पटना: पटना को स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए लगातार निगम काम कर रहा है. दरअसल साल 2017 में 25 करोड़ की लागत से नगर निगम ने राजधानी के विभिन्न इलाकों में मॉड्यूलर शौचालय का निर्माण करवाया था. ताकी लोग सार्वजनिक जगहों पर शौच ना कर सके. लेकिन बीते दो साल के बाद भी लोग इन शौचालयों की सुविधाओं का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं.
बता दें कि 2017 में इस मॉड्यूलर शौचालय का निर्माण पूरा हो गया. पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू ने इसका विधिवत उद्घाटन भी किया. शौचालय कुछ दिनों के लिए खुला भी, लेकिन साफ सफाई नहीं रहने के कारण निगम प्रशासन ने सभी शौचालय में ताले जड़ दिए.
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इन कारणों से फंसा मामला
सूत्रों के अनुसार राजधानी में इन शौचालयों की साफ-सफाई करने वाली एजेंसी त्रिशला सिक्योरिटी और निगम के बीच किसी बात को लेकर मामला फंस गया. लिहाजा एजेंसी ने सभी शौचालयों में ताला जड़ दिया है. निगम की ओर से एजेंसी को सुबह पांच बजे से आठ बजे और शाम को चार बजे से सात बजे तक शौचालयों की सफाई करने का निर्देश दिया गया. लेकिन एजेंसी ने सुबह पांच बजे से सफाई करने से हाथ खड़ा कर दिया. इसी बात को लेकर निगम और एजेंसी के बीच मामला फंस गया.
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नगर निगम अधिकारी ने दी जानकारी
नगर निगम के नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने अब ये फैसला लिया कि बहुत जल्द सभी शौचालय को आम लोगों के लिए नि:शुल्क खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन की टीम ही सभी शौचालयों की सफाई व्यवस्था करेगी. जिससे लोग सार्वजनिक जगहों पर शौच करने से परहेज करेंगे.
इन जगहों पर हुआ शौचायल का निर्माण
- मगध महिला कॉलेज
- इको पार्क गेट नंबर दो
- गार्डिनर रोड अस्पताल
- पटना जू गेट नंबर दो
- बांस घाट
- पाटलिपुत्र गोलंबर
- पाटलिपुत्र बीओआइ ब्रांच
- नाला पर
- दीघा सेंट माइकल स्कूल
- वीमेंस आइटीआइ
- पटना हाईकोर्ट के अंबेडकर पार्क
- कर्मचारी चयन आयोग एयरपोर्ट के पास
- सिंचाई भवन
- इनकम टैक्स-राजस्व भवन
- इंडरमीडिएट काउंसिल
- तारामंडल गेट नंबर दो
- बिस्कोमान गोलंबर
- एनआइटी मोड़
- एयरपोर्ट रोड-एलजेपी कार्यालय
- आयकर गोलंबर-सुधा बूथ
- पेसू कार्यालय
- चुनाव आयोग
- सचिवालय थाने
- पटना जीपीओ
- बीएन कॉलेज
- पटना सिविल कोर्ट
- पटना डेंटल कॉलेज
- गांधी घाट आदि अन्य और कई जगहों पर निर्माण कराया गया है.
120 पब्लिक शौचालय का हुआ निर्माण
बहरहाल, पटना नगर निगम की ओर से 75 वार्डों मे 120 पब्लिक शौचालय का निर्माण कराया गया है. साथ ही 25 करोड़ की लागत से राजधानी में 200 शौचालय और यूरिनल का निर्माण करवाया गया. वहीं, टाटा कंपनी और एचडीएफसी बैंक की ओर से भी सीएसआर के तहत इनका निर्माण को पूरा कर लिया गया है. इसमें 20 करोड़ टाटा और पांच करोड़ एचडीएफसी ने दिया है. बता दें कि इसके रखरखाव की जिम्मेदारी टाटा के पास है. जबकि सभी शौचालयों के लिए जमीन, पानी और उसमें टाइल्स निगम की ओर से लगाई गई है. लेकिन शौचालय के बदहाली स्थिति को देखकर नगर निगम खुद सभी शौचालय का देख रेख करने का निर्णय लिया है .