पटना : ईटीवी भारत की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है. हमने आज सुबह ही आपको बताया था कि आज ही कैबिनेट में शिक्षकों की सेवा शर्त पर मुहर लग जाएगी. ठीक वैसा ही हुआ, कैबिनेट बैठक में सेवा शर्त समेत 28 प्रस्ताव पर मुहर लगी है. अब नियोजित शिक्षकों के लिए सिर्फ शिक्षक शब्द का उपयोग होगा. वहीं, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने दावा किया है कि हमने शिक्षकों के लिए सबसे बेहतर सेवा शर्त को मंजूरी दी है.
ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा से खास बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि हमने शिक्षकों के लिए हर संभव अच्छी और बेहतर सेवा शर्त देने का प्रयास किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो वादे किए थे, उनको पूरा किया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण फिलहाल वित्तीय लाभ नहीं दिया जा रहा है. लेकिन यह एक अप्रैल 2021 से सभी शिक्षकों और पुस्तकालयध्यक्षों को देय होगा.
'शिक्षा और स्कूलों को बेहतर बनाएंगे शिक्षक'
कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि अब शिक्षकों से उम्मीद है कि वे भी बच्चों अच्छी शिक्षा देंगे और सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाएंगे. सेवा शर्त में महत्वपूर्ण रूप से शिक्षक और शिक्षकों और कर्मियों के सेवाकाल में मृत्यु की स्थिति में अनुकंपा पर नौकरी मिलेगी. वहीं उच्च माध्यमिक शिक्षक के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से प्रोन्नति के पद भरे जाएंगे और शेष 50% पदों को माध्यमिक शिक्षक जो अपेक्षित योग्यता और कालावधी पूरी करते हो उन्हें प्रोन्नति दी जाएगी.
शिक्षकों का होगा प्रमोशन
इसी प्रकार प्रधानाध्यापक के वेतनमान का निर्धारण वित्त विभाग की सहमति से करते हुए प्रधानाध्यापक का पद सृजित करते हुए इस पर माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों को प्रोन्नति दिया जाएगा. प्रारंभिक शिक्षकों के संदर्भ में बेसिक ग्रेड ग्रेड में 50% पदों पर प्रोन्नति का प्रधान एवं वेतनमान दोनों निर्धारित है. स्नातक ग्रेड के प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के प्रधान है लेकिन प्रधानाध्यापक का वेतनमान निर्धारित नहीं है. साथ ही उन्नति हेतु वरीयता सूची के निर्धारण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत नहीं है. लेकिन अब प्रधानाध्यापक के वेतनमान का निर्धारण वित्त विभाग की सहमति से करते हुए प्रारंभिक शिक्षकों के संदर्भ में प्रोन्नति हेतु निर्धारित प्रावधान को लागू करने हेतु प्रशासन विभाग द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किया जाएगा.
खुशखबरी : नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त पर लगी मुहर, साढ़े तीन लाख शिक्षकों मिलेगा लाभ
लागू हुई सेवा शर्त नियमावली
- बिहार में शिक्षकों के मूल वेतनमान में 15% वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है, जो 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा.
- इसी प्रकार कार्यरत शिक्षक और पुस्तकालयध्यक्ष के वेतन में ईपीएफ स्कीम के तहत 20% से ज्यादा की वृद्धि हो जाएगी.
- सरकार को 1 अप्रैल 2021 से मूल वेतन में 15% की वृद्धि करने पर करीब 1950 करोड़ का वार्षिक अतिरिक्त व्यय होगा.
- वहीं ईपीएफ योजना से शिक्षकों को लाभ दिए जाने पर सरकार पर 2 हजार 765 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा.
- अब सभी शिक्षकों को एक बार अंतर जिला ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी.
- इसके अलावा दूसरे नियोजन इकाई या वर्तमान नियोजन इकाई में उच्च वेतनमान या उच्च कोटि के पद पर नियोजन होने की स्थिति में सेवा निरंतरता का लाभ भी मिलेगा.
- मातृत्व अवकाश जो अभी 135 दिनों के लिए है, उसे विस्तारित करते हुए 180 दिन के लिए कर दिया गया है, जो प्रथम दो संतानों के लिए मान्य होगा.
- वहीं पितृत्व अवकाश भी अब शिक्षकों और पुस्तकालयध्यक्षों को मिलेगा जो 15 दिनों का होगा, यह भी प्रथम दो संतानों के लिए स्वीकृत होगा.
- अब शिक्षकों को अध्ययन अवकाश मिलेगा. वर्तमान में 7 वर्ष की सेवा के उपरांत अधिकतम 3 साल के लिए अवैतनिक अधिक अध्ययन अवकाश दिया जाता है. अब यह अध्ययन अवकाश योगदान के 3 वर्ष की न्यूनतम सेवा के बाद मिल सकेगा.
- वहीं अर्जित अवकाश अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन अब 2 साल की सेवा के बाद प्रत्येक साल 11 दिनों का अर्जित अवकाश भी शिक्षकों को मिलेगा, जो अधिकतम 120 दिनों का संचित होगा.