बिहार: बिहार में कोरोना का संकट लगातार बना हुआ है और राजधानी पटना कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के कारण युवा वर्ग के लोग गंभीर रूप से संक्रमित हो रहे हैं. 20 से 40 वर्ष के आयु के कई कोरोना मरीजों की संक्रमण के कारण मौत भी हुई है और डेथ रेट भी बढ़ा है. ऐसे में युवा वर्ग भी अब क्यों इतने प्रभावित हो रहे हैं. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने पटना के मशहूर डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी से बात की.
मरीजों की बढ़ सकती है संख्या
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि बिहार में हाल के दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या फिर से बढ़नी शुरू हो गई है और ठंड का मौसम भी शुरू हो रहा है. इस वजह से संक्रमितों की संख्या और बढ़ने की प्रबल संभावना बन रही है. उन्होंने कहा कि संक्रमितों में काफी संख्या युवा वर्ग की है और इसका प्रमुख वजह यह है कि युवा घर से बाहर ज्यादा निकल रहे हैं और सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. कोरोना से बचाव के एहतियाती नियमों को पालन करने में कई बार वह लापरवाही दिखा रहे हैं. कई बार युद्ध एसिंप्टोमेटिक होकर रह जाते हैं. लेकिन इस दौरान यह होता है कि उनके परिवार के कोमोरबिड पेशेंट संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं.
कोरोना से यूथ में भी मोर्टिलिटी रेट बढ़ी है और इसके दो प्रमुख कारण है. उन्होंने कहा कि पहली वजह है कि जो युवा धूम्रपान और अन्य नशा का सेवन कर रहे हैं. वह कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित हो रहे हैं और कोरोना उनके शरीर को काफी नुकसान भी पहुंचा रहा है और दूसरे ऐसे युवा गंभीर रूप से संक्रमित हो रहे हैं, जो शुरुआती लक्षण दिखने के बाद लापरवाही दिखा रहे हैं और चिकित्सीय परामर्श नहीं ले रहे हैं. डॉ. दिवाकर तेजस्वी, डॉक्टर
क्या कहते हैं डॉ. दिवाकर तेजस्वी
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि हाल की चुनावी माहौल में यह देखने को मिला कि अधिकांश चुनावी सभाओं में युवाओं की भीड़ रही और इस दौरान उनके चेहरे पर मास्क भी नहीं दिखा और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ है. ऐसे में आने वाले तीन चार सप्ताह में संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ने की काफी अत्यधिक संभावना है और समय रहते इलाज और प्रिकॉशन नहीं रखा गया. तो यह भी संभव है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में कोरोना का मोर्टिलिटी रेट भी बढ़े.