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दारोगा भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल, छात्र नेता दिलीप कुमार ने की आयोग से स्पष्टीकरण की मांग - दारोगा भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र वायरल

Bihar Daroga Bharti Exam Question Leak : बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की ओर से आयोजित दारोगा भर्ती परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र लेकर जाने की अनुमति नहीं दी गई, फिर भी देर शाम इंटरनेट पर सवाल के पेपर तेजी से वायरल हो रहे थे. इसको लेकर परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं. छात्र नेता दिलीप कुमार ने भी दारोगा भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं और आयोग से स्पष्टीकरण की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर.

छात्र नेता दिलीप कुमार ने दारोगा भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
छात्र नेता दिलीप कुमार ने दारोगा भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 20, 2023, 1:13 PM IST

छात्र नेता दिलीप कुमार

पटना: बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की ओर से 1275 पदों पर दारोगा भर्ती के लिए प्रारंभिक लिखित परीक्षा संपन्न हो गई, लेकिन इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं. कारण है कि परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा हॉल के बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है, बावजूद इसके सोशल मीडिया पर सभी प्रश्न हूबहू तैर रहे हैं. इसी पर बिहार के चर्चित छात्र नेता दिलीप कुमार ने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है.

परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल: छात्र नेता दिलीप कुमार ने परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि बीपीएसएससी कह रहा है कि कदाचार मुक्त शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई है, लेकिन बावजूद इसके विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर परीक्षा के प्रश्न उपलब्ध हैं. सभी परीक्षा केंद्र पर जैमर की व्यवस्था थी, मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी, फिर भी प्रश्न पत्र कैसे लीक हुआ.

"आयोग ने कहा कि सभी परीक्षा केंद्र पर जैमर की व्यवस्था थी, मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी. परीक्षा के बाद ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी और प्रश्न पत्र परीक्षा हॉल के बाहर भी ले जाने की अनुमति नहीं थी, इसके बावजूद कैसे सोशल मीडिया पर प्रश्न उपलब्ध है यह अपने आप में बड़ा सवाल है. आयोग को इसपर स्वष्टीकरण देना होगा."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक: दिलीप कुमार ने कहा कि उनके पास दर्जनों ऐसे अभ्यर्थी हैं जो दावा कर रहे हैं कि सुबह 10 बजे परीक्षा शुरू हुई लेकिन उसके पहले ही सुबह लगभग 9 बजे उनके मोबाइल पर सभी प्रश्न और लगभग 30 प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध हो गए थे. कहा कि इन अभ्यर्थियों को वह पटना बुला रहे हैं और उनसे अपील कर रहे हैं कि सभी साक्ष्य को बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के कार्यालय पहुंचकर आयोग के अध्यक्ष केएस द्विवेदी को समर्पित कर लिखित शिकायत दें.

परीक्षा हॉल में जैमर लगाने के नाम पर लूट: उन्होंने कहा कि बीपीएससी से सीख लेते हुए बीपीएसएससी ने इस बार पूरी परीक्षा की सीसीटीवी के माध्यम से कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग कराई. इसका वह स्वागत करते हैं लेकिन बिहार लोक सेवा आयोग ने परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए और जो महत्वपूर्ण कदम उठाए थे उसे संबंध में बीपीएसएससी ने कोई निर्णय नहीं लिया. कहा कि परीक्षा केंद्र के जैमर के नाम पर बड़े पैमाने पर लूट की जा रही है. दिखावे के लिए कुछ सेंटर पर ही जैमर काम कर रहे हैं.

"मधुबनी में एक पति अपने पत्नी को मोबाइल से मैसेज भेज कर चोरी करते हुए पकड़ा गया है. सवाल यह है की परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल कैसे चला गया, जैमर क्यों नहीं काम कर रहा था और क्या इस प्रकार के अनेकों सेंटर नहीं है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

प्रश्न पत्र लीक मामले में आयोग लापरवाह: कहा कि क्वेश्चन बुक के हर पेज पर यूनिक आईडी है ताकि कोई क्वेश्चन वायरल हो तो पता लगा सकें कि कहां से क्वेश्चन वायरल हुआ है. परीक्षा समाप्त हुए 2 दिन से अधिक समय हो रहे हैं और अब तक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रश्न पत्र पर आयोग पता नहीं लग सका हैं. यह क्वेश्चन कैसे वायरल हो रहे हैं इसकी गहनता से जांच होनी जरूरी है और यदि कोई गड़बड़ी है तो परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा कराने की वह मांग करते हैं.

पढ़ें: दारोगा भर्ती परीक्षा की AI फीचर से लैस CCTV कैमरे से हुई निगरानी, BPSSC अध्यक्ष ने कहा- 'सफलतापूर्वक परीक्षा संपन्न'

बिहार दारोगा भर्ती परीक्षा कल, 613 केंद्रों पर होगा एग्जाम, 16000 कैमरों से BPSSC करेगा मॉनिटरिंग

छात्र नेता दिलीप कुमार

पटना: बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की ओर से 1275 पदों पर दारोगा भर्ती के लिए प्रारंभिक लिखित परीक्षा संपन्न हो गई, लेकिन इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं. कारण है कि परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा हॉल के बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है, बावजूद इसके सोशल मीडिया पर सभी प्रश्न हूबहू तैर रहे हैं. इसी पर बिहार के चर्चित छात्र नेता दिलीप कुमार ने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है.

परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल: छात्र नेता दिलीप कुमार ने परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि बीपीएसएससी कह रहा है कि कदाचार मुक्त शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई है, लेकिन बावजूद इसके विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर परीक्षा के प्रश्न उपलब्ध हैं. सभी परीक्षा केंद्र पर जैमर की व्यवस्था थी, मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी, फिर भी प्रश्न पत्र कैसे लीक हुआ.

"आयोग ने कहा कि सभी परीक्षा केंद्र पर जैमर की व्यवस्था थी, मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी. परीक्षा के बाद ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी और प्रश्न पत्र परीक्षा हॉल के बाहर भी ले जाने की अनुमति नहीं थी, इसके बावजूद कैसे सोशल मीडिया पर प्रश्न उपलब्ध है यह अपने आप में बड़ा सवाल है. आयोग को इसपर स्वष्टीकरण देना होगा."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक: दिलीप कुमार ने कहा कि उनके पास दर्जनों ऐसे अभ्यर्थी हैं जो दावा कर रहे हैं कि सुबह 10 बजे परीक्षा शुरू हुई लेकिन उसके पहले ही सुबह लगभग 9 बजे उनके मोबाइल पर सभी प्रश्न और लगभग 30 प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध हो गए थे. कहा कि इन अभ्यर्थियों को वह पटना बुला रहे हैं और उनसे अपील कर रहे हैं कि सभी साक्ष्य को बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के कार्यालय पहुंचकर आयोग के अध्यक्ष केएस द्विवेदी को समर्पित कर लिखित शिकायत दें.

परीक्षा हॉल में जैमर लगाने के नाम पर लूट: उन्होंने कहा कि बीपीएससी से सीख लेते हुए बीपीएसएससी ने इस बार पूरी परीक्षा की सीसीटीवी के माध्यम से कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग कराई. इसका वह स्वागत करते हैं लेकिन बिहार लोक सेवा आयोग ने परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए और जो महत्वपूर्ण कदम उठाए थे उसे संबंध में बीपीएसएससी ने कोई निर्णय नहीं लिया. कहा कि परीक्षा केंद्र के जैमर के नाम पर बड़े पैमाने पर लूट की जा रही है. दिखावे के लिए कुछ सेंटर पर ही जैमर काम कर रहे हैं.

"मधुबनी में एक पति अपने पत्नी को मोबाइल से मैसेज भेज कर चोरी करते हुए पकड़ा गया है. सवाल यह है की परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल कैसे चला गया, जैमर क्यों नहीं काम कर रहा था और क्या इस प्रकार के अनेकों सेंटर नहीं है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

प्रश्न पत्र लीक मामले में आयोग लापरवाह: कहा कि क्वेश्चन बुक के हर पेज पर यूनिक आईडी है ताकि कोई क्वेश्चन वायरल हो तो पता लगा सकें कि कहां से क्वेश्चन वायरल हुआ है. परीक्षा समाप्त हुए 2 दिन से अधिक समय हो रहे हैं और अब तक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रश्न पत्र पर आयोग पता नहीं लग सका हैं. यह क्वेश्चन कैसे वायरल हो रहे हैं इसकी गहनता से जांच होनी जरूरी है और यदि कोई गड़बड़ी है तो परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा कराने की वह मांग करते हैं.

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