पटनाः एनआईटी में आयोजित सेमिनार में भाग लेने आए इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के कई छात्र पटना के गांधी घाट पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि पटना की गंगा अभी साफ नहीं है. हालांकि पहले से काम तो बहुत हुआ है, लेकिन जितनी सफाई बनारस में हुई है उतनी कहीं नहीं है.
निचले हिस्से में सफाई की बहुत जरूरत
पटना में एनआईटी की तरफ से आयोजित सेमिनार को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से छात्र पहुंच रहे हैं. शुक्रवार की सुबह सैकड़ों छात्र गांधी घाट पहुंचे और गंगा किनारे लगी गंदगी की सफाई की. सभी छात्रों ने सफाई करते हुए बताया कि बनारस को छोड़कर हर जगह की गंगा अभी साफ नहीं हुई है. इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एच के रामानुज ने बताया कि गंगा के निचले हिस्से में सफाई की बहुत जरूरत है.
पटना की नदियों में नहीं है मछलियां
डॉ एच के रामानुज ने कहा कि यहां अभी भी लोग पूजा की सामग्री गंगा में ही प्रवाहित करते हैं. आप देख सकते हैं कि नदियों में मछली नहीं है और पानी भी साफ नहीं है. वहीं, छात्रों ने कहा कि हम लोग बहुत से शहरों में गंगा को देखा है. पिछले 4 साल से हम पटना आ रहे हैं. लेकिन पटना में गंगा अभी भी साफ नहीं है.
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'इतने रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं हुई सफाई'
छात्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में गंगा साफ है. लेकिन और शहरों में गंगा अभी भी गंदी है. इसके लिए सरकार से आग्रह है कि उनके क्षेत्र के अलावा और भी जगह गंगा में सफाई की जरूरत है. तेलंगाना से आए छात्र ने बताया कि गंगा सफाई के लिए जो 25 हजार करोड. रुपये खर्च होने हैं उतने पैसे से तो तेलगाना 1 साल तक साफ पानी पी सकता है. लेकिन इतने रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा साफ नहीं हुई है.