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पटना: शोपीस बना गंगा रिसर्च सेंटर, एक साल बाद भी शुरू नहीं हो सका काम

गंगा की बेहतरी के लिए फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया था. लेकिन एक साल बीतने के बावजूद वो सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है.

गंगा रिसर्च सेंटर
गंगा रिसर्च सेंटर
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Published : Jan 18, 2020, 9:22 PM IST

पटना: राजधानी के कलेक्ट्रेट घाट पर गंगा की बेहतरी और इससे जुड़े अन्य विषयों पर गहन अध्ययन के लिए गंगा रिसर्च सेंटर बनाया गया था. 17 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका रिमोट के जरिए उद्घाटन किया था. ये परियोजना केंद्र सरकार के नमामि गंगे का एक हिस्सा है. जिस पर लगभग 243.27 करोड़ खर्च आया है.

patna
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था उद्घाटन

रिसर्च सेंटर पर कोई नहीं है मौजूद
इस परियोजना में 16 घाट, 1 शवदाह गृह और तीन भवन का निर्माण हुआ था. लेकिन बिल्डिंग बनने के लगभग 11 महीने के बाद भी इसमें कोई काम शुरू नहीं हुआ है. हालात ये हैं कि गंगा रिसर्च सेंटर पर कोई कुछ बताने वाला भी नहीं है और ना ही यहां कोई सामान रखा है. इसीलिए वहां किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है. शानदार बिल्डिंग बनकर तो तैयार है. लेकिन गंगा के बारे में अध्ययन करना तो दूर अभी तक इसका गेट तक नहीं खुला है.

शोपीस बना गंगा रिसर्च सेंटर

कई तरह के प्रोग्राम बनाती है सरकार
सरकार गंगा की सफाई और गंगा पर अध्ययन के लिए अनेक तरह के प्रोग्राम बनाती है. लेकिन गंगा रिसर्च सेंटर को देखकर उनके मंसूबों के बारे में साफ पता चल जाता है कि सरकार गंगा नदी को लेकर कितनी सजग है.

पटना: राजधानी के कलेक्ट्रेट घाट पर गंगा की बेहतरी और इससे जुड़े अन्य विषयों पर गहन अध्ययन के लिए गंगा रिसर्च सेंटर बनाया गया था. 17 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका रिमोट के जरिए उद्घाटन किया था. ये परियोजना केंद्र सरकार के नमामि गंगे का एक हिस्सा है. जिस पर लगभग 243.27 करोड़ खर्च आया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था उद्घाटन

रिसर्च सेंटर पर कोई नहीं है मौजूद
इस परियोजना में 16 घाट, 1 शवदाह गृह और तीन भवन का निर्माण हुआ था. लेकिन बिल्डिंग बनने के लगभग 11 महीने के बाद भी इसमें कोई काम शुरू नहीं हुआ है. हालात ये हैं कि गंगा रिसर्च सेंटर पर कोई कुछ बताने वाला भी नहीं है और ना ही यहां कोई सामान रखा है. इसीलिए वहां किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है. शानदार बिल्डिंग बनकर तो तैयार है. लेकिन गंगा के बारे में अध्ययन करना तो दूर अभी तक इसका गेट तक नहीं खुला है.

शोपीस बना गंगा रिसर्च सेंटर

कई तरह के प्रोग्राम बनाती है सरकार
सरकार गंगा की सफाई और गंगा पर अध्ययन के लिए अनेक तरह के प्रोग्राम बनाती है. लेकिन गंगा रिसर्च सेंटर को देखकर उनके मंसूबों के बारे में साफ पता चल जाता है कि सरकार गंगा नदी को लेकर कितनी सजग है.

Intro: गंगा के बेहतरी के लिए फरवरी 19 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया था लेकिन आज लगभग 1 साल बीतने के बावजूद वह सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है


Body:राजधानी पटना के कलेक्ट्रेट घाट पर गंगा रिसर्च सेंटर गंगा के बेहतरी के लिए और गंगा नदी से जुड़े अन्य विषयों पर गहन अध्ययन के लिए बनाया गया था 17 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका रिमोट के जरिए उद्घाटन किया था यह परियोजना केंद्र सरकार के नमामि गंगे का एक हिस्सा है जिस पर लगभग 243 .2 7 करोड़ खर्च आया है इसमें 16 घाट 1 शब्दाहगृह और तीन भवन का निर्माण हुआ था लेकिन बिल्डिंग बनने के लगभग 11 महीने के बाद भी इसमें कोई काम शुरू नहीं हुआ है हालात यह है कि मैं यहां कोई कुछ बताने वाला है ना ही कुछ आप अंदर जाकर देख सकते हैं क्योंकि किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है शानदार बिल्डिंग बनकर तो तैयार है लेकिन गंगा के बारे में अध्ययन करना तो दूर अभी तक इसका गेट तक नहीं खुला है


Conclusion: गंगा के सफाई के लिए और गंगा पर अध्ययन के लिए अनेक तरह के प्रोग्राम सरकार बनाती है लेकिन गंगा रिसर्च सेंटर को देखकर सरकार के मंसूबों के बारे में साफ पता चल जाता है की कितनी जरूरत है गंगा नदी की
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