पटना: बिहार राज्य खेल प्राधिकरण खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और दिल से खेलो मिलकर जीतो की थीम पर राज्य में खेल आगे भी बढ़ रहा है. खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्या कुछ नई रणनीति अपनाई जा सकती है इस मुद्दों पर हाल ही में बिहार स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन किया गया. इस आयोजन के बाद पटना के अलावा अन्य छोटे शहरों में स्पोर्ट्स के बड़े टूर्नामेंट आयोजित कराने का निर्णय लिया गया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल को बढ़ावा मिले. इसके साथ ही बिहार में ई-स्पोर्ट्स और वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने का निर्णय भी लिया गया है. खेल डीजी रविंद्र शंकरण का कहना है कि समय के अनुसार नए खेल भी डेवलप हो रहे हैं और उसको प्रदेश में प्रमोट करने की आवश्यकता है.
ई-स्पोर्ट्स का बढ़ा क्रेज: खेल डीजी रविंद्र शंकरण ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि ई-स्पोर्ट्स आज की तारीख में दुनिया में तीसरा ऐसा गेम है जो सबसे अधिक देखा जाता है. फुटबॉल और क्रिकेट के बाद सबसे अधिक दर्शक ई-स्पोर्ट्स के हैं. करीब 41 लाख लोग एक बार में इसे देखते हैं. ई-स्पोर्ट्स को टेक्नोलॉजी के हिसाब से प्लेस्टेशन बोला जाता है उस प्लेस्टेशन के माध्यम से चेस भी खेला जा सकता है, तीरंदाजी और शूटिंग के खेल का भी आनंद लिया जा सकता है. एक तरह से यह ऑनलाइन गेमिंग है लेकिन पब्जी और फ्री फायर से पूरी तरह अलग है.
स्कूलों में होगा ई-स्पोर्ट्स: खेल डीजी ने आगे बताया कि जो खेल फिजिकली खेला जाता है उसे ऑनलाइन गेमिंग के रूप में खेला जाएगा. इसी साल से गर्मी की छुट्टियां समाप्त होते ही स्कूलों और कॉलेजों में इसे इंट्रोड्यूस किया जाएगा. ई-स्पोर्ट्स शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के गेम जोन में जो खेल खेले जाते हैं उससे पूरी तरह से अलग है. 1 महीने के बाद ई-स्पोर्ट्स का गेमिंग जोन पटना में लगाया जाएगा और उस समय सभी को क्लियर हो जाएगा कि इसमें कौन-कौन से गेम होते हैं और कैसे खेले जाते हैं. स्कूलों और कॉलेजों में इसे प्रमोट करने को लेकर अभी एक ढांचा तैयार किया जा रहा है. यूनिस्पोर्ट टेक के साथ एक एमओयू होगा और मिलकर इसे प्रमोट किया जाएगा. इस संबंध में आगे और विस्तार से जानकारी दी जाएगी.
"जो खेल फिजिकली खेला जाता है उसे ऑनलाइन गेमिंग के रूप में खेला जाएगा. इसी साल से गर्मी की छुट्टियां समाप्त होते ही स्कूलों और कॉलेजों में इसे इंट्रोड्यूस किया जाएगा. ई-स्पोर्ट्स शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के गेम जोन में जो खेल खेले जाते हैं उससे पूरी तरह से अलग है. 1 महीने के बाद ई-स्पोर्ट्स का गेमिंग जोन पटना में लगाया जाएगा और उस समय सभी को क्लियर हो जाएगा कि इसमें कौन-कौन से गेम होते हैं और कैसे खेले जाते हैं. स्कूलों और कॉलेजों में इसे प्रमोट करने को लेकर अभी एक ढांचा तैयार किया जा रहा है."- रविंद्र शंकरण, खेल डीजी
वाटर स्पोर्ट्स को मिलेगा बढ़ावा: रविंद्र शंकरण ने आगे कहा कि वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की गई है. इसके तहत मोतिहारी के मोती झील में रोईंग, कैनोइंग और ड्रैगन बोट जैसे सभी प्रकार के वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन होने वाला है. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के माध्यम से मोतिहारी में एक सेंटर खुलेगा और वाटर स्पोर्ट्स के लिए सभी इक्विपमेंट और कोच उपलब्ध हो जाएंगे. इसके साथ ही स्पोर्ट्स कॉन्प्लेक्स 2.0 में मध्य प्रदेश से ओलंपियन अमिता चंदेल आई थीं. उन्होंने ऑफर किया है कि बिहार के बच्चों को 10-10 के बैच में उनके पास भेजा जाए वह उन्हें अच्छे से ट्रेनिंग करा कर 2 से 3 साल के अंदर ओलंपिक के लेवल के लिए तैयार कर देंगी. खेल को प्रमोट के लिए कई सारे पीपीपी मोड का भी सहारा लिया जा रहा है लेकिन फिलहाल वाटर स्पोर्ट्स के लिए अभी पीपीपी मॉडल पर चर्चा नहीं हो रही है.