ETV Bharat / state

TB के खिलाफ प्रदेश के 3 जिलों में चलाए जा रहे विशेष जागरूकता कार्यक्रम - Awareness program against TB

बिहार सरकार केयर इंडिया (Bihar Government Care India) और अन्य स्वास्थ्य सेवा संस्थानों (Health Care Institutions) की मदद से चरणबद्ध तरीके से जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. पहले चरण में भागलपुर, पूर्णिया और पश्चिमी चंपारण में टीबी मुक्त (TB Mukt) करने की दिशा में जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Special awareness programs against TB in 3 districts of bihar
Special awareness programs against TB in 3 districts of bihar
author img

By

Published : Jul 23, 2021, 11:12 PM IST

पटना: ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) यानी कि टीबी (TB) से मुक्त भारत को बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2025 तक का लक्ष्य रखा है. ऐसे में इस महामारी के अंत के लिए और राष्ट्रीय रणनीतिक योजना के तहत गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए टीबी मुक्त भारत अभियान (TB Mukt Bharat Abhiyan) शुरू किया गया था.

यह भी पढ़ें - विश्व यक्ष्मा दिवस: 'टीबी हारेगा देश जीतेगा' जन आंदोलन कार्यक्रम की स्वास्थ्य मंत्री ने की शुरुआत

इस संदर्भ में बिहार सरकार केयर इंडिया (Bihar Government Care India) और अन्य स्वास्थ्य सेवा संस्थानों (Health Care Institutions) की मदद से इन दिनों टीबी मुक्त (TB Mukt) करने की दिशा में प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. इस जागरूकता कार्यक्रम के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है. जिसमें जागरूकता कार्यक्रम के लिए कई चरण बनाए गए हैं. पहले चरण के तहत बिहार के टीबी से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में टीबी जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

देखें वीडियो

"शुरुआती चरण में अभी 3 जिले रखे गए हैं जहां यह जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें भागलपुर, पूर्णिया और पश्चिमी चंपारण शामिल है. प्रदेश में इन्हीं जिलों में टीबी के मरीजों की संख्या अधिक है. इस जागरूकता कार्यक्रम के तहत विभिन्न धर्म गुरुओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग दिया जा रहा है और उन के माध्यम से जागरूकता की अपील किए जा रहे हैं."- डॉ बीके मिश्रा, स्टेट टीबी ऑफिसर

स्टेट टीबी ऑफिसर ने जानकारी दी कि प्रदेश में गरीब सबसे ज्यादा इस बीमारी से प्रभावित है और बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए उठाए गए हर कदम का सीधा संबंध उनके स्वस्थ और खुशहाल जीवन से है. इसी के लिए जो समाज के प्रभावशाली लोग हैं. जैसे कि धर्म गुरु, ग्राम प्रधान, मुखिया, आदि के माध्यम से जागरूकता की अपील किए जा रहे हैं. साथ ही यह संदेश दिया जा रहा है कि स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीबी के जांच इलाज और दवाइयों की निशुल्क व्यवस्था है. ऐसे में अगर किसी को भी इस बीमारी के जरा भी लक्षण महसूस हो तो वह नजदीकी पीएचसी में जाकर इसका जांच कराएं.

स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ बीके मिश्रा ने बताया कि समाज के प्रभावशाली लोगों को इस अभियान में हिस्सा बनाकर सरकार इस जन आंदोलन के रूप में फैलाना चाहती है, ताकि लोगों में इसके प्रति जागरूकता पैदा हो और टीबी बीमारी 2025 तक भारत से मुक्त हो.

स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसी प्रकार क्रमवार तरीके से विभिन्न जिलों का चयन करके प्रदेश के सभी जिलों में टीबी बीमारी के खिलाफ यह जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाना है.

यह भी पढ़ें -

काम का नहीं सिर्फ नाम का है ये अस्पताल! नहीं आते हैं डॉक्टर, ANM कराती हैं प्रसव

बक्सर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री, टीबी जांच वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

पटना: ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) यानी कि टीबी (TB) से मुक्त भारत को बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2025 तक का लक्ष्य रखा है. ऐसे में इस महामारी के अंत के लिए और राष्ट्रीय रणनीतिक योजना के तहत गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए टीबी मुक्त भारत अभियान (TB Mukt Bharat Abhiyan) शुरू किया गया था.

यह भी पढ़ें - विश्व यक्ष्मा दिवस: 'टीबी हारेगा देश जीतेगा' जन आंदोलन कार्यक्रम की स्वास्थ्य मंत्री ने की शुरुआत

इस संदर्भ में बिहार सरकार केयर इंडिया (Bihar Government Care India) और अन्य स्वास्थ्य सेवा संस्थानों (Health Care Institutions) की मदद से इन दिनों टीबी मुक्त (TB Mukt) करने की दिशा में प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. इस जागरूकता कार्यक्रम के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है. जिसमें जागरूकता कार्यक्रम के लिए कई चरण बनाए गए हैं. पहले चरण के तहत बिहार के टीबी से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में टीबी जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

देखें वीडियो

"शुरुआती चरण में अभी 3 जिले रखे गए हैं जहां यह जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें भागलपुर, पूर्णिया और पश्चिमी चंपारण शामिल है. प्रदेश में इन्हीं जिलों में टीबी के मरीजों की संख्या अधिक है. इस जागरूकता कार्यक्रम के तहत विभिन्न धर्म गुरुओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग दिया जा रहा है और उन के माध्यम से जागरूकता की अपील किए जा रहे हैं."- डॉ बीके मिश्रा, स्टेट टीबी ऑफिसर

स्टेट टीबी ऑफिसर ने जानकारी दी कि प्रदेश में गरीब सबसे ज्यादा इस बीमारी से प्रभावित है और बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए उठाए गए हर कदम का सीधा संबंध उनके स्वस्थ और खुशहाल जीवन से है. इसी के लिए जो समाज के प्रभावशाली लोग हैं. जैसे कि धर्म गुरु, ग्राम प्रधान, मुखिया, आदि के माध्यम से जागरूकता की अपील किए जा रहे हैं. साथ ही यह संदेश दिया जा रहा है कि स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीबी के जांच इलाज और दवाइयों की निशुल्क व्यवस्था है. ऐसे में अगर किसी को भी इस बीमारी के जरा भी लक्षण महसूस हो तो वह नजदीकी पीएचसी में जाकर इसका जांच कराएं.

स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ बीके मिश्रा ने बताया कि समाज के प्रभावशाली लोगों को इस अभियान में हिस्सा बनाकर सरकार इस जन आंदोलन के रूप में फैलाना चाहती है, ताकि लोगों में इसके प्रति जागरूकता पैदा हो और टीबी बीमारी 2025 तक भारत से मुक्त हो.

स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसी प्रकार क्रमवार तरीके से विभिन्न जिलों का चयन करके प्रदेश के सभी जिलों में टीबी बीमारी के खिलाफ यह जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाना है.

यह भी पढ़ें -

काम का नहीं सिर्फ नाम का है ये अस्पताल! नहीं आते हैं डॉक्टर, ANM कराती हैं प्रसव

बक्सर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री, टीबी जांच वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.