पटनाः मंत्री पद से हटाए जाने के बाद बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्याम रजक ने अपने दिए एक बयान में कहा कि सामाजिक न्याय की जहां हत्या हो, मैं वहां नहीं रह सकता हूं. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे जो पार्टी से निकाला गया वह असंवैधानिक है.
'रात भर पढ़ी चंद्रशेखर जी की जेल यात्रा जाने वाली किताब'
पूर्व उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि रात भर मैं चंद्रशेखर जी की जेल यात्रा जाने वाली किताब को पढ़ता रहा. उसके बाद यही निर्णय लिया कि समाजिक न्याय के साथ समझौता नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपना इस्तीफा पत्र देने जा रहा हूं. उसके बाद लालू यादव के आवास पर आरजेडी की सदस्यता ग्रहण करूगां.
आज लेंगे राजद की सदस्यता
बता दें कि श्याम रजक के आरजेडी में शामिल होने की रविवार को पूरे दिन चर्चा होती रही. शाम में जदयू के तरफ से बर्खास्तगी का आदेश भी निकल गया और नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी कर दिया. अब पूर्व उद्योग मंत्री श्याम रजक आज आरजेडी की लालटेन थाम लेंगे. उन्होंने बताया कि वो वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में आरजेडी की सदस्यता लेंगे.
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जदयू के लिए है बड़ा झटका
वहीं, जदयू की तरफ से श्याम रजक को मनाने की कोई खास कोशिश नहीं की गई. श्याम रजक काफी समय से नाराज चल रहे थे. पार्टी में उपेक्षा से नाराज थे, तो वही उद्योग मंत्रालय मिलने से भी खुश नहीं थे. 15 अगस्त को फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र जहां से वो हमेशा चुनाव जीतते रहे हैं, वहां बैठक की और उसके बाद ही पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया.
रविवार को पूरे दिन इसकी चर्चा होती रही. हालांकि खुलकर श्याम रजक ने नहीं बोला. लेकिन जदयू को जब इसकी पक्की सूचना मिल गई तो वशिष्ठ नारायण सिंह ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त किया
2009 में राजद छोड़कर जेडीयू में गए
श्याम रजक कभी लालू प्रसाद यादव के काफी खास हुआ करते थे. श्याम और राम की जोड़ी एक समय खूब चर्चा में थी. लेकिन श्याम रजक और रामकृपाल यादव दोनों का राजद के रवैया से मोहभंग हो गया. रामकृपाल जहां बीजेपी में शामिल हो गए हैं तो वहीं श्याम रजक जदयू में. श्याम रजक वर्ष 2009 में राजद छोड़कर जदयू में आए थे. उस समय उन्होंने राजद में अपने अपमान की बात कही थी.