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पारस गुट का बड़ा आरोप- दलितों एवं वंचित समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं चिराग पासवान

चिराग गुट और पशुपति पारस गुट आमने-सामने है. दोनों तरफ से एक-दूसरे पर वार किया जा रहा है. इसी कड़ी में लोजपा के पारस गुट के प्रवक्ता ने चिराग पासवान पर तीखा हमला बोला है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 4, 2021, 9:49 PM IST

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता (पशुपति पारस गुट) श्रवण कुमार अग्रवाल (Shravan Kumar Agarwal) ने चिराग पासवान को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने चिराग पासवान (Chirag Paswan) को चैलेंज देते हुए कहा कि लोकसभा का आरक्षित सीट छोड़कर बिहार में किसी सामान्य सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ें तब पता चलेगा. श्रवण अग्रवाल के अनुसार चिराग पासवान कहीं से भी बिहारी नहीं है. उनके संस्कार और संस्कृति में कहीं से भी बिहारीपन नहीं झलकता है. चिराग पासवान मुबंई और दिल्ली में रहने वाले दलित विरोधी ताकतों के साथ सांठ-गांठ किए हैं.

ये भी पढ़ें- अब नए नाम और सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान.. 'बंगला फ्रीज होने के पीछे षडयंत्र'

श्रवण अग्रवाल ने चिराग पासवान के द्वारा 18 जून 2021 को मीडिया में दिये गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान जाति व्यवस्था के खिलाफ हैं. चिराग ने कहा था कि बिहार को बर्बाद करने में जाति व्यवस्था मुख्य रूप से जिम्मेवार है. श्रवण अग्रवाल ने आरोप लगाया कि चिराग ने दलितों को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की बात अपने बयान में की थी. इसलिए चिराग पासवान को आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की बजाय सामन्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए.

श्रवण अग्रवाल ने कहा कि चिराग पासवान ने जो बयान दिया था उसने हमारे दिवंगत नेता स्व. रामविलास पासवान की आत्मा को आहत किया है. उनके द्वारा मंडल कमीशन लागू करवाया था, उस अभियान को भी चिराग के बयान ने कमजोर किया था. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि चिराग पासवान पूरी तरह से वंचित समाज, दलित, शोषित, पीड़ित तथा समाज के अंतिम पायदान और हासिये पर खड़े लोगों के खिलाफ हैं. चिराग पासवान बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का नारा लगाते हैं और दूसरी तरफ बिहारी अस्मिता एवं बिहारी सम्मान को दिल्ली में बैठकर चोट पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़ें- LJP का चुनाव चिन्ह हुआ फ्रीज, पार्टी में दो फाड़ होने पर EC कैसे करता है सिंबल का फैसला ?

श्रवण अग्रवाल ने कहा कि चिराग पासवान दलित विरोधी ताकतों के साथ सांठ-गांठ किए हैं. जिसमें एक व्यक्ति वह है जो अपने आपको राजनीति का चाणक्य बताता है और वो अभी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का चाणक्य था, उसके साथ मिलकर स्व. रामविलास पासवान के बनाये हुए बंगले और लोजपा को खत्म करने की साचिश रच रहे थे. हमारी पार्टी के सभी सांसदों और देश के लाखों दलित सेना और लोजपा के साथियों ने स्व. रामविलास पासवान की विचारधारा, उनके सिंद्धात, उनके अरमान और उनके खून पसीने से बनायी हुई पार्टी को खत्म होने से बचाने का काम किया है.

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता (पशुपति पारस गुट) श्रवण कुमार अग्रवाल (Shravan Kumar Agarwal) ने चिराग पासवान को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने चिराग पासवान (Chirag Paswan) को चैलेंज देते हुए कहा कि लोकसभा का आरक्षित सीट छोड़कर बिहार में किसी सामान्य सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ें तब पता चलेगा. श्रवण अग्रवाल के अनुसार चिराग पासवान कहीं से भी बिहारी नहीं है. उनके संस्कार और संस्कृति में कहीं से भी बिहारीपन नहीं झलकता है. चिराग पासवान मुबंई और दिल्ली में रहने वाले दलित विरोधी ताकतों के साथ सांठ-गांठ किए हैं.

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श्रवण अग्रवाल ने चिराग पासवान के द्वारा 18 जून 2021 को मीडिया में दिये गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान जाति व्यवस्था के खिलाफ हैं. चिराग ने कहा था कि बिहार को बर्बाद करने में जाति व्यवस्था मुख्य रूप से जिम्मेवार है. श्रवण अग्रवाल ने आरोप लगाया कि चिराग ने दलितों को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की बात अपने बयान में की थी. इसलिए चिराग पासवान को आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की बजाय सामन्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए.

श्रवण अग्रवाल ने कहा कि चिराग पासवान ने जो बयान दिया था उसने हमारे दिवंगत नेता स्व. रामविलास पासवान की आत्मा को आहत किया है. उनके द्वारा मंडल कमीशन लागू करवाया था, उस अभियान को भी चिराग के बयान ने कमजोर किया था. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि चिराग पासवान पूरी तरह से वंचित समाज, दलित, शोषित, पीड़ित तथा समाज के अंतिम पायदान और हासिये पर खड़े लोगों के खिलाफ हैं. चिराग पासवान बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का नारा लगाते हैं और दूसरी तरफ बिहारी अस्मिता एवं बिहारी सम्मान को दिल्ली में बैठकर चोट पहुंचाते हैं.

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श्रवण अग्रवाल ने कहा कि चिराग पासवान दलित विरोधी ताकतों के साथ सांठ-गांठ किए हैं. जिसमें एक व्यक्ति वह है जो अपने आपको राजनीति का चाणक्य बताता है और वो अभी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का चाणक्य था, उसके साथ मिलकर स्व. रामविलास पासवान के बनाये हुए बंगले और लोजपा को खत्म करने की साचिश रच रहे थे. हमारी पार्टी के सभी सांसदों और देश के लाखों दलित सेना और लोजपा के साथियों ने स्व. रामविलास पासवान की विचारधारा, उनके सिंद्धात, उनके अरमान और उनके खून पसीने से बनायी हुई पार्टी को खत्म होने से बचाने का काम किया है.

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