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बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने दिया इस्तीफा - बिहार महासमर 2020

उम्मीदवार के चयन से लेकर, चुनावी सभा तक सवालों के घेरे में हैं. पार्टी के अंदर और गठबंधन के सहयोगी भी यह खुलकर कह रहे हैं कि कांग्रेस को गठबंधन में मजबूत सीट पर ही चुनाव लड़ना चाहिए था. राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी और माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या ने इसको लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी.

shakti singh gohil and madan mohan jha offer resignation after bihar election
shakti singh gohil and madan mohan jha offer resignation after bihar election
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Published : Nov 19, 2020, 10:22 AM IST

Updated : Nov 19, 2020, 4:36 PM IST

पटना: बिहार कांग्रेस से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है.

एआईसीसी की बैठक में प्रभारी व राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने सौंपी. बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल राव कर रहे थे. वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन और हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है.

अभी तक इस्तीफा नहीं हुआ है स्वीकार

हालांकि, अभी तक सोनिया गांधी ने प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं को दिल्ली तलब किया है. छठ के बाद अगले सप्ताह दोनों नेता सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जाएंगे.

राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के प्रभारियों ने भी इस्तीफे की पेशकश की

खबर यह भी है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के प्रभारी ने भी पार्टी हाईकमान को इस्तीफे की पेशकश की है. इन राज्यों में उप चुनाव में भी कांग्रेस ने कोई खास बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है. बता दें कि बिहार चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. बिहार से संबंधित कई कांग्रेस नेताओं ने हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर बुधवार को व्यापक समीक्षा की पैरवी की और कहा कि आलाकमान से निर्देश मिलने के बाद वे इस दिशा में आगे बढ़ेंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समीक्षा की मांग की

कांग्रेस नेताओं के एक धड़े ने बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की मांग की है. वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तो अब कारगर कदम उठाने की पैरवी की है. कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने भी कहा है कि बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर आत्मचिंतन होना चाहिए.

सिर्फ 19 सीटों पर जीती कांग्रेस

विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की घटक कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सत्ता से दूर रह जाने का एक प्रमुख कारण कांग्रेस के इस निराशाजनक प्रदर्शन को भी माना जा रहा है.

राजद और माले ने किया था सवाल खड़ा

उम्मीदवार के चयन से लेकर, चुनावी सभा तक सवालों के घेरे में हैं. पार्टी के अंदर और गठबंधन के सहयोगी भी यह खुलकर कह रहे हैं कि कांग्रेस को गठबंधन में मजबूत सीट पर ही चुनाव लड़ना चाहिए था. राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी और माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या ने इसको लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी.

पटना: बिहार कांग्रेस से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है.

एआईसीसी की बैठक में प्रभारी व राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने सौंपी. बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल राव कर रहे थे. वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन और हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है.

अभी तक इस्तीफा नहीं हुआ है स्वीकार

हालांकि, अभी तक सोनिया गांधी ने प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं को दिल्ली तलब किया है. छठ के बाद अगले सप्ताह दोनों नेता सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जाएंगे.

राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के प्रभारियों ने भी इस्तीफे की पेशकश की

खबर यह भी है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के प्रभारी ने भी पार्टी हाईकमान को इस्तीफे की पेशकश की है. इन राज्यों में उप चुनाव में भी कांग्रेस ने कोई खास बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है. बता दें कि बिहार चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. बिहार से संबंधित कई कांग्रेस नेताओं ने हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर बुधवार को व्यापक समीक्षा की पैरवी की और कहा कि आलाकमान से निर्देश मिलने के बाद वे इस दिशा में आगे बढ़ेंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समीक्षा की मांग की

कांग्रेस नेताओं के एक धड़े ने बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की मांग की है. वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तो अब कारगर कदम उठाने की पैरवी की है. कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने भी कहा है कि बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर आत्मचिंतन होना चाहिए.

सिर्फ 19 सीटों पर जीती कांग्रेस

विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की घटक कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सत्ता से दूर रह जाने का एक प्रमुख कारण कांग्रेस के इस निराशाजनक प्रदर्शन को भी माना जा रहा है.

राजद और माले ने किया था सवाल खड़ा

उम्मीदवार के चयन से लेकर, चुनावी सभा तक सवालों के घेरे में हैं. पार्टी के अंदर और गठबंधन के सहयोगी भी यह खुलकर कह रहे हैं कि कांग्रेस को गठबंधन में मजबूत सीट पर ही चुनाव लड़ना चाहिए था. राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी और माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या ने इसको लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी.

Last Updated : Nov 19, 2020, 4:36 PM IST
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