रही है.

पढ़ें- Land for Job Scam: 'क्रिमिनल ऑफेंस के चार्जशीटेड होंगे तो इस्तीफा देना ही होगा..' BJP का तेजस्वी यादव पर हमला

बोले सुशील मोदी- 'महागठबंधन सरकार बनने से पहले का मामला': सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी रेलवे में देने के बदले जमीन लिखवाया था. इस मामले में महागठबंधन की सरकार बनने से पहले ही सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली थी. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद f.i.r. नहीं किया गया है, यह बात गलत है.

सुशील मोदी का सवाल: सुशील मोदी ने लालू एंड फैमिली से कई सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि अमित सत्याल ने लालू के बेटे बेटियों को अपनी कंपनी का डायरेक्टर क्यों बनाया? कत्याल परिवार ने एक लाख में अपने सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी को क्यों दे दिए? एके इंफोसिस द्वारा रेलवे में नौकरी के लाभार्थियों से जमीन क्यों लिखवाया गया?

"एके के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अमित कात्याल के नाम से है. इनका लालू प्रसाद यादव के शासन काल में शराब की फैक्ट्री थी जिनकी पार्टनर लालू प्रसाद यादव की दो बेटियां थीं. तेजस्वी यादव का दिल्ली में डी 1088 न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 4 मंजिला मकान है जिसकी कीमत डेढ़ सौ करोड़ है. ईडी ने इसी मकान में पूछताछ किया है. यह मकान एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर कार्यालय है."- सुशील मोदी, बीजेपी राज्यसभा सांसद

'एके इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने तेजस्वी': सुशील मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद एक ट्वीट कर लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के यहां अभी ईडी की रेड हो रही है. एके इन्फो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तेजस्वी प्रसाद यादव मालिक हैं. इस प्रकार तेजस्वी यादव ए.के.इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे. 2006 में हजारी राय के भतीजे दिल चंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार के भतीजे को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे में नौकरी लगाई. इसके बदले लालू प्रसाद यादव को एक के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था.

'एके इंफोसिस्टम के शेयर तेजस्वी-राबड़ी के पास': सुशील मोदी ने बिहार के डिप्टी सीएम पर निशाना साधते हुए आगे कहा है कि एके इंफोसिस्टम के 2014 में तेजस्वी प्रसाद यादव और राबड़ी देवी मालिक बन गए. इस कंपनी के 100% शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम से हैं. 8500 राबड़ी देवी और 1500 तेजस्वी यादव के पास कंपनी के शेयर हैं.

कंपनी के अस्तित्व पर सवाल: एके इंफोसिस द्वारा 2007 से 2010 के बीच में पटना दानापुर चितकोहरा सलेमपुर चितानावा 52 कावा पानापुर में 21 भूखंड खरीदे जिसका क्षेत्रफल 221 डिसमिल होता है.. एके इंफोसिस ने आज तक कोई बिजनेस नहीं किया है. एक नया पैसा भी टर्नओवर नहीं है. कंपनी ने एक ही काम जमीन खरीदने का किया है.

बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी

पटना: लालू प्रसाद यादव से जुड़े हुए घोटालों पर सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कई सवाल खड़े किए. साथ ही आरजेडी द्वारा जानबूझकर छापेमारी कराने के आरोपों का भी जवाब दिया. रेलवे में जमीन के बदले नौकरी के मामले में सुशील मोदी ने कहा कि अब ईडी भी इसमें प्रवेश कर चुकी है. जब किसी मामले में अपराध से पैसा निकलकर आता है तो ईडी मामले में एंट्री लेती है. क्राइम किया गया, अपराध हुआ, पैसा आया और उस पैसे का किस तरह से दुरुपयोग हुआ यानी कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी कर रही है.

पढ़ें- Land for Job Scam: 'क्रिमिनल ऑफेंस के चार्जशीटेड होंगे तो इस्तीफा देना ही होगा..' BJP का तेजस्वी यादव पर हमला

बोले सुशील मोदी- 'महागठबंधन सरकार बनने से पहले का मामला': सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी रेलवे में देने के बदले जमीन लिखवाया था. इस मामले में महागठबंधन की सरकार बनने से पहले ही सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली थी. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद f.i.r. नहीं किया गया है, यह बात गलत है.

सुशील मोदी का सवाल: सुशील मोदी ने लालू एंड फैमिली से कई सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि अमित सत्याल ने लालू के बेटे बेटियों को अपनी कंपनी का डायरेक्टर क्यों बनाया? कत्याल परिवार ने एक लाख में अपने सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी को क्यों दे दिए? एके इंफोसिस द्वारा रेलवे में नौकरी के लाभार्थियों से जमीन क्यों लिखवाया गया?

"एके के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अमित कात्याल के नाम से है. इनका लालू प्रसाद यादव के शासन काल में शराब की फैक्ट्री थी जिनकी पार्टनर लालू प्रसाद यादव की दो बेटियां थीं. तेजस्वी यादव का दिल्ली में डी 1088 न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 4 मंजिला मकान है जिसकी कीमत डेढ़ सौ करोड़ है. ईडी ने इसी मकान में पूछताछ किया है. यह मकान एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर कार्यालय है."- सुशील मोदी, बीजेपी राज्यसभा सांसद

'एके इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने तेजस्वी': सुशील मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद एक ट्वीट कर लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के यहां अभी ईडी की रेड हो रही है. एके इन्फो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तेजस्वी प्रसाद यादव मालिक हैं. इस प्रकार तेजस्वी यादव ए.के.इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे. 2006 में हजारी राय के भतीजे दिल चंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार के भतीजे को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे में नौकरी लगाई. इसके बदले लालू प्रसाद यादव को एक के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था.

'एके इंफोसिस्टम के शेयर तेजस्वी-राबड़ी के पास': सुशील मोदी ने बिहार के डिप्टी सीएम पर निशाना साधते हुए आगे कहा है कि एके इंफोसिस्टम के 2014 में तेजस्वी प्रसाद यादव और राबड़ी देवी मालिक बन गए. इस कंपनी के 100% शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम से हैं. 8500 राबड़ी देवी और 1500 तेजस्वी यादव के पास कंपनी के शेयर हैं.

कंपनी के अस्तित्व पर सवाल: एके इंफोसिस द्वारा 2007 से 2010 के बीच में पटना दानापुर चितकोहरा सलेमपुर चितानावा 52 कावा पानापुर में 21 भूखंड खरीदे जिसका क्षेत्रफल 221 डिसमिल होता है.. एके इंफोसिस ने आज तक कोई बिजनेस नहीं किया है. एक नया पैसा भी टर्नओवर नहीं है. कंपनी ने एक ही काम जमीन खरीदने का किया है.

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