मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों के हाल जाना. इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और अधिकारियों के साथ मीटिंग की. वहीं, हर्षवर्धन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बच्चों की मौत पर दुख प्रकट किया.
क्या बोले हर्षवर्धन:
- इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को लेकर अधिकारियों से चर्चा की है.
- डॉक्टर और परिजनों से मैंने बातचीत की है, बच्चों की मौत पर मुझे दुख है.
- मैंने परिजनों के दुख दर्द को महसूस किया.
- ऐसे हालात दोबारा ना आए, इसके लिए दिशा निर्देश दिये हैं.
- पिछले कुछ सालों में ऐसे केस में काफी कमी आई थी.
- जिले में एईएस पर रिसर्च की जाएगी.
- एसकेएमसीएच को 100 बेड के आईसीयू की जरूरत
- अगले साल तक 100 बेड के आईसीयू का निर्माण होगा.
बनेगा पेडियाट्रिक वार्ड
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने एक साल की टाइमलाइन दी है. भारत सरकार इसके लिए पूरा सपोर्ट करेगा. वहीं, उन्होंने कहा कि 10 बेड का एक्सक्लूसिव पेडियाट्रिक आईसीयू बनाने का काम तेजी से किया जाएगा. इसके लिए निर्देश दिया गया है.
अत्याधिक गर्मी और लीची भी एईएस का एक कारण है. बिहार सरकार को हर संभव मदद करेंगे- डॉ हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन एसकेएमसीएच में तीन घंटा तक रूके. पीसी कि और कहा कि तीन घंटे में कई बच्चों की मौत हुई है. उनके परिजन, दादा, दादी से विस्तार से बात की है. सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते नहीं, बल्कि एक डॉक्टर के होने के नाते और समस्या को समझने को लेकर बात की है.
नए आईसीयू की जरूरत
हर्षवर्धन ने कहा कि मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में जो आईसीयू बना हुआ है, उसमें व्यवस्था पर्याप्त नहीं है. यहां पर कम से कम 100 बेड का नया आईसीयू बनना चाहिए. इसके लिए सरकार से आग्रह किया है. अगले साल मई जून से पहले हो जाए, क्योंकि अप्रैल मई से इस तरह का केस आने लगते है. वहीं, उन्होंने कहा कि एक रिसर्च सेंटर की भी जरूरत है. जिससे इस बीमारी पर रिसर्च किया जा सके.
केंद्र सरकार सहयोग के लिए तैयार
हर्षवर्धन ने कहा कि भारत सरकार इस बीमारी को गहराई से खत्म करेगी. फाइनेंशियल के साथ ही टेक्निकल सहयोग भी करेंगे. सबको व्यतिगत तौर पर इसकी मॉनिटरिंग भी करनी चाहिए. जो बच्चे भर्ती है उनको ठीक होने की कामना करता हूं.