पटना: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया का परिदृश्य बदल डाला है. आम से खास सभी की जिंदगी पर समान रूप से इसका प्रभाव देखने को मिला है. साथ ही सभी प्रतिष्ठानों पर भी इसका व्यापक असर देखने को मिला है. इसी क्रम में बिहार सरकार के कई विभाग भी संक्रमण का दंश झेल रहे हैं. कुछ ऐसा ही कुछ हाल पर्यटन विभाग का है. हालांकि इस मुश्किल दौर से बाहर निकल आगे बढ़ने के लिए पर्यटन विभाग प्रयासरत है.
कोरोना काल में मंदिर, मस्जिद और खेल के मैदान सब बंद पड़े हुए हैं. सिनेमा हॉल पर ताला लटका है. वहीं पटना स्थित गोलघर, बोधगया का महाबोधि मंदिर और नालंदा के ऐतिहासिक खंडहर सब जगह सन्नाटा पसरा हुआ है. संक्रमण की वजह से लॉकडाउन में सारे पर्यटक स्थल बंद हैं. कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला राजगीर, नालंदा, पावापुरी और बोधगया आज दर्शकों की बाट जोह रहे हैं.
गाइडलाइंस के साथ खोले जाएंगे पर्यटन स्थल
ऐसे में पर्यटन विभाग भी अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक- 3 चल रहा है. वहीं बिहारवासी भी पहले की तरह खुली हवा में सांस लेने का इंतजार कर रहे हैं. पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि कोरोना संकट से पहले बिहार में सैलानियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी. कोशिश है कि यह परेशानी दूर होने के बाद सबसे पहले डोमेस्टिक टूरिस्ट के लिए पूरी गाइडलाइंस के साथ पर्यटन स्थलों को खोला जाए.
'टूरिज्म इंडस्ट्री पर व्यापक असर'
संजय कुमार ने कहा कि विभाग सबसे पहले डोमेस्टिक टूरिस्टों के लिए पर्यटन सेक्टर को खोलने की रणनीति तैयार कर रहा है. इसके बाद इंटर स्टेट और फिर इंटरनेशनल टूरिज्म के लिए पहल की जाएगी. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. साथ ही होटल और परिवहन बंद होने के कारण टूरिज्म इंडस्ट्री पर व्यापक असर पड़ा है.
नया वेबसाइट हो रहा है तैयार
खास तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए ऐसे जगहों को बंद रखा गया है. जहां भीड़-भाड़ की अधिक संभावना हो. हालांकि संजय कुमार ने यह स्वीकार करते हुए कहा कि बहुत जल्द पर्यटकों के लिए विभिन्न पर्यटन स्थलों के वीडियो और फोटो ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. इसके लिए एक नया वेबसाइट तैयार किया जा रहा है, जो बहुत जल्द शुरू हो जाएगा.