पटना: छात्र नेता दिलीप कुमार ने बिहार सरकार से मांग की है कि 2500 से अधिक दारोगा की वैकेंसी जल्द से जल्द निकाली जाए. दिलीप ने बताया कि बिहार में दारोगा के लिए 2020 के बाद कोई वैकेंसी नहीं आई है. पुलिस विभाग में सिपाही दारोगा को मिलाकर 75000 से अधिक सीटें खाली हैं.अभी हाल ही में सिपाही पद के लिए 21391 सीटों की वैकेंसी आई है जो अब तक के इतिहास में बिहार में सबसे बड़ी सिपाही पद के लिए वैकेंसी है. इसके लिए वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को धन्यवाद देते हैं लेकिन यह भी मांग करेंगे कि दारोगा की जल्द वैकेंसी निकाली जाए.
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3 साल से वैकेंसी नहीं आई है: छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि दारोगा के लिए कम से कम 2500 से अधिक सीटों पर वैकेंसी निकाली जाए. इससे पहले 1717, 2446 और 2213 सीटों पर दारोगा की वैकेंसी आ चुकी है. अब ऐसे में यदि 2500 से कम सीटों पर वैकेंसी आती है तो इससे अभ्यर्थी हतोत्साहित होंगे. 3 साल से वैकेंसी नहीं आई है. उन्होंने कहा कि दारोगा अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा में पारदर्शिता अपनाई जाए और बुकलेट के साथ-साथ ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी भी परीक्षा हॉल से निकलते समय ले जाने की अनुमति दी जाए.
सभी परीक्षा के एक हो रोल नंबर: उन्होंने कहा कि रिजल्ट से पहले आंसर की जारी होना चाहिए. फिर जब रिजल्ट जारी हो तो सभी का कटऑफ भी जारी कर कितना नंबर कट ऑफ गया और कौन कितने नंबर से चूक गया. छात्रों की इसकी जानकारी हो सके. पीटी, रिटेन हो, चाहे फिजिकल हो अभ्यर्थियों के लिए सभी में रोल नंबर एक ही होना चाहिए. अगर सरकार ऐसा करती है तो दारोगा बहाली पूरी पारदर्शिता से संपन्न होगी और दारोगा अभ्यर्थियों के मन में कोई उलझन नहीं रहेगा.