पटना: बिहार में बालू खनन (Sand Mining In Bihar) के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अगले 8 सप्ताह के लिए राहत दिया है. 31 मार्च 2022 तक सभी बालू घाटों का टेंडर करना था. माइंस प्लान अधर में रहने के कारण टेंडर नहीं हुआ. खनन विभाग ने कोरोना और चुनाव का हवाला देकर अवधि विस्तार के लिए हलफनामा दाखिल किया था. बिहार सरकार द्वारा दाखिल हलफनामा को स्वीकार करते हुये सुप्रीम कोर्ट ने अगले 8 सप्ताह के लिए खनन विभाग को राहत दिया हैं.
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अगले आठ सप्ताह तक होगा बालू खनन: 1 अप्रैल से 8 सप्ताह के लिए बालू खनन जारी रहेगा. इस अवधि में बिहार सरकार के खनन विभाग को एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए बालू खनन के लिए हर हाल में टेंडर करना होगा. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट पर सबकी निगाहें टिकी थी, लेकिन खनन विभाग सभी बंदोवस्तधारियों को शर्तों पर अवधि विस्तार के लिए तैयार रहने को कहा था. राज्य में बालू की कमी नहीं आए, इसके लिए खनन विभाग 1 अप्रैल से नये शर्तों के अनुसार बंदोबस्तधारियों को अवधि विस्तार दे सकती है.
31 मार्च तक करना था टेंडर: फिलहाल बिहार में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में खनन हो रहा है. माइंस प्लान बिहार सरकार के नये खनन नीति के अनुसार टेंडर होना है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को 31 मार्च तक टेंडर करने को कहा था. लेकिन माइंस प्लान अधर में रहने के कारण टेंडर नहीं हो सका है. बालू खनन के लिए जो ई.सी जारी है, उसमें कई ऐसे हैं जिनका ई.सी एरिया सप्ताह हो चुका है. खनन विभाग ने नये बालू खनन नीति के तहत बालू खनन के लिए कई विभागों से सुझाव मांगा था. लेकिन सुझाव आने में देरी, कोरोना को लेकर लॉकडाउन, पंचायत आम चुनाव अरचन बनी थी. जिसके कारण समुचित माइंस प्लान नहीं बन सका.
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