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नागरिकता संशोधन विधेयक पर बोले श्याम रजक- अध्ययन के बाद तय होगा JDU का रुख

नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटीजन एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इन समुदाय के उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो बीते 1 से लेकर 6 साल तक भारत में आकर बसे हैं.

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Published : Dec 4, 2019, 8:18 PM IST

नई दिल्ली/ पटना
नई दिल्ली/ पटना

नई दिल्ली/ पटना: नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. इसे अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है. विपक्षी दल इसे अल्पसंख्यक विरोधी बिल बता रहे हैं. जदयू भी नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में रही है. लेकिन इस बार जेडीयू अच्छे से अध्ययन के बाद इसके पक्ष और विपक्ष में रहने पर विचार करेगी.

बता दें इस बिल में पड़ोसी मुल्कों से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटीजन एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इन समुदाय के उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो बीते 1 से लेकर 6 साल तक भारत में आकर बसे हैं. फिलहाल भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए यह अवधि 11 साल की है. वहीं, असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल के विरोध को रोकने के लिए सरकार कुछ उपायों पर विचार कर रही है.

पेश है रिपोर्ट

जेडीयू करेगी विचार- श्याम रजक
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने इस पर कहा कि कई विवादित मुद्दों पर जदयू का बीजेपी से मतभेद है. हमारा गठबंधन भी बिहार में ही है. दूसरे राज्यों में जदयू बीजेपी से गठबंधन के बिना ही चुनाव लड़ेगी. राज्य का तेजी से विकास हो इसलिए बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन है. इसबार नागरिकता संशोधन विधेयक का हम लोग पहले अच्छे से अध्ययन करेंगे फिर तय होगा कि पार्टी का इस पर क्या रुख रहेगा. अध्ययन के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा कि संसद में इस विधेयक का समर्थन करना है या विरोध.

नई दिल्ली/ पटना: नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. इसे अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है. विपक्षी दल इसे अल्पसंख्यक विरोधी बिल बता रहे हैं. जदयू भी नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में रही है. लेकिन इस बार जेडीयू अच्छे से अध्ययन के बाद इसके पक्ष और विपक्ष में रहने पर विचार करेगी.

बता दें इस बिल में पड़ोसी मुल्कों से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटीजन एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इन समुदाय के उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो बीते 1 से लेकर 6 साल तक भारत में आकर बसे हैं. फिलहाल भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए यह अवधि 11 साल की है. वहीं, असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल के विरोध को रोकने के लिए सरकार कुछ उपायों पर विचार कर रही है.

पेश है रिपोर्ट

जेडीयू करेगी विचार- श्याम रजक
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने इस पर कहा कि कई विवादित मुद्दों पर जदयू का बीजेपी से मतभेद है. हमारा गठबंधन भी बिहार में ही है. दूसरे राज्यों में जदयू बीजेपी से गठबंधन के बिना ही चुनाव लड़ेगी. राज्य का तेजी से विकास हो इसलिए बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन है. इसबार नागरिकता संशोधन विधेयक का हम लोग पहले अच्छे से अध्ययन करेंगे फिर तय होगा कि पार्टी का इस पर क्या रुख रहेगा. अध्ययन के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा कि संसद में इस विधेयक का समर्थन करना है या विरोध.

Intro:'विवादित मुद्दों पर bjp का साथ jdu नहीं देती इसलिए CAB का जदयू अच्छे से अध्ययन करेगी तब रुख स्पष्ट करेगी'

नयी दिल्ली- नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई, इसे अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है, इस बिल में पड़ोसी मुल्कों से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है, विपक्षी दल इसे अल्पसंख्यक विरोधी बिल बता रहे हैं, जदयू भी नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में रही है


Body:बता दें नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटीजन एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है, इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है, इन समुदाय के उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो बीते 1 से लेकर 6 साल तक में भारत में आकर बसे हैं, फिलहाल भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए यह अवधि 11 साल की है. वहीं असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल के विरोध को रोकने के लिए सरकार कुछ उपायों पर विचार कर रही है




Conclusion:बिहार के उद्योग मंत्री और वरिष्ठ जेडीयू नेता श्याम रजक ने कहा है कि कई विवादित मुद्दों पर जदयू का मतभेद बीजेपी से है, हम लोगों का गठबंधन भी बिहार में ही है, दूसरे राज्यों में जदयू बिना bjp से गठबंधन के चुनाव लड़ती है, बिहार का तेजी से विकास हो इसलिए बिहार में बीजेपी और jdu का गठबंधन है, इसबार नागरिकता संशोधन विधेयक का हम लोग पहले अच्छे से अध्ययन करेंगे फिर तय होगा कि पार्टी का इस पर क्या रुख रहेगा, अच्छा से अध्ययन करने के बाद ही तय होगा कि संसद में इस विधेयक का समर्थन करना है या नहीं

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