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पटना: बिहार रेजीमेंट सेंटर बना साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना, इनका आगमन मानसून का सूचक - साइबेरियन बर्ड

साइबेरियन क्रेन हर साल सात समंदर पार से महीनों का लंबा सफर तय कर बिहार की राजधानी पटना पहुंचते हैं. राजधानी के दानापुर में इनका ठिकाना सेना क्षेत्र इलाका रहा है.

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Published : Jun 15, 2021, 7:38 PM IST

पटना: बिहार में मानसून ने दस्तक दे दी है. वहीं, राजधानी पटना के बिहार रेजीमेंट सेंटर दानापुर में सात समंदर पार से आने वाले साइबेरियन क्रेन दिखने लगे हैं. साइबेरियन क्रेन को मानसून का सूचक माना जाता है. दानापुर में इन पक्षियों के आने से एक बार फिर दानापुर गुलजार हो गया है. खूबसूरत पक्षियों की चहचहाट से पूरा इलाका गूंज रहा है. ये प्रवासी पक्षी हैं और महीनों का सफर कर ये मानसून के समय ही यहां आते हैं.

ये भी पढ़ें- Kaimur News: तस्करी कर मवेशी को UP ले जा रहा था आरोपी, पुलिस ने दबोचा

सात समंदर पार से पहुंचे साइबेरियन क्रेन
साइबेरियन क्रेन, जांघील, ओपेन बिल स्टोर्क के नाम से जाने वाले ये प्रवासी पक्षी अपना ठिकाना दानापुर के सेना क्षेत्र में ही रखते हैं. गंगा किनारे प्रजनन के बाद बच्चों का पालन-पोषण करते हैं. इसके बाद फिर ये साइबेरिया लौट जाते हैं. अपने दोनों पंख फैलाकर फिजा में खूबसूरती बिखेर रहे इन साधारण से दिखने वाले पक्षियों को देखकर आप भी सोच रहे होंगे कि इनमें ऐसी क्या खासियत है. साइबेरियन क्रेन हर साल सात समंदर पार से महीनों का लंबा सफर तय कर बिहार की राजधानी पटना पहुंचते हैं. राजधानी के दानापुर में इनका ठिकाना सेना क्षेत्र इलाका रहा है.

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साइबेरियन क्रेन

गुलजार हुआ दानापुर छावनी क्षेत्र
सबसे खास बात यह है कि यह मानसून के पहले ही यहां पहुंच जाते हैं, इसलिए इन्हें बिहार में मानसून का सूचक माना जाता है. लोग हर साल इनका बेसब्री से इंतजार करते हैं. आर्मी में साइबेरियन क्रेन 1963 से 1971 तक आर्मी का प्रतीक चिह्न रहा है. इन पक्षियों के आगमन से जहां पूरा दानापुर छावनी क्षेत्र गुलजार हो गया है. वहीं, मानसून के आने की दस्तक से लोग काफी खुश हैं. अब तो लोगों को बस इंतजार है तो बस झमाझम होने वाली बारिश का, जो इस प्रचंड गर्मी से निजात के साथ खेतों को भी नई फसलों की सौगात दिला सके.

पटना: बिहार में मानसून ने दस्तक दे दी है. वहीं, राजधानी पटना के बिहार रेजीमेंट सेंटर दानापुर में सात समंदर पार से आने वाले साइबेरियन क्रेन दिखने लगे हैं. साइबेरियन क्रेन को मानसून का सूचक माना जाता है. दानापुर में इन पक्षियों के आने से एक बार फिर दानापुर गुलजार हो गया है. खूबसूरत पक्षियों की चहचहाट से पूरा इलाका गूंज रहा है. ये प्रवासी पक्षी हैं और महीनों का सफर कर ये मानसून के समय ही यहां आते हैं.

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सात समंदर पार से पहुंचे साइबेरियन क्रेन
साइबेरियन क्रेन, जांघील, ओपेन बिल स्टोर्क के नाम से जाने वाले ये प्रवासी पक्षी अपना ठिकाना दानापुर के सेना क्षेत्र में ही रखते हैं. गंगा किनारे प्रजनन के बाद बच्चों का पालन-पोषण करते हैं. इसके बाद फिर ये साइबेरिया लौट जाते हैं. अपने दोनों पंख फैलाकर फिजा में खूबसूरती बिखेर रहे इन साधारण से दिखने वाले पक्षियों को देखकर आप भी सोच रहे होंगे कि इनमें ऐसी क्या खासियत है. साइबेरियन क्रेन हर साल सात समंदर पार से महीनों का लंबा सफर तय कर बिहार की राजधानी पटना पहुंचते हैं. राजधानी के दानापुर में इनका ठिकाना सेना क्षेत्र इलाका रहा है.

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साइबेरियन क्रेन

गुलजार हुआ दानापुर छावनी क्षेत्र
सबसे खास बात यह है कि यह मानसून के पहले ही यहां पहुंच जाते हैं, इसलिए इन्हें बिहार में मानसून का सूचक माना जाता है. लोग हर साल इनका बेसब्री से इंतजार करते हैं. आर्मी में साइबेरियन क्रेन 1963 से 1971 तक आर्मी का प्रतीक चिह्न रहा है. इन पक्षियों के आगमन से जहां पूरा दानापुर छावनी क्षेत्र गुलजार हो गया है. वहीं, मानसून के आने की दस्तक से लोग काफी खुश हैं. अब तो लोगों को बस इंतजार है तो बस झमाझम होने वाली बारिश का, जो इस प्रचंड गर्मी से निजात के साथ खेतों को भी नई फसलों की सौगात दिला सके.

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