पटनाः देश में नागरिकता संशोधन कानून बन चुका है. नागरिकता संशोधन अधिनियम का कई राज्य और राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं. कुछ राज्यों ने इसे अपने राज्य मैं लागू नहीं करने की बात कही है. बीजेपी का मानना है कि संघीय ढांचे में केंद्र के जरिए बनाए गए कानून को मानने के लिए राज्य बाध्यकारी है.
सीएए को लागू करने के लिए राज्य बाध्यकारी
नागरिकता संशोधन अधिनियम देश में लागू हो चुका है, लेकिन लगभग 11 राज्य अपने यहां कानून को लागू नहीं करने की बात कह रहे हैं. इस पर बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि संघ सूची के विषय पर केंद्र सरकार अगर कानून बनाती है तो राज्यों को उसे मानना बाध्यकारी होगा. जो राज्य कानून को लागू नहीं करने की बात कह रहे हैं, उन्हें संविधान की समझ नहीं है.
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देश की जनता को भड़का रहा विपक्ष
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर देश में सियासी बवाल खड़ा है. कई राज्य इसे अपने यहां लागू नहीं करने की बात कह रहे हैं. जबकि बीजेपी ने दो टूक कहा है कि विपक्ष नागरिकता संशोधन अधिनियम के बहाने देश की जनता को भड़का रहा है. इस अधिनियम से किसी का कोई नुकसान नहीं है.