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पटना: बाहर से आए छात्रों ने की गंगा की सफाई, कहा- जितनी सफाई बनारस में हुई उतनी कहीं नहीं हुई

तेलंगाना से आए छात्र ने बताया कि गंगा सफाई के लिए जो 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं. उतने पैसे से तो तेलगाना 1 साल तक साफ पानी पी सकता है. लेकिन इतने रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा साफ नहीं हुई है.

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गंगा की सफाई
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Published : Jan 11, 2020, 2:49 PM IST

पटनाः एनआईटी में आयोजित सेमिनार में भाग लेने आए इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के कई छात्र पटना के गांधी घाट पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि पटना की गंगा अभी साफ नहीं है. हालांकि पहले से काम तो बहुत हुआ है, लेकिन जितनी सफाई बनारस में हुई है उतनी कहीं नहीं है.

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इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन की टीम

निचले हिस्से में सफाई की बहुत जरूरत
पटना में एनआईटी की तरफ से आयोजित सेमिनार को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से छात्र पहुंच रहे हैं. शुक्रवार की सुबह सैकड़ों छात्र गांधी घाट पहुंचे और गंगा किनारे लगी गंदगी की सफाई की. सभी छात्रों ने सफाई करते हुए बताया कि बनारस को छोड़कर हर जगह की गंगा अभी साफ नहीं हुई है. इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एच के रामानुज ने बताया कि गंगा के निचले हिस्से में सफाई की बहुत जरूरत है.

गंगा की सफाई करते छात्र और बयान देते लोग

पटना की नदियों में नहीं है मछलियां
डॉ एच के रामानुज ने कहा कि यहां अभी भी लोग पूजा की सामग्री गंगा में ही प्रवाहित करते हैं. आप देख सकते हैं कि नदियों में मछली नहीं है और पानी भी साफ नहीं है. वहीं, छात्रों ने कहा कि हम लोग बहुत से शहरों में गंगा को देखा है. पिछले 4 साल से हम पटना आ रहे हैं. लेकिन पटना में गंगा अभी भी साफ नहीं है.

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गंदगी की सफाई करते छात्र

ये भी पढ़ेंः इस गांव में मुस्लिम समाज के लोग बनाते हैं हिंदुओं के 'सुहाग का प्रतीक'

'इतने रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं हुई सफाई'
छात्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में गंगा साफ है. लेकिन और शहरों में गंगा अभी भी गंदी है. इसके लिए सरकार से आग्रह है कि उनके क्षेत्र के अलावा और भी जगह गंगा में सफाई की जरूरत है. तेलंगाना से आए छात्र ने बताया कि गंगा सफाई के लिए जो 25 हजार करोड. रुपये खर्च होने हैं उतने पैसे से तो तेलगाना 1 साल तक साफ पानी पी सकता है. लेकिन इतने रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा साफ नहीं हुई है.

पटनाः एनआईटी में आयोजित सेमिनार में भाग लेने आए इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के कई छात्र पटना के गांधी घाट पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि पटना की गंगा अभी साफ नहीं है. हालांकि पहले से काम तो बहुत हुआ है, लेकिन जितनी सफाई बनारस में हुई है उतनी कहीं नहीं है.

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इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन की टीम

निचले हिस्से में सफाई की बहुत जरूरत
पटना में एनआईटी की तरफ से आयोजित सेमिनार को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से छात्र पहुंच रहे हैं. शुक्रवार की सुबह सैकड़ों छात्र गांधी घाट पहुंचे और गंगा किनारे लगी गंदगी की सफाई की. सभी छात्रों ने सफाई करते हुए बताया कि बनारस को छोड़कर हर जगह की गंगा अभी साफ नहीं हुई है. इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एच के रामानुज ने बताया कि गंगा के निचले हिस्से में सफाई की बहुत जरूरत है.

गंगा की सफाई करते छात्र और बयान देते लोग

पटना की नदियों में नहीं है मछलियां
डॉ एच के रामानुज ने कहा कि यहां अभी भी लोग पूजा की सामग्री गंगा में ही प्रवाहित करते हैं. आप देख सकते हैं कि नदियों में मछली नहीं है और पानी भी साफ नहीं है. वहीं, छात्रों ने कहा कि हम लोग बहुत से शहरों में गंगा को देखा है. पिछले 4 साल से हम पटना आ रहे हैं. लेकिन पटना में गंगा अभी भी साफ नहीं है.

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गंदगी की सफाई करते छात्र

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'इतने रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं हुई सफाई'
छात्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में गंगा साफ है. लेकिन और शहरों में गंगा अभी भी गंदी है. इसके लिए सरकार से आग्रह है कि उनके क्षेत्र के अलावा और भी जगह गंगा में सफाई की जरूरत है. तेलंगाना से आए छात्र ने बताया कि गंगा सफाई के लिए जो 25 हजार करोड. रुपये खर्च होने हैं उतने पैसे से तो तेलगाना 1 साल तक साफ पानी पी सकता है. लेकिन इतने रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा साफ नहीं हुई है.

Intro:पटना के नाइटी में सेमिनार में भाग लेने आए इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के छात्रों ने कहा कि पटना का गंगा अभी साफ नहीं है हालांकि पहले से काम तो बहुत हुआ है लेकिन जितनी सफाई बनारस में हुई है उतनी कहीं नहीं है...


Body:पटना-- पटना में एनआईटी के तरफ से सेमिनार को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे छात्रों ने आज सुबह गांधी घाट पहुंचकर गंगा किनारे की सफाई सैकड़ों छात्रों ने गंगा किनारे गंदगी की सफाई की सभी छात्रों ने सफाई करते हुए बताया कि बनारस को छोड़कर हर जगह की गंगा अभी साफ नहीं हुई है, इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एच के रामानुज ने बताया कि गंगा के निचले हिस्से में सफाई बहुत जरूरत है पटना में अभी भी लोग पूजा की सामग्री गंगा में ही प्रवाहित करते हैं आप देख सकते हैं कि नदियां में मछली नहीं है और पानी भी साफ नहीं है वहीं छात्रों ने कहा कि हम लोग बहुत से शहरों में गंगा को देखा है पिछले 4 साल से हम पटना आ रहे हैं लेकिन पटना में गंगा अभी भी साफ नहीं है, हमने द्वारिका से पटना तक गंगा को देखा लेकिन वहां की अपेक्षा गंगा पटना में ज्यादा गंदी है, इसके साथ ही छात्र ने बताया कि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र बनारस में गंगा साफ है लेकिन और शहरों में गंगा गंदी है इसके लिए सरकार से आग्रह है कि अपने क्षेत्र के अलावा और भी जगह गंगा में सफाई की जरूरत है, तेलगाना से आए छात्र ने बताया कि गंगा सफाई के लिए जो 25 हजार करोड रुपए खर्च होने हैं उतने पैसे से तो तेलगाना 1 साल साफ पानी पी सकता है, लेकिन गंगा सफाई पर 25000 करो रुपए खर्च करने हैं लेकिन गंगा अभी भी साफ नहीं है।

बाइट-- डॉ एसके रामानुज, इंडियन वाटर एसोसिएशन अध्यक्ष

बाइट-- छात्र


Conclusion: हम आपको बता दें कि पटना पहुंचे छात्रों ने यह भी बताया कि पहले की अपेक्षा गंगा आज कुछ हद तक साफ है।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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