पटना : बिहार में भी लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ गया है. राजधानी पटना रेड जोन में है इसलिए कई तरह की पाबंदियां अभी भी राजधानी के लोगों को झेलनी पड़ रही है। खासकर गरीबों की परेशानियां बढ़ी हुई है. छोटे दुकानदार फेरीवाले ठेला रिक्शा चलाने वाले इन दिनों किसी तरह जिंदगी काट रहे हैं। बावजूद अभी भी कई लोग सरकार के फैसले के साथ दिख रहे हैं तो वहीं कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं.
एक टाइम खाकर भी पीएम मोदी के फैसले के साथ - मजदूर
राजधानी पटना में पिछले 30 सालों से ठेला चला रहे अरुण सिंह ने कहा कि सरकार ने सही फैसला लिया है और जो लोग समझ रहे हैं. वे सभी लोग सरकार के साथ हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि हम जिस कंपनी के लिए ठेला चलाते थे. फिलहाल वह बंद है. अब किसी तरह मुश्किल से कमाई होती है. लेकिन एक टाइम खाकर भी सरकार के फैसले के साथ हैं.
पीएम मोदी की कर रहे हैं जय जय कार
ठेला चालक अरुण सिंह का बेटा इंजीनियर है और इन दिनों रांची में काम करता है. लॉकडाउन के बाद बेटे ने भी कुछ मदद की है. वहीं, उन्होंने कहा कि बेटे ने जो पैसे भेजा है, उसका इस्तेमाल अभी तक नहीं किए हैं. वाइफ भी आंगनबाड़ी में काम करती हैं. लेकिन हम अपनी कमाई से अभी भी अपनी जिंदगी चला रहे हैं. अरुण सिंह की कमाई लॉकडाउन में काफी कम हो गई है. बावजूद इसके पीएम मोदी की जय-जय कार कर रहे हैं.
कर्ज लेकर चल रही फेरी वालों की जिंदगी
ईश्वर प्रसाद चंद्रवंशी फेरी वाले का काम करते हैं. इन दिनों लॉकडाउन में काम पूरी तरह ठप है. रेलवे के वेटिंग रूम में भी काम करते थे. वहां से भी इन्हें हटा गया दिया है. अब किसी तरह कर्ज लेकर परिवार चला रहे हैं और सरकार के फैसले को गरीबों के लिए सही नहीं मान रहे हैं. बिहार सरकार जो राहत का कार्यक्रम चला रही है, उसके बारे में कहते हैं कि कुछ ही लोगों तक राहत पहुंच रहा है. ईश्वरी प्रसाद चंद्रवंशी जैसे लाखों लोग लॉकडाउन से परेशान हैं और चाहते हैं जल्द से जल्द लॉकडाउन समाप्त हो, जिससे जीवन फिर से पटरी पर आ सके.