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ईटीवी भारत पर सुनिये परीक्षा की तैयारी में जुटे युवाओं का दर्द, क्यों कहा- 'अब रोना आता है' - पटना लेटेस्ट न्यूज

रेलवे की परीक्षा रिजल्ट में धांधली के खिलाफ (RRB NTPC Protest) पिछले कई दिनों से चल रहा हंगामा बिहार बंद के साथ थम गया. हालांकि राजनीति इस मुद्दे पर अभी भी जारी है. लेकिन उन छात्रों की परेशानी ज्यों की त्यों है जो सालों से नौकरी के इंतजार में रात दिन मेहनत कर रहे हैं. आप खुद सुनिये कम्पटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों ने क्या कहा.....

परीक्षा की तैयारी में जुटे युवाओं का दर्द
परीक्षा की तैयारी में जुटे युवाओं का दर्द
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Published : Jan 28, 2022, 7:51 PM IST

पटनाः 24 जनवरी से आरआरबी एनटीपीसी के सैकड़ों परीक्षार्थी (Students Protest Against RRB NTPC Results) अपने भविष्य को बर्बाद होता देख सड़क पर उतर आएं. रेलवे की परीक्षा के बाद प्रकाशित रिजल्ट में धांधली के खिलाफ आखिर ये छात्र क्यों उग्र हो गए. क्या है इनके मन की व्यथा. दूर-दराज गांव से आकर राजधानी पटना में पढ़ाई के बाद भी उन्हें नौकरियां नहीं मिल (Students Upset Due To Not Getting Job) रहीं तो आखिर वो अपने माता पिता को क्या जवाब देते हैं. इन सब सवालों को जानने के लिए जब ईटीवी भारत इन बेरोजगार छात्रों के पास पहुंचा तो उन्होंने अपनी सारी परेशानी खुलकर बताई. यहां तक छात्रों ने ये भी कहा कि अब इस सरकार से भरोसा उठ गया है.

यह भी पढ़ें - Bihar Bandh: पटना वाले Khan Sir की मार्मिक अपील- 'आज एक भी छात्र सड़क पर नहीं उतरेगा'

पटना के मुसल्लमपुर हाट के प्रोफेसर पथ में रहने वाले छात्रों ने बताया कि अब उन्हें अपनी नौकरी को लेकर माता-पिता से बात करने में शर्म आती है. हालात यह है कि वो सालों से नौकरी के लिए अपने घरों से पैसा मंगवा कर पढ़ाई करते हैं. दिन रात जागकर मेहनत करते हैं, घर से दूर हैं. इसके बावजूद भी सरकार की ढुलमुल रवैया के कारण उन्हें अबतक कोई नौकरी नहीं मिल सकी.


वहीं, सुलतानगंज थाना क्षेत्र के एक लॉज में रहने वाले कुछ छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब केंद्र सरकार सरकार सत्ता में आई थी तो उन्होंने वादा किया था कि हर वर्ष 2 करोड़ युवाओं को नौकरियां दी जाएगी. लेकिन अभी तक मुश्किल से पूरे देश में पांच से सात लाख लोगों को ही नौकरियां मिल पाई होंगी. छात्र अपने घरों से 4 से 5 हजार रुपये मंगवा कर अपनी कोचिंग की फीस के साथ-साथ रूम रेंट तो जरूर चुका देते हैं. लेकिन अब उन्हें अपने माता-पिता से पढ़ाई के लिए पैसे मांगने में शर्म आती है.

'जब चुनाव नजदीक आता है तो सरकार नौकरियों की भरमार कर देती है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही नौकरियां भी खत्म हो जाती हैं. हम अपने दर्द को कैसे बताएं. जब हम गांव से अपने माता पिता को बताकर पढ़ने राजधानी पटना आते हैं, तो हमारे पेरेंट्स को यह एहसास होता है कि बस अब उनका लड़का नौकरी लेकर वापस लौटेगा. लेकिन हालात यह है कि नौकरी की तैयारी करते-करते शादी भी हो गई और बच्चे भी हैं. बावजूद अभी तक वह सिर्फ और सिर्फ तैयारियों में ही लगे हैं. कितनी परीक्षा देने के बाद भी रिजल्ट प्रकाशित होने में कई साल लग जाते हैं. अब धीरे-धीरे हमारा मनोबल टूटने लगा है'- परीक्षार्थी

छात्र कहते हैं कि अब उनको देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा नहीं रहा. नौकरी पाने के लिए दिन को दिन और रात को रात नहीं समझते. बावजूद इसके उनकी नौकरी आज तक नहीं लग सकी. बिहार के इस हालात को देखकर अब डर लगता है. खास करके रेलवे में जितनी धांधली हो रही है, उसको देखते हुए छात्रों का मनोबल अब टूट रहा है.

बातचीत के दौरान एक युवा छात्र बताते हैं कि अब उनकी उम्मीदें टूट रही हैं. पढ़ाई के लिए अब घर से पैसे मांगने में भी शर्म आती है. जब माता-पिता पूछते हैं कि नौकरी कब लगेगी तो शर्म से अपना सिर नीचे कर सवालों का कोई जवाब नहीं दे पाते हैं. इतनी पढ़ाई करने के बाद भी कोई रिजल्ट नहीं आता तो आखिरकार अब अपने माता-पिता को क्या जवाब दें.


ये भी पढ़ेंः RRB NTPC मामले पर बोले सुशील मोदी- छात्रों की मांग मान ली गयी, सियासी दल कर रहे प्रदर्शन, छात्र नहीं

बहरहाल अब बिहार के विभिन्न जिलों से राजधानी पटना आकर कम्पटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों को यह लगने लगा है कि वह अपने माता-पिता को धोखा दे हैं. जैसे-तैसे गुजारा कर वो अपनी आखरी उम्मीद पर जीत हासिल करने के प्रयास में जुटे हैं. लेकिन सरकार और विभाग द्वारा लिए गए कई बेतुके फैसले कहीं ना कहीं इन छात्रों को पीछे ढ़केल रहे हैं. जिससे अब बिहार के युवाओं का आत्मविश्वास डगमगाने लगा है.

ये भी पढ़ें- रेल रोकने पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने चटकाई लाठियां.. दागे आंसू गैस के गोले, विरोध में जमकर पथराव

हांलाकि राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुशील मोदी ने साफ किया है कि एनटीपीसी के परिणाम एक उम्मीदवार-यूनिक रिजल्ट फॉर्मूला पर लागू होगा. एनटीपीसी की परीक्षा के साढ़े तीन लाख अतिरिक्त परिणाम वन कैंडिडेट-यूनिक रिजल्ट के आधार पर घोषित किए जाएंगे. जो समिति बनी है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद इन मांगों को क्रियान्वित किया जाएगा. सुशील मोदी ने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि एनटीपीसी के मामले में वन कैंडिडेट-वन रिजल्ट के सिद्धांत पर फैसला हो. इससे इन छात्रों को फायदा हो सकता है.

बता दें कि रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (NTPC) परीक्षा के परिणाम को लेकर बिहार में छात्रों ने बिहार बंद बुलाया था. सभी मांगों को मान लेने के बाद भी छात्रों ने बिहार बंद किया. विपक्षी दल भी समर्थन में थे. हालांकि, छात्रों के आंदोलन के जरिए अब सियासत शुरू हो गई है.

इसे भी पढ़ें- RRB NTPC RESULT: रिजल्ट में गड़बड़ी से नाराज छात्रों ने आज फिर रोक दी है रेल की रफ्तार, बिहार शरीफ में रेलवे ट्रैक किया जाम

दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा-2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष का मुद्दा छाया हुआ है. इसके विरोध में बिहार और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया गया.

नाराज छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घण्टे तक रेलों को बाधित किया. हालांकि इस बीच रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से जीवन भर के लिए बैन करने की चेतावनी भी दी थी. लेकिन बाद में उम्मीदवारों की मांग मान ली गई.

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पटनाः 24 जनवरी से आरआरबी एनटीपीसी के सैकड़ों परीक्षार्थी (Students Protest Against RRB NTPC Results) अपने भविष्य को बर्बाद होता देख सड़क पर उतर आएं. रेलवे की परीक्षा के बाद प्रकाशित रिजल्ट में धांधली के खिलाफ आखिर ये छात्र क्यों उग्र हो गए. क्या है इनके मन की व्यथा. दूर-दराज गांव से आकर राजधानी पटना में पढ़ाई के बाद भी उन्हें नौकरियां नहीं मिल (Students Upset Due To Not Getting Job) रहीं तो आखिर वो अपने माता पिता को क्या जवाब देते हैं. इन सब सवालों को जानने के लिए जब ईटीवी भारत इन बेरोजगार छात्रों के पास पहुंचा तो उन्होंने अपनी सारी परेशानी खुलकर बताई. यहां तक छात्रों ने ये भी कहा कि अब इस सरकार से भरोसा उठ गया है.

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पटना के मुसल्लमपुर हाट के प्रोफेसर पथ में रहने वाले छात्रों ने बताया कि अब उन्हें अपनी नौकरी को लेकर माता-पिता से बात करने में शर्म आती है. हालात यह है कि वो सालों से नौकरी के लिए अपने घरों से पैसा मंगवा कर पढ़ाई करते हैं. दिन रात जागकर मेहनत करते हैं, घर से दूर हैं. इसके बावजूद भी सरकार की ढुलमुल रवैया के कारण उन्हें अबतक कोई नौकरी नहीं मिल सकी.


वहीं, सुलतानगंज थाना क्षेत्र के एक लॉज में रहने वाले कुछ छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब केंद्र सरकार सरकार सत्ता में आई थी तो उन्होंने वादा किया था कि हर वर्ष 2 करोड़ युवाओं को नौकरियां दी जाएगी. लेकिन अभी तक मुश्किल से पूरे देश में पांच से सात लाख लोगों को ही नौकरियां मिल पाई होंगी. छात्र अपने घरों से 4 से 5 हजार रुपये मंगवा कर अपनी कोचिंग की फीस के साथ-साथ रूम रेंट तो जरूर चुका देते हैं. लेकिन अब उन्हें अपने माता-पिता से पढ़ाई के लिए पैसे मांगने में शर्म आती है.

'जब चुनाव नजदीक आता है तो सरकार नौकरियों की भरमार कर देती है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही नौकरियां भी खत्म हो जाती हैं. हम अपने दर्द को कैसे बताएं. जब हम गांव से अपने माता पिता को बताकर पढ़ने राजधानी पटना आते हैं, तो हमारे पेरेंट्स को यह एहसास होता है कि बस अब उनका लड़का नौकरी लेकर वापस लौटेगा. लेकिन हालात यह है कि नौकरी की तैयारी करते-करते शादी भी हो गई और बच्चे भी हैं. बावजूद अभी तक वह सिर्फ और सिर्फ तैयारियों में ही लगे हैं. कितनी परीक्षा देने के बाद भी रिजल्ट प्रकाशित होने में कई साल लग जाते हैं. अब धीरे-धीरे हमारा मनोबल टूटने लगा है'- परीक्षार्थी

छात्र कहते हैं कि अब उनको देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा नहीं रहा. नौकरी पाने के लिए दिन को दिन और रात को रात नहीं समझते. बावजूद इसके उनकी नौकरी आज तक नहीं लग सकी. बिहार के इस हालात को देखकर अब डर लगता है. खास करके रेलवे में जितनी धांधली हो रही है, उसको देखते हुए छात्रों का मनोबल अब टूट रहा है.

बातचीत के दौरान एक युवा छात्र बताते हैं कि अब उनकी उम्मीदें टूट रही हैं. पढ़ाई के लिए अब घर से पैसे मांगने में भी शर्म आती है. जब माता-पिता पूछते हैं कि नौकरी कब लगेगी तो शर्म से अपना सिर नीचे कर सवालों का कोई जवाब नहीं दे पाते हैं. इतनी पढ़ाई करने के बाद भी कोई रिजल्ट नहीं आता तो आखिरकार अब अपने माता-पिता को क्या जवाब दें.


ये भी पढ़ेंः RRB NTPC मामले पर बोले सुशील मोदी- छात्रों की मांग मान ली गयी, सियासी दल कर रहे प्रदर्शन, छात्र नहीं

बहरहाल अब बिहार के विभिन्न जिलों से राजधानी पटना आकर कम्पटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों को यह लगने लगा है कि वह अपने माता-पिता को धोखा दे हैं. जैसे-तैसे गुजारा कर वो अपनी आखरी उम्मीद पर जीत हासिल करने के प्रयास में जुटे हैं. लेकिन सरकार और विभाग द्वारा लिए गए कई बेतुके फैसले कहीं ना कहीं इन छात्रों को पीछे ढ़केल रहे हैं. जिससे अब बिहार के युवाओं का आत्मविश्वास डगमगाने लगा है.

ये भी पढ़ें- रेल रोकने पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने चटकाई लाठियां.. दागे आंसू गैस के गोले, विरोध में जमकर पथराव

हांलाकि राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुशील मोदी ने साफ किया है कि एनटीपीसी के परिणाम एक उम्मीदवार-यूनिक रिजल्ट फॉर्मूला पर लागू होगा. एनटीपीसी की परीक्षा के साढ़े तीन लाख अतिरिक्त परिणाम वन कैंडिडेट-यूनिक रिजल्ट के आधार पर घोषित किए जाएंगे. जो समिति बनी है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद इन मांगों को क्रियान्वित किया जाएगा. सुशील मोदी ने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि एनटीपीसी के मामले में वन कैंडिडेट-वन रिजल्ट के सिद्धांत पर फैसला हो. इससे इन छात्रों को फायदा हो सकता है.

बता दें कि रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (NTPC) परीक्षा के परिणाम को लेकर बिहार में छात्रों ने बिहार बंद बुलाया था. सभी मांगों को मान लेने के बाद भी छात्रों ने बिहार बंद किया. विपक्षी दल भी समर्थन में थे. हालांकि, छात्रों के आंदोलन के जरिए अब सियासत शुरू हो गई है.

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दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा-2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष का मुद्दा छाया हुआ है. इसके विरोध में बिहार और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया गया.

नाराज छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घण्टे तक रेलों को बाधित किया. हालांकि इस बीच रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से जीवन भर के लिए बैन करने की चेतावनी भी दी थी. लेकिन बाद में उम्मीदवारों की मांग मान ली गई.

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