पटना: बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार प्रतिदिन को पार कर गया है. राजधानी पटना में भी तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और इसके कारण प्रमुख अस्पतालों में जांच और वैक्सीन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. सोशल डिस्टेंसिंग मजाक बन गया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का भी कहना है कि स्थिति चिंताजनक है और एम्स जैसे संस्थान में बेड के लिए पैरवी करनी पड़ रही है.
बिहार में होली के बाद से जिस प्रकार कोरोना वायरस के संक्रमितों संख्या बढ़ी है. सरकार की नींद उड़ी हुई है. लेकिन इसके बावजूद लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई चिंता नहीं है. जांच और वैक्सीन के लिए लोग बड़ी संख्या में अस्पतालों में पहुंच रहे हैं और इसके कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है.
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पटना के आयकर चौराहा स्थित गार्डिनर हॉस्पिटल में वैक्सीन के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ रही है. ऐसे संस्थान की ओर से कूपन सिस्टम की व्यवस्था की गई है. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि लोगों में सब्र ही नहीं है. लोगों का कहना है कि जिस प्रकार से संक्रमित बढ़ रहे हैं. सभी जल्द से जल्द वैक्सीन ले लेना चाहते हैं. वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना प्रशासन का काम है. हम लोग मजबूर हैं.
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कोरोना संक्रमण जिस प्रकार से बढ़ रहे हैं. यह चिंताजनक स्थिति है. लोगों में डर भय खत्म हो गया है और एक जैसे अस्पतालों के बेड भर गए हैं. बेड के लिए पैरवी करना पड़ रहा है: सुशील कुमार मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री
कोरोना के बढ़ते खतरा को देखते हुए नीतीश कुमार लगातार बैठक कर रहे हैं. मंगलवार को भी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और आला अधिकारियों के साथ बैठक कर कई निर्देश दिए हैं. डीएम-एसपी को भी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है. प्रखंड स्तर पर क्वॉरेंटाइन केंद्र बनाने का भी निर्देश दिया गया है. कई बड़े फैसले भी लिए गए हैं. लेकिन जिस प्रकार से लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग का डर खत्म हो गया है. यह चिंताजनक स्थिति है.