पटना: बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के बाद केंद्रीय चयन परिषद में परीक्षा को रद्द कर दी है. 1 अक्टूबर को परीक्षा में शामिल पूर्णिया के एक अभ्यर्थी ने इस घटना से निराश होकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी. ऐसे में इन तमाम घटनाक्रम पर छात्रों के मुद्दे पर सक्रिय रहने वाले छात्र नेता दिलीप कुमार ने बुधवार को पटना श्रमजीवी प्रेस यूनियन में प्रेस वार्ता किया और केंद्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष एसके सिंघल के इस्तीफा की मांग की.
सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक: छात्र नेता दिलीप ने बताया कि सिपाही भर्ती परीक्षा में गरीबों के बच्चे शामिल होते हैं. उनके संज्ञान में कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जो चाय और सब्जी बेचते हैं और सिपाही बनने के लिए कई दिनों से तैयारी में लगे हुए थे. इसके पहले भी जब पिछले तीन बार सिपाही भर्ती परीक्षा ली गई है क्वेश्चन पेपर लीक हुए हैं. इस घटना से आज भी केंद्रीय चयन पर्षद ने सबक नहीं सीखा है.
केंद्रीय चयन पार्षद के अध्यक्ष से इस्तीफे की मांग: अभ्यर्थी इस घटना से काफी निराश हैं और इस पेपर लीक कांड के लिए नैतिकता के आधार पर केंद्रीय चयन पार्षद के अध्यक्ष एसके सिंघल को इस्तीफा देना चाहिए. वह सरकार से मांग करेंगे कि केंद्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष को हटाकर ईमानदार छवि के अधिकारी को वहां लाया जाए और इस बात की जांच कराई जाए कि कहीं केंद्रीय चयन पर्षद के हीं कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी पेपर लीक में तो नहीं संलिप्त हैं.
"पहले बीपीएससी में भी क्वेश्चन पेपर लीक होते थे लेकिन जब से अतुल प्रसाद आए हैं और उन्होंने जो कुछ भी परीक्षा का सिस्टम तैयार किया है उसके बाद से ना क्वेश्चन पेपर लीक हो रहा है. ना ही अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की परीक्षा को लेकर शिकायत हो रही है."-दिलीप कुमार, छात्र नेता
फॉलो करें बीपीएससी का परीक्षा पैटर्न: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि इसके अलावा वह मांग करेंगे कि केंद्रीय चयन पर्षद भी परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा पैटर्न को अपनाएं. परीक्षा में धांधली सेटिंग रोकने के लिए जरूरी है कि परीक्षा समाप्त होने के बाद क्वेश्चन बुकलेट और आंसर शीट का कार्बन कॉपी दिया जाए और परीक्षा एजेंसी द्वारा आंसर की जारी किया जाए.
ओएमआर शीट में जोड़े ये कॉलम: कई बार यह भी शिकायत आती है कि ओएमआर शीट को बाहर में भरा जाता है. ऐसे में वह परीक्षा एजेंसियों से मांग करेंगे की ओएमआर शीट में यह कॉलम हो कि अभ्यर्थियों ने कितने प्रश्नों के उत्तर को रंगा है और कितना छोड़ा है यह ओएमआर शीट पर लिख दिया जाए. इसके साथ ही शिक्षा माफियाओं पर नकेल कसने के लिए कठोर कानून बनाई जाए जिसमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान हो. अगर कोई सरकारी कर्मचारी इसमें लिप्त है तो उसकी सेवा बर्खास्त की जाए.