पटना: राजद में दूसरी टूट की आशंका गहराने लगी है. पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कई करीबी नेता पाला बदलने की तैयारी में हैं. हालांकि, राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने पूरे मसले को विपक्ष की साजिश करार दिया है.
राजद अपने कुनबे को संभाल कर नहीं रख पा रही है. पार्टी के पांच विधान पार्षद पहले ही पाला बदल जदयू में शामिल हो गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार अब पार्टी के विधायकों की बारी है. कई विधायक एनडीए के संपर्क में हैं. चर्चा में आलोक मेहता का भी नाम आ रहा है. ऐसे में उन्होंने खुद सत्ता पक्ष पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है.
मैं राजद का फाउंडर मेंबर हूं- आलोक मेहता
राजद के महासचिव आलोक मेहता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में की उन्होंने कहा कि विपक्ष के खिलाफ सत्ता पक्ष की साजिश चल रही है. ऐसी अफवाह फैलाकर विधायकों के मनोबल को तोड़ा जा रहा है. राजद में कोई टूट नहीं होगी. आलोक मेहता ने कहा कि मैं पार्टी का फाउंडर मेंबर हूं और किसी भी सूरत में मैं पार्टी छोड़ने की सोच नहीं सकता
राजद के कई बड़े नेता पार्टी को कह चुकें है अलविदा
विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से प्रदेश में दलबदल का सिलसिला शुरू हो चुका है. इससे पहले जहां राजद के 5 एमएलसी जदयू में शामिल हो गए थे. वहीं पार्टी के कद्दावर नेता विजेंद्र यादव भी पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं. ऐसे में सियासी गलियारे में एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हैं कि राजद के कई बड़े नेता पार्टी को लविदा कह सकते हैं.
1 साल पहले ही राजद विधायक महेश्वर यादव, फराज फातमी और चंद्रिका राय पार्टी लाइन से अलग होकर यह साफ कर चुके हैं कि वे अब राष्ट्रीय जनता दल का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन हाल के दिनों में कई बड़े नाम हैं जिनको लेकर चर्चा है. इनमें से दरभंगा समस्तीपुर और आरा से पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार हैं. जिन नामों की पार्टी से अलग होने की चर्चा है वे जदयू के संपर्क में बने हुए हैं.
केवल औपचारिक ऐलान बाकी
मिल रही जानकारी के अनुसार चंद्रिका राय, फराज फातमी, महेश्वर यादव के अलावे पार्टी के कई वर्तमान विधायक जदयू के संपर्क में हैं. सूत्रों के मुताबिक इन सभी नेताओं का जदयू से बात हो चुकी है. अब केवल औपचारिक ऐलान बाकी है. बता दें कि राजद के 5 एमएलसी के पार्टी में शामिल होने के दौरान भी जदयू ने इशारा करते हुए कहा था कि अब राजद के विधायकों की बारी है.
जानकारी के मुताबिक राजद के कई विधायकों को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अंदर काम करने को तैयार नहीं हैं. इसके अलावे वे पार्टी में अपनी उपेक्षा से भी परेशान हैं. यही वजह है कि राजद नेता जदयू का दामन थामने को बेकरार हैं. हालांकि, इस बारे में राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने इस तरह की सभी खबरें को बेबुनियाद बताया है. राजद नेता का कहना है कि यह एनडीए की एकमात्र चुनावी साजिश है.