ETV Bharat / state

बिहार के शहरी क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक करेंगे इस्तेमाल तो लगेगा जुर्माना, कैबिनेट की मुहर - ईटीवी भारत न्यूज

नीतीश कैबिनेट की बैठक (Nitish cabinet meeting) समाप्त हो गई है. कुल 12 एजेंडा पर मुहर लगी है. बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (Single Use Plastic) लगा दिया गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक को खरीदने और बेचने पर जुर्माना लगेगा. इतनी ही नहीं पकड़े जाने पर क्रम से जुर्माना राशि बढ़ती जाएगी. पढ़ें रिपोर्ट..

बिहार के शहरी क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक करेंगे इस्तेमाल तो लगेगा जुर्माना
बिहार के शहरी क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक करेंगे इस्तेमाल तो लगेगा जुर्माना
author img

By

Published : Dec 12, 2022, 4:32 PM IST

पटना: बिहार कैबिनेट में 12 एजेंडा पर मुहर (12 Agenda Passed in Nitish Cabinet Meeting) लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर जुर्माना लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी (Single use plastic ban passed in cabinet meeting) दी गई है. घरेलू उपयोगकर्ता को 100 रुपये तो इसकी बिक्री पर 1500 का जुर्माना लगेगा. दूसरी बार और तीसरी बार पकड़े जाने पर क्रम से जुर्माना राशि बढ़ती जाएगी. शहरी क्षेत्रों में यह नियम लागू होगा.

ये भी पढ़ें- कृपया ध्यान दीजिए, थर्मोकोल प्लेट और प्लास्टिक ग्लास होने वाले हैं बंद, विकल्पों पर गौर जरूरी

दरअसल, थर्मोकोल और सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पाद पर्यावरण के लिए अत्यंत नुकसानदेह हैं. मनुष्य के जीवन पर भी ये बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक घोष कहते हैं कि थर्मोकोल और सिंगल यूज प्लास्टिक के लंबे समय तक इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है. इसके अलावा यह प्रकृति के अन्य चीजों पर भी बड़ा बुरा प्रभाव डालते हैं. इसलिए इनके इस्तेमाल को जल्द से जल्द बंद करना बहुत जरूरी है.

बिहार में 200 करोड़ का सालाना कारोबार: बता दें कि पूरे बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल का 200 करोड़ का सालाना व्यापार होता है. पूरे बिहार में 28 फैक्ट्रियां हैं जिसमें से चार केवल पटना में ही है. इन फैक्ट्रियों से हर रोज तकरीबन 45 टन प्लास्टिक ग्लास का उत्पादन होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस फील्ड से पूरे बिहार में करीब 3500 से 4000 श्रमिक जुड़े हुए हैं, जिनमें 80% के करीब महिलाएं हैं.

पर्यावरण के हित में फैसला: हालांकि अगर तस्वीर के दूसरे पहलू पर नजर डाली जाए तो प्लास्टिक एक अभिशाप भी बन चुका है. पूरे पटना में प्रतिदिन करीब 100 टन प्लास्टिक कचरे के रूप में निकलता है और अगर पूरे बिहार की बात करें तो सालाना करीब 5845 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है. इन प्लास्टिक के कारण एक तरफ जहां नालियां जाम होती है. वहीं पशु हो या मानव सबकी जान माल की हानि का भी नुकसान बना रहता है.


पटना: बिहार कैबिनेट में 12 एजेंडा पर मुहर (12 Agenda Passed in Nitish Cabinet Meeting) लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर जुर्माना लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी (Single use plastic ban passed in cabinet meeting) दी गई है. घरेलू उपयोगकर्ता को 100 रुपये तो इसकी बिक्री पर 1500 का जुर्माना लगेगा. दूसरी बार और तीसरी बार पकड़े जाने पर क्रम से जुर्माना राशि बढ़ती जाएगी. शहरी क्षेत्रों में यह नियम लागू होगा.

ये भी पढ़ें- कृपया ध्यान दीजिए, थर्मोकोल प्लेट और प्लास्टिक ग्लास होने वाले हैं बंद, विकल्पों पर गौर जरूरी

दरअसल, थर्मोकोल और सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पाद पर्यावरण के लिए अत्यंत नुकसानदेह हैं. मनुष्य के जीवन पर भी ये बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक घोष कहते हैं कि थर्मोकोल और सिंगल यूज प्लास्टिक के लंबे समय तक इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है. इसके अलावा यह प्रकृति के अन्य चीजों पर भी बड़ा बुरा प्रभाव डालते हैं. इसलिए इनके इस्तेमाल को जल्द से जल्द बंद करना बहुत जरूरी है.

बिहार में 200 करोड़ का सालाना कारोबार: बता दें कि पूरे बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल का 200 करोड़ का सालाना व्यापार होता है. पूरे बिहार में 28 फैक्ट्रियां हैं जिसमें से चार केवल पटना में ही है. इन फैक्ट्रियों से हर रोज तकरीबन 45 टन प्लास्टिक ग्लास का उत्पादन होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस फील्ड से पूरे बिहार में करीब 3500 से 4000 श्रमिक जुड़े हुए हैं, जिनमें 80% के करीब महिलाएं हैं.

पर्यावरण के हित में फैसला: हालांकि अगर तस्वीर के दूसरे पहलू पर नजर डाली जाए तो प्लास्टिक एक अभिशाप भी बन चुका है. पूरे पटना में प्रतिदिन करीब 100 टन प्लास्टिक कचरे के रूप में निकलता है और अगर पूरे बिहार की बात करें तो सालाना करीब 5845 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है. इन प्लास्टिक के कारण एक तरफ जहां नालियां जाम होती है. वहीं पशु हो या मानव सबकी जान माल की हानि का भी नुकसान बना रहता है.


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.