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पटना जू में छठ व्रतियों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, अर्घ्य देने हजारों लोग पहुंचते हैं हर साल

छठ पूजा के लिए हर साल तकरीबन 30 से 35 हजार लोग चिड़ियाघर स्थित झील में अर्घ्य देने आते हैं. जिसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. झील के चारों तरफ जगह-जगह पर वॉच टावर बनाए गए हैं. झील में चारों तरफ बैरिकेटिंग कर दी गई है.

पटना जू का छठ घाट
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Published : Nov 2, 2019, 4:18 PM IST

पटनाः लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन छठ व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. राजधानी पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान स्थित झील में हर साल हजारों की तादाद में छठ व्रती जुटते हैं. झील के पानी में उतरकर भगवान भास्कर का ध्यान लगाते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं. हर साल तकरीबन 30 से 35 हजार लोग चिड़ियाघर में छठ करने आते हैं.

झील में चारों तरफ की गई बैरिकेटिंग
छठ पूजा के लिए चिड़ियाघर स्थित झील में चारों तरफ से बैरिकेटिंग कर दी गई है. ताकि छठ व्रती आगे गहरे पानी मैं ना चले जाएं. सुरक्षा को लेकर तमाम उपाय किए जा चुके हैं और झील के पूर्वी और पश्चिमी छोर पर दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. कंट्रोल रूम में दंड अधिकारियों की तैनाती है. साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान काफी संख्या में मौजूद हैं.

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छठ के लिए तैयार पटना का चिड़ियाघर

सुरक्षा को लेकर किए गए पुख्ता इंतजाम
दंडाधिकारी मनोज कुमार बताते हैं कि सुरक्षा को लेकर सभी इंतजाम किए जा चुके हैं. चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है. झील के चारों तरफ जगह-जगह पर वॉच टावर भी बनाए गए हैं. वहीं, दंडाधिकारी कुमारी मीना बताती हैं कि मेडिकल का भी यहां पुख्ता इंतजाम है. कंट्रोल रूम में डॉक्टरों की भी नियुक्ति की गई है. ताकि अगर किसी की अचानक तबीयत बिगड़ जाए तो उसे संभाला जा सके.

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बैनर पर अधिकारियों के कांटेक्ट नंबर

बैनर पर लिखा गया अधिकारियों का फोन नंबर
उन्होंने बताया कि छठव्रती की सुविधा के लिए कई जगहों पर चेंजिंग रूम बनाए गए हैं. ताकि भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद लोग आसानी से कपड़े बदल सकें. कंट्रोल रूम में महत्वपूर्ण अधिकारियों के कांटेक्ट नंबर बैनर पर हैं, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में कोई भी सूचना दें सकें.

पटना जू के छठ घाट पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम

चिड़ियाघर में पटाखे छोड़ने की मनाही
बता दें कि चिड़ियाघर ग्रीन जोन है और झील के आस-पास पटाखे छोड़ने की मनाही है. जानवरों को पटाखों की आवाज से कोई परेशानी ना हो, इसलिए चिड़ियाघर के अंदर स्थित इस घाट के आसपास के पूरे इलाके में पटाखे छोड़ना प्रतिबंधित है. झील के किनारे बैनर के माध्यम से भी आतिशबाजी ना करने की अपील की गई है और आतिशबाजी करने पर भारी दंड का भी प्रावधान है.

पटनाः लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन छठ व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. राजधानी पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान स्थित झील में हर साल हजारों की तादाद में छठ व्रती जुटते हैं. झील के पानी में उतरकर भगवान भास्कर का ध्यान लगाते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं. हर साल तकरीबन 30 से 35 हजार लोग चिड़ियाघर में छठ करने आते हैं.

झील में चारों तरफ की गई बैरिकेटिंग
छठ पूजा के लिए चिड़ियाघर स्थित झील में चारों तरफ से बैरिकेटिंग कर दी गई है. ताकि छठ व्रती आगे गहरे पानी मैं ना चले जाएं. सुरक्षा को लेकर तमाम उपाय किए जा चुके हैं और झील के पूर्वी और पश्चिमी छोर पर दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. कंट्रोल रूम में दंड अधिकारियों की तैनाती है. साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान काफी संख्या में मौजूद हैं.

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छठ के लिए तैयार पटना का चिड़ियाघर

सुरक्षा को लेकर किए गए पुख्ता इंतजाम
दंडाधिकारी मनोज कुमार बताते हैं कि सुरक्षा को लेकर सभी इंतजाम किए जा चुके हैं. चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है. झील के चारों तरफ जगह-जगह पर वॉच टावर भी बनाए गए हैं. वहीं, दंडाधिकारी कुमारी मीना बताती हैं कि मेडिकल का भी यहां पुख्ता इंतजाम है. कंट्रोल रूम में डॉक्टरों की भी नियुक्ति की गई है. ताकि अगर किसी की अचानक तबीयत बिगड़ जाए तो उसे संभाला जा सके.

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बैनर पर अधिकारियों के कांटेक्ट नंबर

बैनर पर लिखा गया अधिकारियों का फोन नंबर
उन्होंने बताया कि छठव्रती की सुविधा के लिए कई जगहों पर चेंजिंग रूम बनाए गए हैं. ताकि भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद लोग आसानी से कपड़े बदल सकें. कंट्रोल रूम में महत्वपूर्ण अधिकारियों के कांटेक्ट नंबर बैनर पर हैं, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में कोई भी सूचना दें सकें.

पटना जू के छठ घाट पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम

चिड़ियाघर में पटाखे छोड़ने की मनाही
बता दें कि चिड़ियाघर ग्रीन जोन है और झील के आस-पास पटाखे छोड़ने की मनाही है. जानवरों को पटाखों की आवाज से कोई परेशानी ना हो, इसलिए चिड़ियाघर के अंदर स्थित इस घाट के आसपास के पूरे इलाके में पटाखे छोड़ना प्रतिबंधित है. झील के किनारे बैनर के माध्यम से भी आतिशबाजी ना करने की अपील की गई है और आतिशबाजी करने पर भारी दंड का भी प्रावधान है.

Intro:लोक आस्था के महापर्व छठ के आज पहले अर्घ्य का दिन है. राजधानी पटना के कई तालाबों में छठ व्रती भगवान भास्कर को अर्घ देते हैं. राजधानी पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में स्थित झील में भी हर साल हजारों की तादाद में छठ व्रती जुटते हैं और झील की पानी में उतर कर भगवान भास्कर का ध्यान लगाते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं. हर साल अमूमन 30 से 35 हजार की संख्या में छोड़ती चिड़ियाघर स्थित झील में छठ करने आते हैं.


Body:चिड़ियाघर स्थित झील में चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई है ताकि छठ व्रती आगे गहरे पानी मैं ना चले जाएं. सुरक्षा को लेकर तमाम उपाय किए जा चुके हैं और झील के पूर्वी और पश्चिमी छोर पर दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. कंट्रोल रूम में दंड अधिकारियों की तैनाती है साथी सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान काफी संख्या में मौजूद है. दंडाधिकारी मनोज कुमार बताते हैं कि सुरक्षा को लेकर सभी इंतजाम आद किए जा चुके हैं चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है. झील के चारों तरफ जगह-जगह पर वॉच टावर भी बनाए गए हैं.


Conclusion:दंडाधिकारी कुमारी मीना बताती है कि मेडिकल के भी यहां पुख्ता इंतजाम है और कंट्रोल रूम में डॉक्टरों की भी नियुक्ति की गई है ताकि अगर किसी के साथ कुछ आपातकालीन परिस्थिति आती है तो उसे संभाला जा सके. उन्होंने बताया कि छठ उड़ती हो की सुविधा के लिए कई जगहों पर चेंजिंग रूम बनाए गए हैं ताकि भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद आसानी से कपड़े बदल सके. कंट्रोल रूम में महत्वपूर्ण अधिकारियों के कांटेक्ट नंबर बैनर पर हैं ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में कोई भी सूचना दे सके.
आपको बता दें कि चिड़ियाघर ग्रीन जोन है और झील के आस-पास पटाखे छोड़ने की मनाही है. चिड़ियाघर के जानवरों को पटाखों की आवाज से किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसलिए चिड़ियाघर के अंदर स्थिति इस छठ घाट के आसपास के पूरे इलाके में पटाखे छोड़ना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. झील के किनारे बैनर के माध्यम से भी आतिशबाजी ना करने की अपील की गई है और आतिशबाजी करने पर भारी दंड का भी प्रावधान है.
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