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'व्याकुल मत होइये' ने विपक्ष को दिया बैठे-बिठाए एक और मुद्दा, मंत्री जिवेश मिश्रा ने भी माना- हुई चूक - Bihar assembly speaker insulted

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान स्पीकर विजय सिन्हा और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी उलझ पड़े. मंत्री के व्याकुल मत होइये वाले बयान पर स्पीकर ने शब्द वापस लेने का निर्देश दिया. जिस पर मंत्री ने उसे दोबारा दोहराया. हालांकि, बाद में मंत्री विजय चौधरी के बीच-बचाव के बाद सम्राट चौधरी ने विजय सिन्हा से माफी मांग ली लेकिन अब विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर मंत्री पर आसन का अपमान करने का आरोप लगा रहा है.

पटना
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Published : Mar 18, 2021, 7:19 AM IST

Updated : Mar 18, 2021, 1:06 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक देखने को मिलती रहती है लेकिन बीते दिन स्पीकर और मंत्री के विवाद ने विपक्ष को बैठे-बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है. सदन में नेता प्रतिपक्ष नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों पर दागी होने का आरोप लगाते ही हैं. अब मंत्री के 'व्याकुल मत होइये' वाले बयान ने उन्हें सीएम नीतीश कुमार को घेरने का एक और मौका दे दिया है.

यह भी पढ़ें: बिहार विधानसभा के इतिहास में पहली बार मंत्री ने स्पीकर को चेताया

स्पीकर के निर्देश पर भी मंत्री ने वापस नहीं लिया था बयान
दरअसल, किसी मुद्दे को लेकर सदन में बीजेपी कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को सदन में सवाल-जवाब के दौरान व्याकुल मत होइये कह दिया था. जिससे नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से शब्द वापस लेने का निर्देश देने पर भी मंत्री की ओर से दोबारा उसे दोहराया गया. अब इसी बात को लेकर विपक्ष एक बार फिर सरकार के घेरने में जुट गई है. विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि केवल माफी से काम चलने वाला नहीं है. इतिहास में पहली बार इस तरह की घटना हुई है और सत्ता पक्ष की तरफ से ही चेयर की मर्यादा को तार-तार किया गया है.

यह भी पढ़ें:मंत्री-स्पीकर प्रकरण: सबको रखना चाहिए सदन की गरिमा का ख्याल- नीतीश कुमार

नीतीश कुमार और तेजस्वी दोनों नहीं थे मौजूद
विधानसभा में मंत्री सम्राट चौधरी और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के बीच हुए विवाद का मामला पूरे दिन चर्चा में रहा. हालांकि, यह घटना जब हुई उस समय सदन में न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद थे और ना ही प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव. यहां तक कि संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद नहीं थे. बाद में संसदीय कार्य मंत्री ने विवाद को सलटाने में अहम भूमिका निभाई. वरिष्ठ नेताओं के कहने पर सम्राट चौधरी ने माफी मांग ली.

वहीं, अब इस बात को लेकर विधायकों के बयान आने शुरू हो गए हैं.

'माफी से काम नहीं चलेगा. जब सत्ता पक्ष ही और उसमें भी मंत्री आसन का सम्मान नहीं करेंगे तो आसन की मर्यादा कैसे बचेगी'.- संगीता कुमारी, राजद विधायक
'हम लोगों ने बैठे-बिठाए विपक्ष को मुद्दा दे दिया है. आसन तो सर्वोपरि है और कहीं ना कहीं बड़ी चूक जरूर हुई'.- जिवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री

'सदन में अक्सर ये होता था कि विपक्ष हंगामा करता था. तो सदन की कार्यवाही स्थगित होती थी. विरोध के बावजूद आजतक विपक्ष ने आसन का अपमान नहीं किया'- अजय कुमार, विधायक

बता दें कि सम्राट चौधरी मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बनाए गए हैं. वे बीजेपी कोटे से आते हैं. उन्हें नीतीश कैबिनेट में पंचायती राज मंत्री का जिम्मा मिला हुआ है.

पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक देखने को मिलती रहती है लेकिन बीते दिन स्पीकर और मंत्री के विवाद ने विपक्ष को बैठे-बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है. सदन में नेता प्रतिपक्ष नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों पर दागी होने का आरोप लगाते ही हैं. अब मंत्री के 'व्याकुल मत होइये' वाले बयान ने उन्हें सीएम नीतीश कुमार को घेरने का एक और मौका दे दिया है.

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स्पीकर के निर्देश पर भी मंत्री ने वापस नहीं लिया था बयान
दरअसल, किसी मुद्दे को लेकर सदन में बीजेपी कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को सदन में सवाल-जवाब के दौरान व्याकुल मत होइये कह दिया था. जिससे नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से शब्द वापस लेने का निर्देश देने पर भी मंत्री की ओर से दोबारा उसे दोहराया गया. अब इसी बात को लेकर विपक्ष एक बार फिर सरकार के घेरने में जुट गई है. विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि केवल माफी से काम चलने वाला नहीं है. इतिहास में पहली बार इस तरह की घटना हुई है और सत्ता पक्ष की तरफ से ही चेयर की मर्यादा को तार-तार किया गया है.

यह भी पढ़ें:मंत्री-स्पीकर प्रकरण: सबको रखना चाहिए सदन की गरिमा का ख्याल- नीतीश कुमार

नीतीश कुमार और तेजस्वी दोनों नहीं थे मौजूद
विधानसभा में मंत्री सम्राट चौधरी और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के बीच हुए विवाद का मामला पूरे दिन चर्चा में रहा. हालांकि, यह घटना जब हुई उस समय सदन में न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद थे और ना ही प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव. यहां तक कि संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद नहीं थे. बाद में संसदीय कार्य मंत्री ने विवाद को सलटाने में अहम भूमिका निभाई. वरिष्ठ नेताओं के कहने पर सम्राट चौधरी ने माफी मांग ली.

वहीं, अब इस बात को लेकर विधायकों के बयान आने शुरू हो गए हैं.

'माफी से काम नहीं चलेगा. जब सत्ता पक्ष ही और उसमें भी मंत्री आसन का सम्मान नहीं करेंगे तो आसन की मर्यादा कैसे बचेगी'.- संगीता कुमारी, राजद विधायक
'हम लोगों ने बैठे-बिठाए विपक्ष को मुद्दा दे दिया है. आसन तो सर्वोपरि है और कहीं ना कहीं बड़ी चूक जरूर हुई'.- जिवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री

'सदन में अक्सर ये होता था कि विपक्ष हंगामा करता था. तो सदन की कार्यवाही स्थगित होती थी. विरोध के बावजूद आजतक विपक्ष ने आसन का अपमान नहीं किया'- अजय कुमार, विधायक

बता दें कि सम्राट चौधरी मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बनाए गए हैं. वे बीजेपी कोटे से आते हैं. उन्हें नीतीश कैबिनेट में पंचायती राज मंत्री का जिम्मा मिला हुआ है.

Last Updated : Mar 18, 2021, 1:06 PM IST
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