पटनाः क्या राष्ट्रीय जनता दल को अलविदा कहने वाले हैं रघुवंश प्रसाद सिंह. बिहार की सियासत में इस बात की चर्चा जोरों पर है. रघुवंश सिंह की नाराजगी किसी से छिपी नहीं है. चाहे पार्टी में अनुशासन लागू करने की बात हो या धनकुबेरों को टिकट देने की बात हो. तमाम मुद्दों पर रघुवंश प्रसाद सिंह बेबाकी से बोलते रहे हैं.
पिछले दिनों रामा सिंह प्रकरण को लेकर उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था और तमाम कोशिशों के बावजूद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. हालांकि राजद नेता ये दावा कर रहे हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह पार्टी में हैं और बने रहेंगे.
'रघुवंश प्रसाद सिंह हमारे गार्जियन हैं'
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह हमारे गार्जियन हैं और वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे, इसका हमें विश्वास है. उन्होंने कहा कि उनका आशीर्वाद बना रहेगा और उनके मार्गदर्शन में ही पार्टी अगले चुनाव में एनडीए का बिहार से सफाया करेगी.
राजद नेता ने ये भी कहा किजो लोग पार्टी छोड़कर गए हैं, उन्हें कहीं ना कहीं टिकट को लेकर खतरा महसूस हो रहा था. लेकिन यह तय है कि वह वापस फिर राजद में लौटकर आएंगे.
कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी
दरअसल, पिछले 3 महीने में पांच विधान पार्षद और 6 विधायक आरजेडी को छोड़ चुके हैं. यही नहीं कई बड़े नाम भी चर्चा में हैं, जो राजद छोड़ने वाले हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी पार्टी के लिए विशेष रूप से भारी पड़ सकती है. क्योंकि राजद के स्थापना के समय से ही वे पार्टी से जुड़े रहे हैं और लालू यादव के सबसे करीबी नेताओं में समझे जाते हैं.
जेडीयू और बीजेपी से रघुवंश को ऑफर
बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह पर नीतीश कुमार पहले ही पाशा फेंक चुके हैं. वहीं, बीजेपी नेताओं ने भी आरजेडी में हो रही रघुवंश प्रसाद की उपेक्षा पर सहानुभूति जतायी है. लेकिन लालू प्रसाद के साथ पुराने संबंधों के कारण रघुवंश प्रसाद सिंह ने अब तक आरजेडी नहीं छोड़ा है. अब तेज प्रताप की ओर से जिस प्रकार का बयान दिया गया है. उसके बाद रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी में कब तक बने रहते हैं, यह भी देखने वाली बात होगी.