नई दिल्ली/ पटना: नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. इसे अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है. विपक्षी दल इसे अल्पसंख्यक विरोधी बिल बता रहे हैं. जदयू भी नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में रही है. लेकिन इस बार जेडीयू अच्छे से अध्ययन के बाद इसके पक्ष और विपक्ष में रहने पर विचार करेगी.
बता दें इस बिल में पड़ोसी मुल्कों से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटीजन एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इन समुदाय के उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो बीते 1 से लेकर 6 साल तक भारत में आकर बसे हैं. फिलहाल भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए यह अवधि 11 साल की है. वहीं, असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल के विरोध को रोकने के लिए सरकार कुछ उपायों पर विचार कर रही है.
जेडीयू करेगी विचार- श्याम रजक
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने इस पर कहा कि कई विवादित मुद्दों पर जदयू का बीजेपी से मतभेद है. हमारा गठबंधन भी बिहार में ही है. दूसरे राज्यों में जदयू बीजेपी से गठबंधन के बिना ही चुनाव लड़ेगी. राज्य का तेजी से विकास हो इसलिए बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन है. इसबार नागरिकता संशोधन विधेयक का हम लोग पहले अच्छे से अध्ययन करेंगे फिर तय होगा कि पार्टी का इस पर क्या रुख रहेगा. अध्ययन के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा कि संसद में इस विधेयक का समर्थन करना है या विरोध.