पटना: हजारों वर्षों के बाद दीपावली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) का संयोग बना. पटना में सूर्य ग्रहण (solar Eclipse in Patna ) को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम सागर पांडे ने बताया कि सूर्य ग्रहण 4:42 से 5:13 तक रहेगा. इसकी कुल अवधि 31 मिनट की है. सूर्य ग्रहण का विभिन्न राशि पर अलग-अलग प्रभाव पड़ रहा है. कुछ के लिए यह लाभकारी है तो कुछ राशि वालों के लिए यह हानि देने वाला है. सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक लाभ फल सिंह राशि को मिल रहा है. वहीं कर्क राशि और मेष राशि पर इसका प्रभाव ज्यादा पड़ेगा.
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राशियों पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव: मेष राशि वालों के लिए यह सूर्य ग्रहण हानि का फल दे रहा है. ऐसे राशि वालों के जीवन साथी को कष्ट हो सकता है. वृष राशि वालों के लिए ये ग्रहण अच्छा फल दे रहा है और उनके रुके हुए काम पूरे होने की संभावना बन रही है. मिथुन राशि वालों को अपने संतान के स्वास्थ्य और खुद के स्वास्थ्य को लेकर ध्यान देने की आवश्यकता है. कर्क राशि वालों को मानसिक तनाव, अन्य प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, उनकी माता को कष्ट हो सकता है. सिंह राशि वालों को यह ग्रहण अच्छा फल दे रहा है और उनके रुके हुए काम पूरे होंगे इसके साथ ही हर प्रकार की सफलता मिलने का संयोग बन रहा है. आर्थिक दृष्टिकोण से अच्छा है. कन्या राशि वालों के लिए क्षति का भाव बन रहा है, मानसिक और आर्थिक रूप से क्षति होने की संभावना है.
तुला राशि वालों को अपने परिवारिक जीवन पर ध्यान देने की आवश्यकता है, क्लेश हो सकता है, दुर्घटनाओं से बचने के लिए सावधानी से रहें. कोई धोखा दे सकता है. वृश्चिक राशि वालों को अपने कैरियर और रिश्तों को लेकर सचेत रहें, थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. धनु राशि वालों के लिए शुभ संयोग बन रहा है उनके शत्रु परास्त होंगे और उन्हें मनचाही सफलता मिलेगी. मकर राशि वालों के लिए भी ग्रहण शुभ फल दे रहा है. करियर में बड़ी सफलता मिलने के योग बन रहे हैं, आर्थिक उन्नति के भी योग बन रहे हैं. कुंभ राशि वालों को अपने स्वास्थ्य और धन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. क्योंकि स्वास्थ्य और धन के क्षति होने की संभावना बन रही है. मीन राशि वालों के वैवाहिक जीवन में कलेश की संभावना बन रही है. ऐसे में दांपत्य रिश्ते में सावधानी बरतें और दुर्घटनाओं से बचने के लिए अधिक सतर्क रहें.
सूर्य ग्रहण की पौराणिक मान्यताएं: हालांकि धार्मिक नजरिए से अगर बात करें तो पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के बाद जब अमृत निकला तो उस अमृत पान के लिए देवता पंक्ति बंद होकर बैठ कर अमृत पीने लगे और इसी बीच राहु और केतु नाम के असुरों ने देवता का वेश बनाकर अमृत पीने लगे जिसे सूर्य और चंद्रमा ने राहु को पहचान लिया और भगवान विष्णु जो सभी को अमृत पिला रहे थे उनसे उन्होंने शिकायत की. भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया लेकिन वह मरा नहीं. क्योंकि उसने अमृत पी लिया था और इसी के बाद से कहा जाता है कि राहु, सूर्य और चंद्रमा को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. समय-समय पर इन दोनों ग्रहों को ग्रसता रहता है.
सूर्य ग्रहण कैसे लगता है: सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जिसमें पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है. तीनों कुछ समय के लिए एक सीधी लाइन में रहते हैं. ऐसे में चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और जहां जहां चंद्रमा की छाया पड़ती है वहां पूर्ण रूप से सूर्य नहीं दिखता और इसी स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं.