पटना: कोरोना संक्रमण रिकवरी रेट के संबंध में ईटीवी भारत ने जिला सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना रिकवरी रेट में वृद्धि हुई है. जांच के अनुपात में संक्रमण के मामले बहुत कम मिल रहे हैं. यह राज्य के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर है.
उन्होंने बताया कि जुलाई के महीने में राज्य में जहां कोरोना के प्रतिदिन 30 हजार के करीब जांच में 4000 से अधिक पॉजिटिव मामले सामने आ रहे थे, वहीं अब अगस्त के आखिरी सप्ताह तक राज्य में एक लाख 20 हजार से ज्यादा कोरोना जांच में 3000 से कम पॉजिटिव केस मिल रहे हैं.
पटना सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि चिकित्सकों ने पहले ही अनुमान लगाया था कि राज्य में जुलाई और अगस्त के महीने में कोरोना संक्रमण अपने पीक पर होगा. वहीं सितंबर अंत होते-होते संक्रमण का असर कम होता हुआ नजर आएगा. ऐसे में राज्य के मौजूदा हालात को देखकर प्रतीत हो रहा है कि चिकित्सकों का अनुमान एकदम सही है. डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि रिकवरी रेट बढ़ना राज्य के लिए राहत की बात है.
अधिकांश लोगों में संक्रमण
डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा की कोरोना को लेकर शुरू से कई कयास लगाए जा रहे हैं, जिनमें कई बातें गलत भी साबित हुई हैं. पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि यह बीमारी ठंड के मौसम में शुरू होने के कारण गर्मी और बरसात आते-आते इसका असर कम हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. प्रवासियों के प्रदेश लौटने के बाद राज्य में संक्रमण का मामला काफी तेजी से बढ़ा. अभी की स्थिति ऐसी है कि अधिकांश लोग संक्रमित हो चुके हैं.
'बिहार के लिए शुभ संकेत'
सिविल सर्जन ने कहा कि एक समय ऐसा था जब पटना में 55 मामले सामने आए तो पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया था. वहीं बाद में यह संक्रमण फैला तो प्रतिदिन 600 नए मामले सामने आने लगे. इसके बाद आज के समय में प्रतिदिन नए मामलों की संख्या 300 के आसपास रह रही है. यह निश्चित रूप से बिहार के लिए शुभ संकेत है. उन्होंने कहा कि उम्मीद जताई जा रही थी कि सितंबर के मध्य से राज्य में संक्रमण कमजोर पड़ेगा. इस तरफ हम बढ़ रहे हैं और यह संभव होता हुआ भी नजर आ रहा है.