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सरकारी इमारतों पर बिजली की खेती, हर माह हो रही लाखों रुपए की बचत - bihar government save money from solar system

बिहार में केंद्र सरकार की कुसुम योजना का अधिक से अधिक लाभ लिया जा रहा है. राज्य सरकार सरकारी भवनों के छतों पर सोलर प्लेट लगवा रही है. इससे बिजली के बिल में कमी आई है और लाखों रुपए की बचत हो रही है.

solar system installation at government office
सरकारी इमारतों पर बिजली की खेती
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Published : Feb 6, 2021, 9:01 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 9:23 PM IST

पटना: केंद्र सरकार द्वारा कुसुम योजना बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों में ध्यान रखकर शुरू की गई थी. बिहार में इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लिया जा रहा है. प्रदेश में सरकारी इमारतों पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं. स्कूल, अस्पताल, कलेक्ट्रेट, कोर्ट भवन या कोई अन्य सरकारी भवन सभी इमारतों के छतों पर सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं. बिहार में अब तक 1 हजार से अधिक सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर सिस्टम लगाए गए हैं, इससे बिजली बिल कम आ रही है और हर माह लाखों रुपए की बचत हो रही है.

कम आ रही पटना जंक्शन की बिजली बिल
पटना जंक्शन पर सोलर एनर्जी से काफी फायदा हुआ है. यहां बिजली बिल अब काफी कम आ रही है. पटना जंक्शन के छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं. इससे पटना जंक्शन स्थित देश के 2 सबसे बड़े एसी वेटिंग हॉल को बिजली मिलती है. इसके अलावा स्टेशन परिसर में सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

बिहार में ब्रेडा (बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा सोलर सिस्टम लगाया जा रहा है. बिहार में खासकर तीन तरह के सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं. पहला है ग्राउंड सिस्टम जो जमीन पर लगाया जाता है. दूसरा है तालाब या पोखर पर लगाया जाने वाला सोलर सिस्टम. तीसरा सोलर सिस्टम घरों या सरकारी दफ्तरों के छतों पर लगाया जाता है.

1 हजार सरकारी दफ्तरों के छतों पर लगा सोलर प्लेट
बिहार में अब तक 1 हजार से ज्यादा सरकारी दफ्तरों के छतों पर सोलर प्लेट लगाए जा चुके हैं. अभी 15 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लेट लगाए गए हैं. सरकार ने पहल करते हुए बिहार के सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाने का जिम्मा लिया है. इसका लाभ भी मिल रहा है. सरकारी भवनों का बिजली बिल पर खर्च पहले से कम हो गया है. जिन भवनों के छतों पर सोलर प्लेट लगे हैं उनके बिजली बिल में 60-90 फीसदी तक कमी आई है.

65 फीसदी तक मिलती है सब्सिडी
घरों के छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार सब्सिडी देती है. कुछ भुगतान घर के मालिक को करना पड़ता है. केंद्र और राज्य सरकार को मिला कर लगभग 65 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है. केंद्र सरकार 3 किलो वाट तक 40% और राज्य सरकार 20% सब्सिडी देती है.

solar energy
.

1500 सरकारी भवनों पर लगाया जा रहा सोलर प्लेट
ब्रेडा के डायरेक्टर आलोक कुमार ने कहा "रिन्यूएबल एनर्जी काफी अच्छी है. बिहार में सोलर एनर्जी, पनबिजली और बायोमास के भरपूर मात्रा में सोर्स उपलब्ध हैं. अभी तक 1 हजार से ज्यादा सरकारी भवनों पर सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन का काम हो चुका है. लगभग 1500 सरकारी भवनों पर सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है."

ब्रेडा के निदेशक ने कहा "प्रदेश में सोलर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी ऊर्जा विभाग के ब्रेडा को दी गई है. सोलर सिस्टम लगाने पर अलग तरह का बिजली मीटर लगाया जाता है. यह मीटर बिजली एक्सपोर्ट इंपोर्ट से जुड़ा होता है. छत पर लगाए गए सोलर प्लेट से बिजली पैदा होती है. इस्तेमाल के अधिक बिजली पैदा होने पर बची हुई बिजली विद्युत विभाग को सप्लाई होती है. शाम के बाद जब सोलर प्लेट से बिजली का उत्पादन बंद हो जाता है तो विद्युत विभाग द्वारा दी गई बिजली का इस्तेमाल उपभोक्ता करते हैं."

आलोक कुमार ने कहा "बिजली लगातार महंगी हो रही है. इसका सीधा असर लोगों के बजट पर पड़ रहा है. इसके चलते अब आम लोग भी अपने छत पर सोलर प्लेट लगवा रहे हैं. अगर आपके घर की छत पर अच्छी धूप आती है तो छत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं. जो लोग अपने घरों पर सोलर प्लेट लगवाना चाहते हैं वे ऊर्जा विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं."

Alok kumar
ब्रेडा के डायरेक्टर आलोक कुमार

यह भी पढ़ें- बिहार में ई-वेस्ट बना सिरदर्द, मंडरा रहा रेडिएशन का खतरा ! ये रही वजह

विश्वेश्वरैया भवन पर भी लग रहा सोलर प्लेट
गौरतलब है कि बेली रोड स्थित विश्वेश्वरैया भवन में कोरोना लॉकडाउन के समय से ही सोलर पैनल लगाने की काम चल रहा था. कोरोना काल में सोलर पैनल में लगाने वाले सामान की आपूर्ति नहीं होने के कारण काम रोक दिया गया था. स्थिति सामान्य होने पर काम की रफ्तार ने गति पकड़ी है. आने वाले दिनों में विश्वेश्वरैया भवन भी सौर ऊर्जा से संचालित होगी. इससे लाखों रुपए की बचत होगी. निदेशक ने बताया कि भारत सरकार का प्रयास है कि सोलर पैनल या इसमें लगने वाले यंत्र भारत में ही बने. इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और काफी तेजी से काम होगा.

"सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली की अच्छी खासी बचत की जा रही है. सौर ऊर्जा की कीमत भी अब पहले की अपेक्षा काफी कम हो गई है. बिहार में सौर ऊर्जा का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. लोग अपने घरों पर सोलर प्लेट लगवा रहे हैं."- आलोक कुमार, डायरेक्टर, ब्रेडा

पटना: केंद्र सरकार द्वारा कुसुम योजना बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों में ध्यान रखकर शुरू की गई थी. बिहार में इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लिया जा रहा है. प्रदेश में सरकारी इमारतों पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं. स्कूल, अस्पताल, कलेक्ट्रेट, कोर्ट भवन या कोई अन्य सरकारी भवन सभी इमारतों के छतों पर सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं. बिहार में अब तक 1 हजार से अधिक सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर सिस्टम लगाए गए हैं, इससे बिजली बिल कम आ रही है और हर माह लाखों रुपए की बचत हो रही है.

कम आ रही पटना जंक्शन की बिजली बिल
पटना जंक्शन पर सोलर एनर्जी से काफी फायदा हुआ है. यहां बिजली बिल अब काफी कम आ रही है. पटना जंक्शन के छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं. इससे पटना जंक्शन स्थित देश के 2 सबसे बड़े एसी वेटिंग हॉल को बिजली मिलती है. इसके अलावा स्टेशन परिसर में सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

बिहार में ब्रेडा (बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा सोलर सिस्टम लगाया जा रहा है. बिहार में खासकर तीन तरह के सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं. पहला है ग्राउंड सिस्टम जो जमीन पर लगाया जाता है. दूसरा है तालाब या पोखर पर लगाया जाने वाला सोलर सिस्टम. तीसरा सोलर सिस्टम घरों या सरकारी दफ्तरों के छतों पर लगाया जाता है.

1 हजार सरकारी दफ्तरों के छतों पर लगा सोलर प्लेट
बिहार में अब तक 1 हजार से ज्यादा सरकारी दफ्तरों के छतों पर सोलर प्लेट लगाए जा चुके हैं. अभी 15 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लेट लगाए गए हैं. सरकार ने पहल करते हुए बिहार के सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाने का जिम्मा लिया है. इसका लाभ भी मिल रहा है. सरकारी भवनों का बिजली बिल पर खर्च पहले से कम हो गया है. जिन भवनों के छतों पर सोलर प्लेट लगे हैं उनके बिजली बिल में 60-90 फीसदी तक कमी आई है.

65 फीसदी तक मिलती है सब्सिडी
घरों के छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार सब्सिडी देती है. कुछ भुगतान घर के मालिक को करना पड़ता है. केंद्र और राज्य सरकार को मिला कर लगभग 65 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है. केंद्र सरकार 3 किलो वाट तक 40% और राज्य सरकार 20% सब्सिडी देती है.

solar energy
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1500 सरकारी भवनों पर लगाया जा रहा सोलर प्लेट
ब्रेडा के डायरेक्टर आलोक कुमार ने कहा "रिन्यूएबल एनर्जी काफी अच्छी है. बिहार में सोलर एनर्जी, पनबिजली और बायोमास के भरपूर मात्रा में सोर्स उपलब्ध हैं. अभी तक 1 हजार से ज्यादा सरकारी भवनों पर सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन का काम हो चुका है. लगभग 1500 सरकारी भवनों पर सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है."

ब्रेडा के निदेशक ने कहा "प्रदेश में सोलर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी ऊर्जा विभाग के ब्रेडा को दी गई है. सोलर सिस्टम लगाने पर अलग तरह का बिजली मीटर लगाया जाता है. यह मीटर बिजली एक्सपोर्ट इंपोर्ट से जुड़ा होता है. छत पर लगाए गए सोलर प्लेट से बिजली पैदा होती है. इस्तेमाल के अधिक बिजली पैदा होने पर बची हुई बिजली विद्युत विभाग को सप्लाई होती है. शाम के बाद जब सोलर प्लेट से बिजली का उत्पादन बंद हो जाता है तो विद्युत विभाग द्वारा दी गई बिजली का इस्तेमाल उपभोक्ता करते हैं."

आलोक कुमार ने कहा "बिजली लगातार महंगी हो रही है. इसका सीधा असर लोगों के बजट पर पड़ रहा है. इसके चलते अब आम लोग भी अपने छत पर सोलर प्लेट लगवा रहे हैं. अगर आपके घर की छत पर अच्छी धूप आती है तो छत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं. जो लोग अपने घरों पर सोलर प्लेट लगवाना चाहते हैं वे ऊर्जा विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं."

Alok kumar
ब्रेडा के डायरेक्टर आलोक कुमार

यह भी पढ़ें- बिहार में ई-वेस्ट बना सिरदर्द, मंडरा रहा रेडिएशन का खतरा ! ये रही वजह

विश्वेश्वरैया भवन पर भी लग रहा सोलर प्लेट
गौरतलब है कि बेली रोड स्थित विश्वेश्वरैया भवन में कोरोना लॉकडाउन के समय से ही सोलर पैनल लगाने की काम चल रहा था. कोरोना काल में सोलर पैनल में लगाने वाले सामान की आपूर्ति नहीं होने के कारण काम रोक दिया गया था. स्थिति सामान्य होने पर काम की रफ्तार ने गति पकड़ी है. आने वाले दिनों में विश्वेश्वरैया भवन भी सौर ऊर्जा से संचालित होगी. इससे लाखों रुपए की बचत होगी. निदेशक ने बताया कि भारत सरकार का प्रयास है कि सोलर पैनल या इसमें लगने वाले यंत्र भारत में ही बने. इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और काफी तेजी से काम होगा.

"सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली की अच्छी खासी बचत की जा रही है. सौर ऊर्जा की कीमत भी अब पहले की अपेक्षा काफी कम हो गई है. बिहार में सौर ऊर्जा का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. लोग अपने घरों पर सोलर प्लेट लगवा रहे हैं."- आलोक कुमार, डायरेक्टर, ब्रेडा

Last Updated : Feb 6, 2021, 9:23 PM IST
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