पटना: बिहार के भागलपुर का सृजन घोटाला काफी चर्चित रहा है, जिसकी जांच सीबीआई कई वर्षों से कर रही है. इसमें कई राज अभी भी बेपर्दा होना बाकी है. अब उम्मीद की जा रही है मामले में कई अहम सुराग हाथ लगेंगे, क्योंकि सृजन घोटाला की मुख्य अभियुक्त रजनी प्रिया को गुरुवार को साहिबाबाद राजेंद्र नगर के वेद एनक्लेव, उत्तर प्रदेश से सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें शुक्रवार को पटना लाया गया है.
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21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में रहेंगी रजनी प्रिया: रजनी प्रिया को पटना के सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां सीबीआई कोर्ट ने रजनी प्रिया को 21 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उन्हें बेऊर जेल भेजा गया है. बता दें कि सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी रजनी प्रिया की पेशी आज पटना के सिविल कोर्ट में हुई. रजनी प्रिया की गिरफ्तारी कल 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद से गिरफ्तारी हुई थी.
यूपी से हुई थी गिरफ्तारी: बता दें कि गाजियाबाद से गिरफ्तार कर सृजन घोटाले की मुख्य आरोपी रजनी प्रिया को गुरुवार को ही पटना के लिए रवाना कर दिया गया था. सीबीआई की तरफ से उन्हें एक गेस्ट हाउस में रखा गया था. इसके बाद रजनी प्रिया को सीबीआई के सुरक्षा घेरे में 12:00 बजे सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया.
21 अगस्त तक भेजा गया न्यायिक हिरासत में: उन्हें 21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वहीं मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी. रजनी प्रिया से पत्रकारों ने सवाल किया लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. रजनी प्रिया के पक्ष के वकील रोहित सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बताया कि सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त की दी गई है.इस दौरान रजनी प्रिया के पक्ष के वकील ने मीडियाकर्मियों से ही सवाल कर डाला.
"गाजियाबाद से गिरफ्तारी के बाद पटना सिविल कोर्ट में पेश की गई. अगर मीडिया कर्मी मेरी कुछ मदद कर दें तो मैं रजनी प्रिया बेल फाइल डाल सकूंगा और मुझे काफी सहूलियत मिल जाएगी. कोई बता दे कि इनके पति कब एक्सपायर किए थे और यह कब से कब तक महिला विकास सहयोग समिति में कब से कब तक सर्वे सर्वा रहीं."- रोहित सिन्हा, रजनी प्रिया के पक्ष के वकील
"रजनी प्रिया से सीबीआई कोर्ट के जज ने कोई महत्वपूर्ण सवाल नहीं किया, बल्कि केवल उनसे आने में कोई परेशानी न होने का सवाल किया. इसके बाद उन्होंने 21 अगस्त को अगली सुनवाई का वक्त मुकर्रर कर दिया."- अरविंद तिवारी, रजनी प्रिया के पक्ष के वकील
क्या है सृजन घोटाला?: एक एनजीओ के नाम पर घोटाले किए गए थे. एनजीओ सृजन महिला सहयोग समिति के नाम पर घोटाला किया गया था. एनजीओ के खाते से सरकारी धन की फर्जी तरीके से निकासी से पूरा मामला जुड़ा है. साल 2004 से 2014 के बीच फर्जी तरीके से राशि ट्रांसफर किया गया.जिला प्रशासन के खातों से सरकारी धन की हेराफेरी का आरोप है. अधिकारियों और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से हेराफेरी की गई थी. घोटाले में तकरीबन 1900 करोड़ रुपए की हेराफेरी हुई थी.