पटनाः बिहार में जबरदस्त सियासत के बाद आखिरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ट्रेन चलाने और ट्रेन के जरिए प्रवासी लोगों को अपने घर तक पहुंचाने की इजाजत दे दी है. एक तरफ देश में लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है, तो वहीं दूसरी तरफ श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए अपने घर से दूर किसी और राज्य में फंसे लोगों को ट्रेन से उनके राज्य तक भेजने की इजाजत देकर केंद्र ने बड़ी राहत दी है. बिहार के लिए कौन-कौन सी ट्रेन चलेगी और इन ट्रेनों में क्या नियम कानून होंगे. इसे लेकर पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ से एक्सक्लूसिव बात की पटना संवाददाता अमित वर्मा ने.
बाहर फंसे बिहारियों के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन
सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि बिहार के लिए पहली ट्रेन 1 मई की रात 10 बजे जयपुर से खुलेगी और अगले दिन 12 बजकर 45 मिनट पर पटना पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि यह ट्रेन बीच में कहीं नहीं रुकेगी. श्रमिक स्पेशल ट्रेन में किसी को भी बीच रास्ते में ना तो चढ़ने की इजाजत होगी और ना ही उतरने की.
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बीच में किसी को भी चढ़ने की इजाजत नहीं
वहीं, सीपीआरओ ने बताया कि यह तो सिर्फ राज्य ही निर्णय लेंगे कि उन्हें किस जगह से ट्रेन के जरिए अपने लोगों को बुलाना है. राज्य इसकी जानकारी रेलवे को देंगे. जिसके बाद रेलवे ट्रेनों का इंतजाम करेगा. उन्होंने कहा कि छोटी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों के खाने-पीने का इंतजाम वह राज्य करेंगे जहां से यात्री यात्रा शुरू करेंगे. लंबी दूरी की ट्रेनों में रेलवे यात्रियों के खाने-पीने का इंतजाम करेगा. उन्होंने साफ कहा कि यात्रियों को टिकट लेना होगा और बिना स्क्रीनिंग के कोई भी यात्री ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकता. जब तक यह कन्फर्म ना हो कि यात्री पूरी तरह स्वस्थ है, तब तक उसे यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी. सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखना पड़ेगा. मास्क लगाना पड़ेगा, तभी वह यात्री ट्रेन में यात्रा कर सकेगा. सीपीआरओ ने कहा कि अगली ट्रेन कौन सी होगी और कहां से चलेगी इसका निर्णय राज्य सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी लेंगे.