पटना: बीजेपी विधायक अनिल सिंह कोटा में फंसी अपनी बेटी को परमिट जारी करवा पटना ले आये. इस पूरे मामले पर राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष लगातार सत्तारूढ़ दल जदयू और बीजेपी के गठबंधन पर निशाना साध रहा है. वहीं, सीएम नीतीश कुमार के कोटा पर दिये गये बयान पर हमला हो कर रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने साफ साफ कहां है कि नीतीश सरकार दोहरी नीति अपना रही है और यही कारण है कि सत्ता पक्ष के विधायक की बेटी को कोटा से लाने का परमिशन तक दे दिया गयी. उनकी बेटी सुरक्षित घर पर तक पहुंच गई. लेकिन बिहार के बाहर पढ़ने वाले छात्र या प्रवासी मजदूरों को बिहार लाने की व्यवस्था नीतीश सरकार नहीं कर रही है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह सरकार की दोहरी नीति है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समझना चाहिए कि सिर्फ वह अपनी पार्टी के नेताओं के मुख्यमंत्री नहीं है बल्कि बिहार के 12 करोड़ जनता के मुख्यमंत्री हैं.
नाकामी छिपाने के लिये उठाया ये कदम- कांग्रेस प्रवक्ता
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार या राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के छात्र और मजदूर अपने राज्य लायीं. वैसा बिहार सरकार को भी करना चाहिए था. लेकिन नीतीश कुमार ने सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए ऐसा करने से मना कर दिया. पहले वो बताएं कि क्या उत्तर प्रदेश या राजस्थान सरकार सोशल डिस्टेंस मेंटेन नही किया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार के पास कोई व्यवस्था नहीं है और अपनी असफलता को छिपाने के लिए ये बिहारी को बाहर ही रखना चाहते हैं. उन्होंने फिर से अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि बिहार के बच्चों और मजदूरों सभी की प्रदेश वापिसी करायी जाये.