पटना: कोरोना को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में कई मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं. केंद्र ने राज्य सरकारों को लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए राज्य और जिलों की सीमा सील करने निर्देश दिया है. वहीं राज्य के कई हिस्सों में प्रवासी मजदूरों की आवाजाही रोकने में प्रशासन पूरी तरह फेल हुआ है. इसी बीच लगभग 16 मजदूरों का एक जत्था बुधवार की देर रात झारखंड से बिना स्वास्थ्य जांच के राज्य की सीमा में प्रवेश कर गया.
बुधवार की देर रात जिले के नौबतपुर सीमा क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 139 पर 16 मजदूर देखे गए. पूछने पर पता चला कि सभी मजदूर झारखंड के पलामू जिले से साइकिल चला कर आए हैं और सभी सुपौल जा रहे हैं. इस दौरान ये मजदूर कई जिलों और बिहार की सीमा को बिना स्वास्थ्य जांच के पार करते हुए नौबतपुर थाना सीमा पर पहुंचे. लेकिन इन मजदूरों का ना तो बॉर्डर पर जांच हुआ और ना ही उनके रहने की व्यवस्था की गई. वहीं मजदूरों ने बताया कि इस दौरान उनकी कोई स्वास्थ्य जांच नही हुई. केवल सीमा पर प्रशासन ने नाम दर्ज करवा कर आगे बढ़ने का आदेश दे दिया.
नहीं मिली कोई सरकारी मदद
वहीं मो.परेवज ने बताया कि सभी मजदूर झारखंड के पलामू जिला में रजाई भरने का काम करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण काम बंद होने पर इनके सामने भूखमरी की नौबत आ गयी थी. उन्होंने बताया कि सरकार कि तरफ से कोई मदद नहीं मिलने पर ये लोग लोग खुद साइकिल लेकर अपने गांव की तरफ निकल पड़े.
प्रशासन की घोर लापरवाही
बता दें कि कोरोना के फैलते संक्रमण को लेकर पीएम मोदी ने देशवासियों से हाथ जोड़कर विनती की कि वे अपने घर से बाहर बिल्कुल न निकलें. लॉकडाउन का पालन करना इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने का एक मात्र रास्ता है. एकतरफ जहां इन मजदूरों का बिना स्वास्थ्य जांच के राज्य में प्रवेश करना प्रशासन की घोर लापरवाही है. वहीं कोरोना संक्रमण काल में यह एक गंभीर खतरे की ओर इशारा कर रही है.