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SSP गरिमा मलिक ने मॉब लिंचिंग मामले में पटना पश्चिमी SP से मांगी रिपोर्ट

कृष्णा की पत्नी ने बताया कि 12 अगस्त को पुलिस शव की शिनाख्त कराने ले गई थी. उस समय शव सड़े-गले हालात में था. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि जबरन शव को कृष्णा मांझी का बता कर परिजनों को सौंप दिया गया था.

एसएसपी गरिमा मलिक
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Published : Nov 16, 2019, 11:33 PM IST

पटना: जिला पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां 3 महीने पहले मॉब लिंचिंग मामले में मृत घोषित किए गए व्यक्ति के वापस लौट आने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. वहीं, एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि इस मामले में पटना पश्चिमी एसपी से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है.

बता दें कि नौबतपुर थाना इलाके में मॉब लिंचिंग मामले की घटना हुई थी. हालांकि नौबतपुर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना में मृतक व्यक्ति जिंदा है. जबकि इस मामले में 23 लोग जेल में बंद हैं. वहीं, मृतक घोषित किए गए कृष्णा मांझी के जीवित होने की खबर मिलने से पुलिस भी सकते में है.

patna
कृष्णा मांझी

मॉब लिंचिंग मामले में 23 लोग जेल में हैं बंद
दरअसल, महमतपुर गांव में 10 अगस्त को बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. बाद में मृतक की पहचान रानी तालाब थाना के निसरपुरा गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में कर दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर उसके परिजनों को सौंप दिया था.

ये भी पढ़ेंः जिंदा लौटा मॉब लिंचिंग का शिकार, परिवार संग पुलिस ने करा दिया था दाह संस्कार

परिजनों ने शव का विधिवत अंतिम संस्कार भी कर दिया. लेकिन अचानक कृष्णा सकुशल घर लौट आया है. पटना पुलिस के सामने बड़ा सवाल है कि जिस शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया, वह कौन था? वहीं, मांझी की हत्या के आरोप में 23 लोग गिरफ्तार किए गए थे, उसका कुसूर क्या था?

मीडिया को संबोधित करती एसएसपी गरिमा मलिक

पुलिस पर परिजन लगा रहे हैं आरोप
कृष्णा की पत्नी ने बताया कि 12 अगस्त को पुलिस शव की शिनाख्त कराने ले गई थी. उस समय शव सड़े-गले हालात में था. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि जबरन शव को कृष्णा मांझी का बता कर परिजनों को सौंप दिया गया था. वहीं पुलिस सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है.

पटना: जिला पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां 3 महीने पहले मॉब लिंचिंग मामले में मृत घोषित किए गए व्यक्ति के वापस लौट आने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. वहीं, एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि इस मामले में पटना पश्चिमी एसपी से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है.

बता दें कि नौबतपुर थाना इलाके में मॉब लिंचिंग मामले की घटना हुई थी. हालांकि नौबतपुर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना में मृतक व्यक्ति जिंदा है. जबकि इस मामले में 23 लोग जेल में बंद हैं. वहीं, मृतक घोषित किए गए कृष्णा मांझी के जीवित होने की खबर मिलने से पुलिस भी सकते में है.

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कृष्णा मांझी

मॉब लिंचिंग मामले में 23 लोग जेल में हैं बंद
दरअसल, महमतपुर गांव में 10 अगस्त को बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. बाद में मृतक की पहचान रानी तालाब थाना के निसरपुरा गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में कर दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर उसके परिजनों को सौंप दिया था.

ये भी पढ़ेंः जिंदा लौटा मॉब लिंचिंग का शिकार, परिवार संग पुलिस ने करा दिया था दाह संस्कार

परिजनों ने शव का विधिवत अंतिम संस्कार भी कर दिया. लेकिन अचानक कृष्णा सकुशल घर लौट आया है. पटना पुलिस के सामने बड़ा सवाल है कि जिस शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया, वह कौन था? वहीं, मांझी की हत्या के आरोप में 23 लोग गिरफ्तार किए गए थे, उसका कुसूर क्या था?

मीडिया को संबोधित करती एसएसपी गरिमा मलिक

पुलिस पर परिजन लगा रहे हैं आरोप
कृष्णा की पत्नी ने बताया कि 12 अगस्त को पुलिस शव की शिनाख्त कराने ले गई थी. उस समय शव सड़े-गले हालात में था. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि जबरन शव को कृष्णा मांझी का बता कर परिजनों को सौंप दिया गया था. वहीं पुलिस सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है.

Intro:मुर्दे के जिंदा और घर वापसी से पुलिस महकमे में हड़कम्प,,एसएसपी द्वारा बड़ी करवाई ,एसडीओ दानापुर के बॉडीगार्ड को प्राथमिक दृष्टया दोषी मानते हुए किया गया सस्पेंड, एसएसपी ने एसडीपीओ के रिपोर्ट के बाद किया कार्रवाई।।

Body:पटना पुलिस की फिर एक बार बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां 3 महीने पहले मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने जिस पीड़ित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया था वह अपने घर वापस लौट आया है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब मॉब लिंचिंग का शिकार व्यक्ति जिंदा था तो पुलिस ने किसे मृत घोषित कर दिया है, जबकि इसी मामले को लेकर फिलहाल 23 लोग जेल में बंद हैं....
Conclusion:पटना से सेट नौबतपुर थाना इलाके में मॉब लिंचिंग मामले को लेकर एक नया मोड़ सामने आया है. बताया जा रहा है कि नौबतपुर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना में जिस व्यक्ति की मौत हुई थी वो जीवित है जबकि इस मामले को लेकर 23 लोग जेल में बंद हैं. वहीं कथित तौर पर मृतक कृष्णा मांझी के जीवित होने की खबर मिलने से पुलिस भी सकते में है. दरअसल महमतपुर गांव में 10 अगस्त को बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ ने कृष्णा मांझी की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. मृतक की पहचान रानी तालाब थाना के निसरपुरा गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में की गई थी. इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर कृष्णा के परिजनों को सौंप दिया था. परिजनों ने शव का विधिवत अंतिम संस्कार कर दिया था. लेकिन अचानक कृष्णा सकुशल घर लौट आया है. पटना पुलिस अब यह सोच रही है कि जिस शव को कृष्णा मांझी मानकर पोस्टमार्टम कराया और परिजनों से अंतिम संस्कार भी कराया वह किसका शव था. साथ ही कृष्णा मांझी की हत्या के आरोप में जो 23 लोग गिरफ्तार किए गए थे उनका कुसूर क्या था.
इस बीच कृष्णा की पत्नी ने कहा कि 12 अगस्त को जब पुलिस शव की शिनाख्त कराने ले गई तो शव सड़े-गले हालत में था. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने जबरन शव को कृष्णा मांझी का बता कर परिजनों को सौंप दिया. वहीं पुलिस सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि नौबतपुर मॉब लिंचिंग पुलिस के गले की फसी मछली का काटा साबित हो रहा है ....।।
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